चुनाव आचार संहिता उल्लंघन: बॉम्बे HC द्वारा भाजपा नेताओं को नोटिस!
नागपुर, 10 मई 2024: बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दो भाजपा विधायकों को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई 2024 के विधानसभा चुनावों में हारे कांग्रेस उम्मीदवारों की याचिकाओं के बाद हुई।
चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल
न्यायमूर्ति प्रवीण पाटिल की पीठ ने फडणवीस (नागपुर दक्षिण-पश्चिम), मोहन मते (नागपुर दक्षिण) और कीर्तिकुमार भांगड़िया (चिमुर) को 8 मई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। याचिकाओं में ईवीएम प्रोटोकॉल उल्लंघन, वीवीपीएटी सत्यापन की कमी, और सीसीटीवी फुटेज न दिखाने जैसे आरोप शामिल हैं।
‘चुनाव आचार संहिता उल्लंघन’ पर कांग्रेस ने क्या कहा?
पराजित उम्मीदवार प्रफुल्ल गुडाधे, किरण पांडव और सतीश वारजुकर ने दावा किया कि चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से नतीजे प्रभावित हुए। इसके अलावा उनके वकीलों ने बताया, “अधिसूचना के बिना ईवीएम इस्तेमाल हुआ, जो नियमों के खिलाफ है।”
भाजपा की प्रतिक्रिया और अगली कार्यवाही
भाजपा ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों को “राजनीतिक षड्यंत्र” बताया। हालांकि, अदालत ने सभी पक्षों को सबूत पेश करने का मौका दिया। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में हुए चुनावों में भाजपा ने 140 सीटें जीती थीं।
विशेषज्ञों की राय: क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?
चुनाव कानून विशेषज्ञ डॉ. राजीव शर्मा के अनुसार, “बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला चुनावी पारदर्शिता के लिए मिसाल बनेगा। क्योंकि ईवीएम प्रोटोकॉल उल्लंघन गंभीर मुद्दा है।” इसी तरह, 2019 में भी महाराष्ट्र में 12 चुनाव याचिकाएं दर्ज की गई थीं।
चुनाव आयोग के नियम: क्या कहता है प्रोटोकॉल?
भारतीय चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, ईवीएम का उपयोग केवल अधिसूचित बूथों पर हो सकता है। साथ ही, वीवीपीएटी स्लिप की जाँच और सीसीटीवी फुटेज संरक्षण अनिवार्य है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इन नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं।
यदि अदालत चुनाव आचार संहिता उल्लंघन साबित करती है, तो संबंधित सीटों पर पुनर्चुनाव हो सकता है। फिलहाल, सभी की निगाहें 8 मई के बाद होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं।
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