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अंतरिक्ष यात्री सुनीता और बुच विल्मोर का स्पेसएक्स से वापसी!

नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक अप्रत्याशित 9-महीने के मिशन के बाद पृथ्वी पर लौटने की तैयारी शुरू कर दी है। यह मिशन, जो मूल रूप से बोइंग स्टारलाइनर के साथ 8 दिन का परीक्षण था, तकनीकी गड़बड़ियों के कारण लंबा खिंच गया। आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा के रोचक पहलुओं के बारे में !

मिशन की अनपेक्षित लंबाई: हीलियम रिसाव और थ्रस्टर समस्या

स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में हीलियम रिसाव और थ्रस्टर खराबी के कारण, ISS पर विलियम्स और विल्मोर की यात्रा 8 दिन से बढ़कर 9 महीने हो गई। नासा ने सुरक्षा को देखते हुए उनकी वापसी को टाल दिया, जिससे दोनों यात्री ISS पर “अतिरिक्त समय” बिताने को मजबूर हुए।

विज्ञान को अहम योगदान: 900+ घंटे शोध और 150 प्रयोग

इस अप्रत्याशित विस्तार को अवसर में बदलते हुए, दोनों ने 900 घंटे से अधिक शोध कर 150+ वैज्ञानिक प्रयोग पूरे किए। उनके कार्यों में शामिल हैं:

  • सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का मानव शरीर पर प्रभाव: मांसपेशियों और हड्डियों के नुकसान पर अध्ययन, जो मंगल मिशन के लिए महत्वपूर्ण है।
  • E4D व्यायाम उपकरण: अंतरिक्ष में साइकिलिंग, रोइंग और प्रतिरोध अभ्यास को जोड़कर स्वास्थ्य बनाए रखने का नया तरीका।
  • सूक्ष्मजीवों का अध्ययन: अंतरिक्ष में बैक्टीरिया के व्यवहार को समझना, ताकि भविष्य के मिशनों में संक्रमण रोका जा सके।

अंतरिक्ष में कृषि: लाल रोमेन लेट्यूस उगाने का प्रयोग

ISS पर पौधे उगाने के प्रयोग के तहत, उन्होंने लाल रोमेन लेट्यूस को विकसित किया। यह शोध भविष्य में चंद्रमा या मंगल पर ताजा भोजन उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

जनता से जुड़ाव: लाइव इवेंट्स और प्रेरणादायक संवाद

अपनी इस लंबी यात्रा के दौरान, विलियम्स और विल्मोर ने लाइव इंटरैक्शन के जरिए दुनिया से जुड़े रहे। सुनीता ने हंसी में कहा, “मेरे कुत्ते तो अब मुझे भूल ही गए होंगे!”

पृथ्वी पर वापसी: 18 मार्च 2025 को ऐतिहासिक स्पलैशडाउन

नासा के क्रू-10 मिशन के साथ ISS पर नए यात्रियों के पहुंचने के बाद, अब दोनों की वापसी का समय आ गया है। स्पेसएक्स क्रू-9 ड्रैगन यान 18 मार्च 2025 को शाम 5:57 बजे (फ्लोरिडा समय) पृथ्वी पर लौटेगा। भारतीय समयानुसार, यह 19 मार्च की सुबह 3:27 बजे होगा।

क्यों है यह मिशन खास?

  • लंबी अंतरिक्ष यात्रा के लिए तकनीकी और मानवीय चुनौतियों का अध्ययन।
  • भविष्य के मिशनों के लिए स्वास्थ्य, कृषि और सुरक्षा से जुड़े डेटा का संग्रह।
  • दुनिया को दिखाया कि असफलताओं को भी सफलता में बदला जा सकता है।

पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक वापसी को देखने के लिए तैयार है। सुनीता और बुच ने न सिर्फ विज्ञान, बल्कि हौसले की नई मिसाल कायम की है!

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