आप नेताओं पर कार्रवाई : राजनीतिक साजिश या कानून का शिकंजा?
आप नेताओं पर कार्रवाई : गुजरात प्रभारी दुर्गेश पाठक और विधायक कुलवंत सिंह के घर सीबीआई-ईडी की छापेमारी ने हलचल मचाई।
आम आदमी पार्टी पर जांच एजेंसियों की दबिश
नई दिल्ली : CBI ने गुरुवार सुबह आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक के घर छापेमारी की। यह कार्रवाई गुजरात चुनाव 2027 के लिए उन्हें सह-प्रभारी बनाए जाने के कुछ दिन बाद हुई। आप ने इस छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताया और भाजपा पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया। आप नेताओं पर कार्रवाई को लेकर संदीप पाठक ने कहा कि भाजपा गुजरात में आप के प्रभाव से डरी हुई है। अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के उल्लंघन को लेकर हुई है। शुरुआती FIR में दुर्गेश पाठक का नाम नहीं है, लेकिन भविष्य में पूछताछ की संभावना जताई गई है।
मुख्य बिंदु :
संजय सिंह ने भाजपा को बताया एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने वाला
सिसोदिया ने इसे डर और साजिश करार दिया
पाठक से पहले भी ईडी ने दो बार पूछताछ की थी
आबकारी नीति से गोवा चुनावों में फंड भेजने का आरोप है
कुलवंत सिंह के घर ईडी की रेड : PACL घोटाले की कड़ी
मंगलवार को ED ने मोहाली में आप विधायक कुलवंत सिंह के घर छापा मारा। यह छापेमारी 48,000 करोड़ रुपये के PACL घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा थी। सिंह उस समय घर पर नहीं थे, लेकिन उनके परिजनों से पूछताछ की गई। ED के अनुसार, PACL ने रियल एस्टेट के नाम पर निवेशकों से पैसा इकट्ठा कर पोंजी स्कीम चलाई थी। जांच में पता चला है कि इन पैसों को शेल कंपनियों में भेजा गया और निवेशकों को पैसा नहीं लौटाया गया। ED ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में कुल 15 ठिकानों पर तलाशी ली। आप नेताओं पर कार्रवाई का यह दूसरा बड़ा उदाहरण है जो पार्टी को निशाने पर लिए जाने का संकेत देता
कानूनी दृष्टिकोण और ऐतिहासिक संदर्भ :
FCRA के उल्लंघन पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।
PACL घोटाला भारतीय इतिहास के सबसे बड़े निवेश घोटालों में एक है।
SEBI और सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी इस घोटाले में निवेशकों की रकम लौटाने पर काम कर रही है।
इससे पहले भी चुनावी सालों में आप नेताओं पर छापेमारी होती रही है, जैसे 2022 के गोवा चुनाव से पहले।
आबकारी नीति केस में अब तक कई नेताओं से पूछताछ हो चुकी है और कुछ को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं :
संदीप पाठक : “गुजरात में आप के बढ़ते प्रभाव से भाजपा डरी हुई है, और अब CBI को आगे कर दिया गया है।”
संजय सिंह : “BJP के पास AAP को रोकने का कोई और तरीका नहीं बचा, इसलिए अब ये हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।”
मनीष सिसोदिया : यह कार्रवाई डर और बौखलाहट की निशानी है, गुजरात में अब केवल आप ही असली विकल्प है।”
आप नेताओं पर कार्रवाई सिर्फ एक जांच का विषय नहीं है, इससे जांच एजेंसीयो पर गहरे सवाल खड़े होते हैं?
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