बंगाल में भाजपा नेता अर्जुन सिंह पर हमला: आवास पर बमबारी, गोलीकांड, TMC नेताओं पर आरोप

भाजपा नेता अर्जुन सिंह पर हमला: बीजेपी नेता ने कहा “पुलिस मौके पर थी, फिर भी नहीं हुई कोई कार्रवाई”
पश्चिम बंगाल – पश्चिम बंगाल के भाटपारा में एक बार फिर राजनीतिक हिंसा ने सुर्खियां बटोरी हैं। भाजपा नेता व पूर्व सांसद अर्जुन सिंह के आवास के बाहर अज्ञात बदमाशों ने बम फेंके और गोलीबारी की। घटना बुधवार देर रात हुई, जिसमें एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।
क्या है मामला :
बुधवार रात पश्चिम बंगाल के भाटपारा में भाजपा नेता अर्जुन सिंह के आवास पर 50-60 हथियारबंद बदमाशों ने हमला बोला, जिसमें २ देसी बम फेंके गए और अंधाधुंध गोलीबारी हुई। नेता ने बताया, “4 अक्टूबर को भी नमित सिंह, सद्दाम और उनकी टीम ने मुझ पर हमला किया था, उन्होंने कहा की आज रात (२६ मार्च) करीबन 10:20 बजे वो जब अपने घर पे थे उसी समय उन्होंने घर के भर गोलियों की आवाज़ सुनी जिसे सुनकर वो और उनके साथ में कुछ लोग बाहर निकले, बाहर आने पे उन्होंने पाया की 50-60 लोगों का समूह पुलिस के साथ मौके पर मौजूद था। उन्होंने तब उनके घर पर हमला करने वाले ” हमलावरों के पीछा किया पर वे फरार हो गए, केवल एक हमलावर पीछा करने के दौरान उनमें से एक नाले में गिर गया और घायल हो गया। लेकिन घर लौटने पर उन्हें एक बम फटा हुआ मिला एवं जिनमें से एक में बारूद भरा था। अर्जुन सिंह ने नमित सिंह, सद्दाम अंसारी और प्रेम को घटना का मुख्य आरोपी ठहराते हुए पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए, “यह हमला पुलिस की मौजूदगी में हुआ, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई!” यह घटना राज्य में बढ़ती राजनीतिक हिंसा की चिंताजनक कड़ी है।
TMC पार्षद के बेटे का हाथ!” भाजपा नेता ने नमित सिंह पर लगाया हमले का आरोप
भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने भाटपारा में हुए हमले का सीधा आरोप TMC पार्षद सुनीता सिंह के बेटे नमित सिंह पर लगाया है। उन्होंने बताया कि नमित ने पुलिस की मौजूदगी में ही गोलीबारी की, जो एक सुनियोजित हमला था। “यह कोई पहली घटना नहीं है, 4 अक्टूबर को भी इसी गैंग ने मुझ पर हमला किया था,” सिंह ने कहा। उन्होंने इस हमले को राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। यह आरोप राज्य की सियासी गलियारों में नए विवाद को जन्म देने वाला साबित हो रहा है।
“TMC का पलटवार: ‘अर्जुन सिंह ने मजदूरों पर चलाई गोली’, विधायक ने की गिरफ्तारी की मांग”
TMC विधायक सोमनाथ श्याम ने भाजपा नेता अर्जुन सिंह पर भारी आरोप लगाते हुए एक नया राजनीतिक भूचाल ला दिया है। जगदल के इस नेता ने बताया कि “अर्जुन सिंह और उनके समर्थकों ने मेघना जूट मिल में श्रमिकों पर अचानक हमला बोलकर गोलियां चलाईं, जिसमें एक युवक गंभीर रूप से जख्मी हुआ और तीन-चार अन्य मजदूर भी घायल हुए।” उन्होंने सख्त लहजे में कहा, “यह एक शर्मनाक और पूर्वनियोजित हिंसा थी। हम अर्जुन सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं, वरना हम बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।” इस बयान ने पहले से तनावग्रस्त राजनीतिक माहौल को और अधिक विस्फोटक बना दिया है, जिससे पश्चिम बंगाल में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नया टकराव पैदा हो गया है।
पुलिस की कार्रवाई: RAF तैनात, जिंदा बम बरामद, घायल को कोलकाता रेफर
बैरकपुर पुलिस आयुक्त अजय ठाकुर ने बताया कि हिंसा की घटना के बाद तत्काल RAPID ACTION FORCE (RAF) को मौके पर तैनात किया गया। घटनास्थल से कई खाली कारतूस और दो जिंदा बम बरामद किए गए, जिससे हमले की गंभीरता का पता चलता है। घायल युवक को पहले भाटपारा स्टेट जनरल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर कोलकाता के एक प्राइवेट अस्पताल में रेफर किया गया। ठाकुर ने कहा, “हमने मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और आगे की किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए चौबीसों घंटे गश्त जारी है।
बंगाल में राजनीतिक हिंसा का सिलसिला: चुनाव से पहले बढ़ रही टकराव की घटनाएं
पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता अर्जुन सिंह पर हमला राजनीतिक हिंसा के बढ़ते ग्राफ की एक और कड़ी है। पिछले कुछ महीनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां भाजपा और TMC कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुई हैं। मई 2023 में, भाजपा के नदिया जिला अध्यक्ष देवाशीष चौधरी पर हमला हुआ था, जबकि जुलाई में हावड़ा के भाजपा नेता अभिषेक बनर्जी को TMC कार्यकर्ताओं ने घर से निकालकर पीटा था। ये सभी घटनाएं अगले साल होनेवाले आगमी चुनाव से पहले राज्य में बढ़ते राजनीतिक तनाव की ओर इशारा करती हैं।
आगे क्या होगा?
अभी तक पुलिस ने मामला दर्ज किया है, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। भाजपा ने TMC पर पूर्वनियोजित हमले का आरोप लगाया है, जबकि TMC ने भाजपा पर हिंसा भड़काने का प्रतिउत्तर दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव नजदीक आने के साथ ही यह टकराव और बढ़ सकता है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच तनाव के बीच, पुलिस और प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। क्या बंगाल में शांति बहाल होगी, या चुनावी साल में हिंसा और बढ़ेगी? यह सवाल अब हर किसी के जेहन में है।
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