बीएसएफ दंगा फंडिंग आरोप: ममता बनर्जी ने भाजपा को बताया जिम्मेदार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद की हालिया सांप्रदायिक हिंसा को लेकर बीएसएफ दंगा फंडिंग आरोप लगाया। भारतीय जनता पार्टी और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर गंभीर आरोप लगाते हुये उन्होंने दावा किया कि यह हिंसा वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर ‘पूर्व नियोजित’ थी और इसमें भाजपा के साथ-साथ कुछ केंद्रीय एजेंसियों और बीएसएफ के कुछ तत्वों की भी भूमिका थी।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बीएसएफ के भीतर कुछ तत्वों ने दंगाइयों को आर्थिक सहायता दी और बाहर से भाजपा समर्थित उपद्रवियों को हिंसा फैलाने की खुली छूट दी गई। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ऐसे लोगों को घटनास्थल से भागने से पहले क्यों नहीं रोका गया?
पूर्व नियोजित सांप्रदायिक उकसावे की साजिश
ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा और उसकी सहयोगी संस्थाएं जानबूझकर देश में धार्मिक ध्रुवीकरण फैला रही हैं।
मुख्य बिंदु :
- मुख्यमंत्री ने कहा, “बीएसएफ दंगा फंडिंग आरोप की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।”
- उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि अमित शाह को नियंत्रित किया जाए।
- बनर्जी ने कहा, “यह देश को बांटने की साजिश है, इसे रोका जाना चाहिए।”
- उन्होंने कहा कि भाजपा की ‘जुमला सरकार’ लोगों को गुमराह कर रही है। वक्फ संशोधन पर विपक्षी एकता की मांग :
ममता बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम को “अत्याचारी” करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसे लागू न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का मकसद एक समुदाय को निशाना बनाना है, लेकिन भविष्य में यह किसी और समुदाय पर भी लागू हो सकता है।
मुख्य बयान :
“मैं इंडिया गठबंधन से अपील करती हूं कि हम सब मिलकर इस कानून के खिलाफ आवाज उठाएं। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है,” — ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
देश को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहे अमित शाह’: बनर्जी का तीखा हमला
ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अमित शाह अपने राजनीतिक हितों के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
मुख्य टिप्पणियाँ :
- “अमित शाह कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते,” — ममता बनर्जी
- “उनकी जल्दी का कारण समझ नहीं आता। मोदी जी को उन पर नज़र रखनी चाहिए।”
- “देश को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं अमित शाह।”
ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं :
मुर्शिदाबाद पहले भी सांप्रदायिक तनाव का केंद्र रहा है। 2013 और 2018 में भी वक्फ संपत्ति को लेकर तनाव फैल चुका है। ममता बनर्जी के इस बार के आरोपों ने उस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को फिर से चर्चा में ला दिया है।
जांच और कानूनी प्रक्रिया :
पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार :
- केंद्रीय एजेंसियों की भूमिका की भी जांच की जा सकती है।
- बीएसएफ के कुछ जवानों से पूछताछ की संभावना जताई गई है।
- यदि फंडिंग के आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आ सकता है।
कानूनी विशेषज्ञ प्रो. अशोक घोष का कहना है :
“यदि सुरक्षा बल किसी समुदाय विशेष के खिलाफ हिंसा में शामिल पाए जाते हैं, तो यह संविधान और कानून का घोर उल्लंघन है।”
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