मुंबई: स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के शो को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में मुंबई के खार इलाके में स्थित हैबिटेट स्टूडियो में उनके शो के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष किया गया था, जिसके बाद 40 शिवसेना (शिंदे गुट) कार्यकर्ताओं ने स्टूडियो में जमकर तोड़फोड़ की। इस मामले में 12 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिन्हें अदालत ने 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है।
क्या है पूरा मामला?
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो के दौरान एकनाथ शिंदे को ‘गद्दार’ कहा और उनके उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह को लेकर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की। इसके बाद शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ता भड़क गए और उन्होंने मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ कर दी।
पुलिस ने इस मामले में 40 कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, अब उन्हें जमानत मिल गई है।
कामरा के खिलाफ भी दर्ज हुई एफआईआर
इस विवाद में सिर्फ शिवसेना कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि खुद कुणाल कामरा भी कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ एकनाथ शिंदे को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।
कैसे भड़की हिंसा?
रविवार रात, शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ता मुंबई के यूनिकॉन्टिनेंटल होटल के बाहर इकट्ठा हुए, जहां हैबिटेट स्टूडियो स्थित है। इसके बाद गुस्साए कार्यकर्ताओं ने होटल परिसर और स्टूडियो में जमकर तोड़फोड़ की।
क्या बोले महाराष्ट्र के नेता?
- कांग्रेस नेता सचिन सावंत –
“जहां साधारण गैर-संज्ञेय अपराध भी नहीं बनता, वहां कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना कानून का मज़ाक उड़ाने जैसा है।”
- शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे –
“प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि लोकतंत्र में आलोचना जरूरी है, लेकिन उनके सहयोगी (शिंदे गुट) इसका ठीक उलटा कर रहे हैं।”
- शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे –
“कुणाल कामरा ने कुछ गलत नहीं कहा, उन्होंने सिर्फ अपने विचार व्यक्त किए और जनता की आवाज़ को उठाया।”
- उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस –
“कामरा को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। जो लोग इस तरह की हरकतों का समर्थन करते हैं, उन ‘शहरी नक्सलियों’ और ‘वामपंथी उदारवादियों’ को सबक सिखाया जाएगा।”
- उपमुख्यमंत्री अजीत पवार –
“किसी को भी कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, और अपनी बातों पर संयम रखना चाहिए।”
हैबिटेट स्टूडियो हुआ बंद
इस पूरी घटना के बाद हैबिटेट स्टूडियो ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए घोषणा की कि वे अपने स्टूडियो को बंद कर रहे हैं।
स्टूडियो ने लिखा –
“हाल ही में हुई तोड़फोड़ की घटनाओं से हम स्तब्ध, चिंतित और बेहद टूटे हुए हैं। हम अब स्टूडियो को बंद कर रहे हैं।”
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
इस पूरे विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ लोग कुणाल कामरा का समर्थन कर रहे हैं और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बता रहे हैं, तो कुछ इसे अनुशासनहीनता और राजनीतिक प्रोपेगेंडा करार दे रहे हैं।
कुणाल कामरा की टिप्पणी से उपजा यह विवाद अब राजनीतिक रूप ले चुका है। एक तरफ इसे लोकतंत्र पर हमला कहा जा रहा है, तो दूसरी तरफ सरकार की छवि पर सवाल उठाए जा रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे क्या मोड़ लेता है।
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