पहलगाम आतंकी हमला : भारत-पाक तनाव पर अमेरिका की प्रतिक्रिया

पहलगाम आतंकी बयान ट्रंप : अमेरिका की चुप्पी या कूटनीति?
22 अप्रैल को हुए भीषण हमले के बाद पहलगाम आतंकी बयान ट्रंप की ओर से काफी प्रतीक्षित प्रतिक्रिया सामने आई। ट्रंप ने इसे बेहद चिंताजनक हमला बताया लेकिन सीधा कोई हस्तक्षेप करने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान सदियों से संघर्ष में उलझे हैं, और यह कोई नई बात नहीं है। कश्मीर विवाद को उन्होंने हजार साल पुराना बताते हुए अपनी तटस्थ भूमिका को दोहराया। “मैं भारत के बहुत करीब हूं तथा मैं पाकिस्तान के भी बहुत करीब हूं, जैसा कि आप जानते हैं ट्रंप ने कहा कि दोनों देश समझदार हैं और उन्हें खुद हल निकालने दिया जाना चाहिए। ट्रंप के बयान को कुछ लोग कूटनीतिक संतुलन मान रहे हैं जबकि भारत में इसकी आलोचना भी हो रही है। इस पहलगाम आतंकी बयान ट्रंप से सवाल उठे हैं कि अमेरिका इस मुद्दे पर वाकई निष्पक्ष है या रणनीतिक चुप्पी में है।
आतंकवादी हमला : घटनाक्रम और समयरेखा
22 अप्रैल को आतंकियों ने कश्मीर के पहलगाम में एक पर्यटक स्थल पर फायरिंग कर दी थी।
मुख्य घटनाक्रम की टाइमलाइन :
- 10:00 बजे तक : 26 पर्यटकों की मौत, 30 घायल
- दोपहर :TRF ने हमले की जिम्मेदारी ली
- 23 अप्रैल : दिल्ली में प्रधानमंत्री की उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक
- 24 अप्रैल : भारत का पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा बयान
- 25 अप्रैल : ट्रंप ने अमेरिकी एयर फोर्स वन से प्रतिक्रिया दी
- 26 अप्रैल : पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को खारिज किया
भारत की सख्त प्रतिक्रिया और पाकिस्तान की चुनौती
हमले के बाद भारत सरकार ने कई बड़े फैसले लिए जो उसकी आक्रामक रणनीति का संकेत हैं।
- भारत ने सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित किया
- पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश
- सभी पाकिस्तानी वीज़ा तत्काल प्रभाव से रद्द किए गए
- भारत-पाक लैंड ट्रांजिट मार्ग को बंद किया गया
- भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान छोड़ने की चेतावनी दी गई
पाकिस्तान ने इन कदमों को “राजनीतिक ड्रामा” बताया और संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की।
वैश्विक नेता और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
हमले के बाद वैश्विक नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं और भारत के साथ एकजुटता प्रकट की।
- ट्रंप : भारत-पाक को खुद हल निकालने देना चाहिए
- फ्रांस (मैक्रों) : “हम भारत के साथ खड़े हैं”
- ब्रिटेन (कीर स्टार्मर) : वे इस आतंकी हमले से स्तब्ध हैं और मारे गए लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की
- इज़राइल (नेतन्याहू) : भारत को सैन्य समर्थन का प्रस्ताव
- रूस (पुतिन) :हमले को मानवता के विरुद्ध अपराध करार दिया
अमेरिका का पहलगाम आतंकी बयान ट्रंप जहां तटस्थ दिखा, वहीं अन्य देशों ने भारत को खुला समर्थन दिया।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :
कश्मीर में आतंकवाद कोई नई बात नहीं है। यह दशकों पुराना और संगठित नेटवर्क से जुड़ा मसला है।
- 1947 के बाद से ही कश्मीर भारत-पाक तनाव का केंद्र रहा
- 2001 संसद हमला और 2008 मुंबई हमला इसी नेटवर्क से जुड़े रहे
- लश्कर-ए-तैयबा और TRF जैसे संगठनों को भारत पहले ही प्रतिबंधित कर चुका है
- 2019 पुलवामा हमले के बाद भारत ने एयर स्ट्राइक की थी
- इस बार भी सैन्य कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता
- संयुक्त राष्ट्र ने TRF को आतंकी संगठन घोषित किया है
अमेरिका की चुप्पी या रणनीतिक नीति?
इस हमले के बाद भारत ने अपनी कूटनीति और रणनीति दोनों को काफी आक्रामक रूप में पेश किया है। वैश्विक मंचों पर समर्थन बढ़ा है लेकिन अमेरिका का पहलगाम आतंकी बयान ट्रंप जैसी प्रतिक्रियाएं भारत में चिंता का विषय बनी हुई हैं। भारत ने सुरक्षा और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर प्रतिक्रिया दी है और आने वाले दिनों में सैन्य विकल्पों पर भी विचार हो सकता है। ऐसे समय में ट्रंप का यह बयान यह दर्शाता है कि अमेरिका अब भी कश्मीर मुद्दे को दोतरफा विवाद ही मानता है। भारत को अब अपनी रणनीति वैश्विक दबाव की बजाय सैन्य और राजनीतिक मजबूती के आधार पर तय करनी होगी।
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