ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान पर भारत की जवाबी कार्रवाई की पूरी कहानी
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। इस वीभत्स कांड के जवाब में भारत सरकार ने “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान हमला का लक्ष्य आतंकवाद के उन अड्डों को खत्म करना था, जो भारत के खिलाफ साजिश रच रहे थे। पहलगाम हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक मारे गए। ऑपरेशन का नाम पहलगाम हमले की विधवाओं के सम्मान में रखा गया। हमले में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त भूमिका निभाई।
नौ जगहों पर सटीक हमले :
भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने हमले से पहले नौ आतंकी ठिकानों की पहचान की थी। ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान हमला के तहत इन ठिकानों को निशाना बनाया गया। इनमें बहावलपुर, मुजफ्फराबाद, सियालकोट और कोटली जैसे पाक और पीओके क्षेत्र शामिल थे।
जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित ठिकाना भी निशाने पर था।
लश्कर के गढ़ मुरीदके और बरनाला में भी हमले किए गए।
नौ में से पांच ठिकाने POK में और चार पाकिस्तान में थे।
तीनों सेनाओं का समन्वय, संयमित कार्रवाई :
यह ऑपरेशन तीनों सेनाओं के तालमेल का उदाहरण था।
भारतीय सेना ने जमीन से, नौसेना ने समुद्री निगरानी से और वायुसेना ने हवाई हमलों से मिशन को अंजाम दिया।
भारत ने स्पष्ट किया कि केवल आतंकी शिविरों को ही निशाना बनाया गया।
किसी पाकिस्तानी नागरिक या सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया गया।
हमले संयमित, केंद्रित और गैर-उकसावे की प्रकृति के थे।
किसी भी भारतीय विमान को नुकसान नहीं पहुंचा।
प्रधानमंत्री की निगरानी और NSA डोभाल की योजना :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7, लोक कल्याण मार्ग से लगातार ऑपरेशन सिंदूर की निगरानी कर रहे थे।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 15 से अधिक उच्च-स्तरीय बैठकें कीं।
डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री से बात कर जानकारी साझा की, भारत ने अमेरिका को विश्वास में लेकर ऑपरेशन को अंजाम दिया।
भारत के पास पक्के सबूत और तकनीकी जानकारी :
1) भारतीय दूतावास ने कहा कि भारत के पास पहलगाम हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकियों की संलिप्तता के स्पष्ट सबूत हैं। 2) तकनीकी इनपुट, गवाहों की गवाही और उपग्रह चित्र मौजूद हैं। 3) ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान हमला केवल आतंकियों के खिलाफ लक्षित था।
आतंकवाद पर भारत का निर्णायक वार :
ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान हमला सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत का आतंक के खिलाफ एक सशक्त संदेश है। संयम, सटीकता और मानवता की भावना के साथ अंजाम दिए गए इस ऑपरेशन ने दिखा दिया कि भारत अब चुप नहीं रहेगा।
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