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रिलायंस ने रूसी तेल से बने ईंधन का अमेरिका को निर्यात कर 72.4 करोड़ यूरो कमाएः रिपोर्ट

PTI भाषा-नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) अरबपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने पिछले एक साल में रूसी कच्चे तेल से बने ईंधन का अमेरिका को निर्यात कर 72.4 करोड़ यूरो (लगभग 6,850 करोड़ रुपये) कमाए हैं। एक यूरोपीय शोध संस्थान की रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ (सीआरईए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘जनवरी, 2024 से जनवरी, 2025 के अंत तक अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल का प्रसंस्करण करने वाली भारत और तुर्की स्थित छह रिफाइनरियों से 2.8 अरब यूरो का रिफाइन तेल आयात किया। रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से 1.3 अरब यूरो की आय होने का अनुमान है।’’

रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के जामनगर स्थित रिलायंस की दो रिफाइनरियों से पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन का अमेरिकी आयात दो अरब यूरो का था। इसमें से 72.4 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से परिष्कृत होने का अनुमान है।

सीआरईए की इस रिपोर्ट पर टिप्पणी के लिए रिलायंस को भेजे गए ईमेल का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर पश्चिमी देशों और अमेरिका ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। हालांकि, रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से तैयार डीजल जैसे ईंधन के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे।

गुजरात के वाडिनार में रूस की रोसनेफ्ट-समर्थित नायरा एनर्जी की दो करोड़ टन प्रति वर्ष की रिफाइनरी है। इस रिफाइनरी ने जनवरी, 2024 और जनवरी, 2025 के बीच अमेरिका को 18.4 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया।

सीआरईए ने कहा कि इसमें से 12.4 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से परिष्कृत होने का अनुमान है।

इसी तरह मेंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) की इकाई न्यू मेंगलोर ने आलोच्य अवधि में अमेरिका को 4.2 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया। इसमें से 2.2 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से परिष्कृत होने का अनुमान है।

सीआरईए ने कहा, ‘‘रूस ने अमेरिका को भारत और तुर्की स्थित रिफाइनरियों से निर्यात कर अनुमानित तौर पर 75 करोड़ डॉलर कमाए हैं।’’

तुर्की की तीन रिफाइनरियों ने अमेरिका को कुल 61.6 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया, जिसमें से 54.5 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से आने का अनुमान है।

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