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बिहार में सियासी भूचाल: राष्ट्रगान अपमान मामले में CM नीतीश को बेगूसराय कोर्ट का नोटिस

बिहार में सियासी भूचाल: राष्ट्रगान अपमान मामले में CM नीतीश को बेगूसराय कोर्ट का नोटिस

“बिहार की सत्ता पर संकट? राष्ट्रगान विवाद में फंसे नीतीश, BJP चुप क्यों?”

क्या हुआ पूरा मामला?

  • 20 मार्च को पटना के पाटलिपुत्र स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान बज रहा था। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बैठे हुए और आसपास के अधिकारियों से बात करते देखा गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद उन पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगा। बेगूसराय कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए नीतीश कुमार को नोटिस जारी किया है।
  • यह मुकदमा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ 22 मार्च को न्यायालय में परिवाद पत्र संख्या 321/2025 के तहत दर्ज कराया गया है।

याचिकाकर्ता :

याचिकाकर्ता भगतपुर के रहने वाले अधिवक्ता विकास पासवान है। अधिवक्ता विकास पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा-3 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है

विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया :

इस पर RJD नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री के प्यारे सीएम ने राष्ट्रगान का अपमान किया, क्या आरएसएस-भाजपा इसका समर्थन करेगी?” उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा, “सीएम साहब, कम से कम राष्ट्रगान का तो सम्मान करें। आप हर दिन युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों का अपमान करते हैं।” RJD की राबड़ी देवी ने भी नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि वे बार-बार राष्ट्रीय प्रतीकों का मजाक उड़ाते हैं।

कानूनी पहलू: क्या हो सकती है सजा?

इस मामले में राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-3 लगाई गई है, जिसके तहत अधिकतम 3 साल की जेल हो सकती है। कोर्ट ने नीतीश कुमार से जवाब मांगा है और पुलिस से जांच की मांग की है। विधि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आरोप साबित होता है, तो यह मामला बिहार की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकता है। हालांकि, अभी तक BJP ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

नीतीश कुमार के लिए बड़ी राजनीतिक चुनौती :

यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार विवादों में घिरे हैं। 2020 में उन्होंने कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा, लेकिन वे अभी भी सीएम पद पर बने हुए हैं। विपक्ष ने उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिरता पर सवाल उठाए हैं। RJD और कांग्रेस लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। अगर इस मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई होती है, तो बिहार की सत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा हो सकता है।

आगे की कार्रवाई और संभावित प्रभाव :

आगे होने वाली सुनवाई में कोर्ट नीतीश कुमार की दलीलें सुनेगी। अगर उनके खिलाफ केस आगे बढ़ता है, तो बिहार सरकार पर गंभीर सवाल उठेंगे। सोशल मीडिया पर #ResignNitish ट्रेंड कर रहा था , जिससे साफ है कि जनता भी इस मामले को गंभीरता से ले रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस विवाद का असर आने वाले चुनावों पर भी पड़ सकता है।

निष्कर्ष :

यह मामला सिर्फ एक कानूनी विवाद नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। अगर नीतीश कुमार को दोषी ठहराया जाता है, तो उनकी राजनीतिक छवि को गंभीर झटका लग सकता है। साथ ही, बिहार में सरकार की स्थिरता पर भी सवाल उठ सकते हैं।

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