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ASSAM: CM हिमंता के बैंक के विरोध प्रदर्शन की रिपोर्टिंग करने पर पत्रकार पर SC/ST का केस

SC/ST case against journalist for reporting protest against CM Himanta's bank

असम के वरिष्ठ पत्रकार दिलवर हुसैन मोजुमदार को मंगलवार रात गुवाहाटी के पान बाजार पुलिस स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर असम सहकारी एपेक्स बैंक (ACAB) के एक सुरक्षा गार्ड की शिकायत के आधार पर आपराधिक धमकी और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले मोजुमदार ने उस बैंक के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन की कवरेज की थी, जिसके निदेशक असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और अध्यक्ष भाजपा विधायक बिस्वजीत फुकन हैं।

मोजुमदार असम के डिजिटल मीडिया पोर्टल ‘द क्रॉसकरंट‘ के रिपोर्टर और गुवाहाटी प्रेस क्लब के सहायक महासचिव हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता के अनुसार, मोजुमदार ने “बोरो जाति होई तुमी बेसी कोरा” (तुम बोरो जनजाति से होने के कारण ज्यादा करते हो) जैसी आपत्तिजनक टिप्पणी कर उन्हें नीचा दिखाया। पुलिस का दावा है कि यह टिप्पणी SC/ST समुदाय के व्यक्ति की भावनात्मक पीड़ा का कारण बनी, जिसके आधार पर IPC की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।

घटना के विवरण के अनुसार, मोजुमदार मंगलवार को ‘जातीय युवा शक्ति’ (असम जातीय परिषद की युवा शाखा) द्वारा ACAB बैंक के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे। इस प्रदर्शन में बैंक पर IT अनुबंधों में बिना टेंडर प्रक्रिया के 28 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये तक की वृद्धि और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। क्रॉसकरंट के संपादक अरूप कलिता के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान जब बैंक के प्रबंध निदेशक डोमबारू सैकिया वहां पहुंचे, तो मोजुमदार ने उनसे सवाल किए। इसके बाद सैकिया ने उन्हें ऊपर बुलाया और विरोध प्रदर्शन रुकवाने का अनुरोध किया, लेकिन मोजुमदार ने इनकार कर दिया।

कलिता ने बताया कि मोजुमदार ने दोपहर करीब 1 बजे पुलिस स्टेशन जाने का फैसला किया, जहां उन्हें 11 घंटे तक हिरासत में रखने के बाद रात 11 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस स्टेशन के बाहर उनके परिवार और पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, बैंक के प्रबंध निदेशक सैकिया ने दावा किया कि उन्होंने केवल एक कर्मचारी की शिकायत पर कार्रवाई की है और उनका इस मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है।

इस मामले ने प्रेस की स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी है। गुवाहाटी प्रेस क्लब ने गिरफ्तारी को “पत्रकारिता के अधिकार पर हमला” बताते हुए बुधवार को विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। मोजुमदार के समर्थकों का आरोप है कि यह गिरफ्तारी उनकी खोजी पत्रकारिता को दबाने की कोशिश है, क्योंकि उन्होंने हाल ही में ACAB बैंक में कथित अनियमितताओं पर कई रिपोर्ट्स प्रकाशित की थीं।

गौरतलब है कि असम सरकार के सहकारिता विभाग ने इसी महीने की शुरुआत में बैंक के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए थे। शिकायतकर्ता ने 30 जनवरी को केंद्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिखकर बैंक पर IT अनुबंधों में गड़बड़ी और बजट बढ़ाने का आरोप लगाया था। अब यह मामला राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के बीच चर्चा का विषय बन गया है, जहां एक तरफ कानूनी प्रक्रिया पर जोर दिया जा रहा है, तो दूसरी तरफ पत्रकारिता की आजादी के सवाल उठाए जा रहे हैं।

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