अमरावती परियोजना: 6 साल बाद नई उम्मीद, नई शुरुआत!

अमरावती का ऐतिहासिक महत्व और नए युग की संभावनाएँ
प्राचीन सातवाहन साम्राज्य की राजधानी रही अमरावती न केवल अपनी बौद्ध विरासत, बल्कि कृषि समृद्धि और व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी जानी जाती थी। आज, यह शहर “अमरावती परियोजना” के तहत देश की पहली ग्रीनफ़ील्ड स्मार्ट सिटी बनने की राह पर है।
217 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली इस परियोजना को सिंगापुर की फर्मों PWD और Surbana Jurong द्वारा डिज़ाइन किया गया था, जिसमें 9 थीमैटिक शहर (शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन आदि) और 27 आत्मनिर्भर टाउनशिप शामिल हैं।
राजनीतिक उठापठक और अमरावती परियोजना का सफ़र
2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को “भविष्य की वैश्विक राजधानी” घोषित किया। 2015 में लैंड पूलिंग स्कीम (LPS) के तहत 33,000 एकड़ ज़मीन एकत्र की गई, जिसमें 29 गाँवों के किसानों ने स्वेच्छा से भाग लिया। हालाँकि, 2019 में YSRCP सरकार ने अमरावती परियोजना को “पर्यावरणीय और वित्तीय जोखिम” बताते हुए रोक दिया।
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प्रमुख चुनौतियाँ:
- कानूनी विवाद: 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की याचिका पर केंद्र से हस्तक्षेप की अपील की।
- वित्तीय संकट: 2023 की CAG रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना पर 15,000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे, लेकिन 70% भूमि अविकसित रही।
- अंतरराष्ट्रीय भागीदारी में कमी: सिंगापुर सरकार ने 2020 में अपने समझौते को “अनिश्चितकाल के लिए स्थगित” घोषित किया।
2024: परियोजना को मिला दूसरा जीवन
NDA गठबंधन सरकार के समर्थन से चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती परियोजना को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 58,000 करोड़ रुपये की आधारशिला रखे जाने से परियोजना में नई गति आई है।
नए चरण की मुख्य विशेषताएँ:
- हरित ऊर्जा संचालित बुनियादी ढाँचा: सभी सरकारी भवनों में सोलर पैनल और वेस्ट-टू-एनर्जी संयंत्र लगाए जाएँगे।
- जलमार्ग विकास: कृष्णा नदी पर 10 किमी लंबे रिवरफ़्रंट प्रोजेक्ट से पर्यटन और परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
- रोज़गार के अवसर: एआई-आधारित IT हब और मेडिकल टूरिज़्म ज़ोन से 5 लाख नौकरियाँ सृजित होंगी।
भविष्य की रणनीति: अमरावती को मेगासिटी बनाने की योजना
राज्य सरकार ने 40,000 एकड़ अतिरिक्त भूमि के अधिग्रहण की योजना बनाई है, जिसमें गुंटूर और विजयवाड़ा को “अमरावती मेट्रोपॉलिटन रीजन” में शामिल किया जाएगा। 2035 तक यहाँ की जनसंख्या 35 लाख तक पहुँचने का अनुमान है।
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प्रमुख बुनियादी ढाँचा प्रोजेक्ट:
- अमरावती अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: 4,000 एकड़ में बनने वाला यह हवाई अड्डा दक्षिण भारत को ग्लोबल कनेक्टिविटी देगा।
- हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर: शहर को हैदराबाद और बेंगलुरु से जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन पर काम शुरू हो चुका है।
अमरावती परियोजना न केवल आंध्र प्रदेश की पहचान बनेगी, बल्कि यह स्मार्ट सिटी मॉडल के रूप में भारत के शहरी विकास में नई मिसाल कायम करेगी। किसानों और निवेशकों की उम्मीदों के साथ, यह परियोजना अब “अधूरे सपने” से “विकास के प्रतीक” की ओर बढ़ रही है।
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