“टाटा मोटर्स के शेयरों में 6% गिरावट: अमेरिकी टैरिफ घोषणा से भारतीय ऑटो उद्योग की चिंताएं बढ़ीं”

टैरिफ युद्ध से बचाव की कोशिश, पर ऑटो सेक्टर को बड़ा झटका?
नई दिल्ली : भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA – Bilateral Trade Agreement) पर तेजी से बातचीत चल रही है। ट्रंप प्रशासन ने भारत को चीन, कनाडा और मैक्सिको से अलग मानते हुए पारस्परिक शुल्क से छूट का संकेत दिया है। लेकिन भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग, खासकर टाटा मोटर्स की कंपनी जगुआर लैंड रोवर (JLR), अभी भी खतरे में है।
टाटा मोटर्स पर संकट: JLR की 22% बिक्री दांव पर
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 2 अप्रैल से अमेरिका में न बनी कारों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा।
- JLR की कुल बिक्री का 22% अमेरिकी बाजार से आता है, जिसके कारण टाटा मोटर्स के शेयरों में 6% की गिरावट दर्ज की गई।
- टाटा मोटर्स के शेयर गुरुवार को 5.7% गिरकर ₹668 पर कारोबार कर रहे हैं। बुधवार को बंद होने तक, स्टॉक ने अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर ₹606 से 16% की रिकवरी की थी। इस रिकवरी के बावजूद, स्टॉक अभी भी अपने शिखर ₹1,179 से 40% नीचे है।
- अगर यह टैरिफ लागू होता है, तो JLR को कीमतें बढ़ाने या लागत कम करने पर मजबूर होना पड़ेगा, जिससे उसकी प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है।अमेरिका, भारतीय ऑटो पार्ट्स और वाहनों का एक बड़ा निर्यात बाजार है।
- महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां भी अमेरिका में निर्यात करती हैं।अमेरिका, भारतीय ऑटो पार्ट्स और वाहनों का एक बड़ा निर्यात बाजार है।महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां भी अमेरिका में निर्यात करती हैं।
भारतीय ऑटो उद्योग पर असर
- अमेरिका, भारतीय ऑटो पार्ट्स और वाहनों का एक बड़ा निर्यात बाजार है।
- महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां भी अमेरिका में निर्यात करती हैं।
- अगर टैरिफ लागू होता है, तो भारतीय कारों की कीमतें अमेरिका में बढ़ सकती हैं, जिससे मांग कम हो सकती है।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता: क्या हैं उम्मीदें?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आगामी अमेरिका यात्रा से भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को नई गति मिलने की उम्मीद है। अमेरिका ने भारत को विशेष दर्जा देते हुए कुछ शुल्कों से छूट का संकेत दिया है, जबकि भारत ने मोटरसाइकिल, बॉर्बन व्हिस्की और डेटा लोकलाइजेशन पर रियायतें दी हैं। अमेरिका भारतीय कृषि और MSME क्षेत्र को संरक्षण देने का प्रस्ताव रख रहा है।
सितंबर 2025 तक BTA का पहला चरण
दोनों देशों ने “मिशन 500” के तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। सितंबर 2025 तक BTA के पहले चरण को पूरा करने की योजना है, जिसमें टैरिफ कटौती और व्यापार नियमों में सुधार शामिल होंगे। इससे भारत का ₹5.5 लाख करोड़ का निर्यात सुरक्षित हो सकता है, जिससे ऑटोमोबाइल, फार्मा और IT सेक्टर को लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री की यात्रा: प्रमुख चर्चाएँ
अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 3.8% टैरिफ और भारत द्वारा अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 41.8% शुल्क लगाने की असमानता को दूर करने पर चर्चा होगी। अमेरिका के 25% टैरिफ से भारतीय ऑटो कंपनियों को हुए नुकसान, और परमाणु ऊर्जा सहयोग को लेकर भी बातचीत होगी, जिससे भारत के 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा लक्ष्य को समर्थन मिल सकता है।
भारत की अब तक की उपलब्धियाँ
2024 में अमेरिका ने भारतीय परमाणु संस्थानों पर से प्रतिबंध हटाए, जिससे द्विपक्षीय सहयोग बढ़ा। गूगल टैक्स हटाने और डिजिटल सेवाओं पर समझौते से भारतीय टेक कंपनियों को राहत मिली। भारत ने अमेरिकी तेल और गैस की खरीद बढ़ाकर व्यापार असंतुलन को कम किया है।
क्या टैरिफ युद्ध टलेगा?
सीतारमण की यात्रा से BTA समझौते को मजबूती मिल सकती है, लेकिन चुनौतियाँ बनी हुई हैं। यदि यह समझौता सफल होता है, तो भारतीय निर्यातकों को स्थिरता मिलेगी और ऑटो व परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी। अब देखना होगा कि भारत और अमेरिका व्यापारिक संतुलन बनाए रख पाते हैं या नहीं।
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