ऑपरेशन केलर-आतंकी सफाया: शोपियां में सेना की बड़ी कार्रवाई

ऑपरेशन केलर-आतंकी सफाया: भारतीय सेना का निर्णायक अभियान
भारतीय सेना ने 13 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में ऑपरेशन केलर आतंकी सफाया मिशन शुरू किया। यह एक “खोज और नष्ट” (Search and Destroy) अभियान था, जो विशेष खुफिया सूचना के आधार पर चलाया गया।
- ऑपरेशन शोपियां के शोकल केलर क्षेत्र में चलाया गया।
- सेना की राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट ने कार्रवाई की अगुवाई की।
- लश्कर के तीन खूंखार आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया।
- भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त हुए।
क्यों शुरू हुआ ऑपरेशन केलर?
यह मिशन ऐसे समय शुरू हुआ जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद घाटी में तनाव चरम पर है। खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि कुछ लश्कर आतंकवादी शोपियां में छिपे हुए हैं।
- 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।
- इसमें शामिल आतंकियों को पकड़ने के लिए सेना सक्रिय हुई।
- ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों के ध्वस्तीकरण के बाद यह दूसरी बड़ी कार्रवाई थी।
मुठभेड़ में क्या हुआ?
ऑपरेशन केलर के दौरान आतंकियों ने भारी गोलीबारी की, जिसका सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। मुठभेड़ में तीन कट्टर आतंकी मारे गए।
- मारे गए आतंकियों में शाहिद कुट्टे, अदनान शफी और एक अज्ञात आतंकी शामिल हैं।
- शाहिद कुट्टे लश्कर का A कैटेगरी कमांडर था।
- अदनान शफी, C श्रेणी का आतंकी, अक्टूबर 2024 में लश्कर में शामिल हुआ था।
घटनास्थल से AK सीरीज की राइफलें, ग्रेनेड और भारी गोला-बारूद बरामद हुआ।
कौन था शाहिद कुट्टे?
शाहिद कुट्टे शोपियां के चोटीपोरा हीरपोरा क्षेत्र का रहने वाला था। मार्च 2023 में उसने लश्कर में भर्ती ली थी। वह भाजपा सरपंच की हत्या (18 मई 2024) का मुख्य आरोपी था। पहलगाम हमले के बाद उसका घर गिरा दिया गया था। वह कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था।
सेना का आधिकारिक बयान :
- भारतीय सेना ने X (पूर्व ट्विटर) पर बताया:
“ऑपरेशन केलर: राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट द्वारा 13 मई को शोपियां के शोकल केलर इलाके में खुफिया सूचना के आधार पर आतंकवादियों के खिलाफ तलाशी और नष्ट अभियान चलाया गया। भारी गोलीबारी के बाद तीन कट्टर आतंकवादी मारे गए।”
- सेना ने बताया यह संयुक्त अभियान था — सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और खुफिया एजेंसियों के बीच बेहतरीन तालमेल का नतीजा।
- सेना ने कहा, “हम आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर से ऑपरेशन केलर तक :
7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर को शुरू किया गया था। इसके तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी शिविर तबाह किए गए। ऑपरेशन केलर आतंकी सफाया उसी रणनीतिक मिशन का हिस्सा है। दोनों ऑपरेशन दिखाते हैं कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ रक्षात्मक नहीं, आक्रामक नीति पर चल रहा है। यह संदेश देता है कि भारत अब घाटी में आतंकवादियों की छिपने की कोई जगह नहीं छोड़ेगा।
ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी का राष्ट्र संबोधन :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अडमपुर एयरबेस से देश को संबोधित किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को ऐतिहासिक सैन्य सफलता बताया।
- 100 से अधिक खूंखार आतंकियों का सफाया इस अभियान में किया गया।
- मोदी ने कहा, भारत अब पाकिस्तान के हर कदम पर करीबी निगरानी रखेगा।
- भविष्य में बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर पर ही केंद्रित होगी।
- प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की तकनीक और वीरता को विशेष रूप से सराहा।
- किसी भी सीमा-पार हरकत का जवाब अब और भी निर्णायक होगा।
- उन्होंने कहा, भारत अब किसी भी परमाणु धमकी से डरने वाला देश नहीं है।
जनता से एकजुट होकर देश के लिए खड़े रहने की अपील की गई।
राज्यों में जश्न, ‘पराक्रम शोभायात्रा’ और जनभागीदारी :
पीएम मोदी के राष्ट्र संबोधन के बाद कई राज्यों में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उत्सव मनाया गया।
A] उड़ीसा के सीएम मोहन माझी ने भुवनेश्वर में तिरंगा बाइक रैली निकाली।
B] रैली का नाम ‘पराक्रम शोभायात्रा’ रखा गया, जिसमें नागरिकों की बड़ी भागीदारी रही।
C] माझी बोले, मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी तरह सुरक्षित और सक्षम है।
D] रैली में राज्य के मंत्री, पुलिस बल और छात्र संगठनों ने भाग लिया।
E] लोगों ने झंडा लहराकर भारतीय सेना के पराक्रम को सलाम किया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: अकाली दल और राष्ट्रीय एकता
i] प्रधानमंत्री मोदी के कूटनीतिक रवैये और सैन्य रणनीति की विभिन्न राजनीतिक दलों ने सराहना की।
ii] सुखबीर सिंह बादल ने मोदी को पाकिस्तान के विरुद्ध ‘दृढ़ नेता’ बताया।
iii] उन्होंने कहा, भारत ने एक लंबा संघर्ष टालकर शांति का मार्ग चुना।
iv] पाकिस्तान की संघर्षविराम मांग को मंजूरी देना रणनीतिक रूप से बड़ा कदम है।
v] मोदी के संबोधन से देश में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना मजबूत हुई।
vi]भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी सीमा तक जाएगा।
ऑपरेशन केलर-आतंकी सफाया न केवल आतंकियों की कमर तोड़ने में सफल रहा, बल्कि भारत की खुफिया एजेंसियों और सुरक्षाबलों की एकजुटता का प्रतीक बनकर उभरा है। यह ऑपरेशन भविष्य में और अधिक सटीक और निर्णायक कार्रवाइयों का संकेत देता है।
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