आत्मरक्षा पर समर्थन : ऑपरेशन सिंदूर पर विश्व नेताओं की प्रतिक्रियाएं

भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के बाद, विश्व नेताओं ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। इस ऑपरेशन का उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में आतंकवादी समूहों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाना था। भारत ने इसे आत्मरक्षा के अधिकार के तहत एक वैध कार्रवाई बताया।
इज़रायल: भारत का स्पष्ट समर्थन
१) इजरायली राजदूत रूवेन अजार ने कहा, “आतंकवादियों को यह समझना चाहिए कि निर्दोषों के खिलाफ उनके अपराधों से बचने की कोई जगह नहीं है।”
२) उन्होंने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का पुरजोर समर्थन किया।
३) इज़रायल की यह प्रतिक्रिया भारत-इज़रायल के बढ़ते रणनीतिक सहयोग को दर्शाती है।
४) इज़रायल भारत की आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई का नैतिक और कूटनीतिक समर्थन करता है।
अमेरिका: स्थिति के शीघ्र समाप्त होने की आशा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह शर्मनाक है। हम ओवल ऑफिस के दरवाजे से अंदर जाते समय इसके बारे में सुना। मुझे लगता है कि अतीत के कुछ हिस्सों के आधार पर लोग जानते थे कि कुछ होने वाला है। वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा।”अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति पर करीब से नज़र रख रहे हैं और दोनों देशों से शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
चीन: संयम बरतने का आह्वान
- चीन ने भारत की सैन्य कार्रवाई को “खेदजनक” बताया और वर्तमान घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की।
- चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम दोनों पक्षों से ऐसी कार्रवाई करने से परहेज करने का आह्वान करते हैं जो स्थिति को और जटिल बनाती है। हम भारत और पाकिस्तान दोनों से शांति और स्थिरता को प्राथमिकता देने, शांत रहने और संयम बरतने का आह्वान करते हैं।”
रूस: आतंकवाद की निंदा, पर टकराव से चिंता
- रूस ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की।
- साथ ही भारत-पाक तनाव पर “गंभीर चिंता” व्यक्त की।
- संयम बरतने और तनाव कम करने की सलाह दी।
- रूस भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को नैतिक समर्थन देता है, लेकिन टकराव नहीं चाहता।
जापान: तनाव पर चिंता।
- जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की और दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए स्थिति को स्थिर करने का आग्रह किया।
- आतंकवाद की स्पष्ट निंदा, जवाबी कार्रवाई से आशंका
- जापान ने कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।
- दोनों देशों से संयम और वार्ता की अपील की।चेताया कि यह संघर्ष बड़े सैन्य संघर्ष में बदल सकता है।
- जापान आतंकवाद के खिलाफ सख्त है, पर संघर्ष से असहज है।
आगे की रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, विश्व नेताओं ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही क्षेत्र में तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए संयम बरतने का भी आह्वान किया है। यह स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन करता है, लेकिन क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर बल देता है।
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