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नेशनल हेराल्ड फंड घोटाला : गांधी परिवार आर्थिक साजिश के केंद्र में

नेशनल हेराल्ड फंड घोटाला

नेशनल हेराल्ड फंड घोटाला में ईडी ने गांधी परिवार पर AJL की 2000 करोड़ की संपत्तियां अवैध तरीके से हड़पने का आरोप लगाया

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत को सूचित किया कि नेशनल हेराल्ड फंड घोटाला में गांधी परिवार आर्थिक साजिश में शामिल रहा है और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियां अवैध रूप से यंग इंडियन (YI) कंपनी के जरिए अधिग्रहीत की गईं।

नेशनल हेराल्ड फंड घोटाला भारत के राजनीतिक इतिहास का एक बड़ा आर्थिक घोटाला माना जाता है, जिसमें कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों को अवैध तरीके से हड़पने के आरोप लगे हैं। यह मामला 2014 में सामने आया, जब भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने यंग इंडियन (YI) नामक कंपनी के माध्यम से AJL की करोड़ों की संपत्तियों को बेईमानी से अपने नाम कर लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग की जांच में पाया गया कि इस पूरे लेन-देन में धोखाधड़ी, टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आर्थिक अपराध शामिल हैं। अप्रैल 2025 में ईडी ने गांधी परिवार के खिलाफ आधिकारिक चार्जशीट दाखिल की, जिससे यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।

कांग्रेस पार्टी का जिक्र, पर आरोपी नहीं

विशेष अदालत में जब यह सवाल उठा कि कांग्रेस पार्टी को चार्जशीट में बार-बार क्यों उल्लेखित किया गया है, तो ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस को अब तक आरोपी नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी को दान देने वाले कई व्यक्ति खुद इस मामले में पीड़ित हैं।

  • अदालत ने पूछा, “क्या कांग्रेस पीड़ित मानी जाए?”
  • ईडी ने कहा, “अभी कांग्रेस पर सीधे आरोप नहीं”
  • धोखाधड़ी में एआईसीसी के सदस्यों की भूमिका का जिक्र जरूर है

मामले की पूरी टाइमलाइन: कैसे शुरू हुआ घोटाला?

1. 2008: AJL ने बंद किया नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन

  • एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की स्थापना 1937 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
  • इस कंपनी ने नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित किया, जो कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक मुखपत्र था।
  • 2008 में AJL ने अखबार का प्रकाशन बंद कर दिया और कर्मचारियों को वीआरएस दे दिया।
  • हालांकि, कंपनी के पास दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और अन्य शहरों में बहुमूल्य जमीनें और भवन मौजूद रहे।

2. 2010: यंग इंडियन कंपनी का गठन

  • नवंबर 2010 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YI) का पंजीकरण हुआ।
  • इस कंपनी में सोनिया गांधी (38%), राहुल गांधी (38%), मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस शेयरधारक थे।
  • YI ने AJL पर बकाया 90 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले महज 50 लाख रुपये में कंपनी की 100% हिस्सेदारी खरीद ली।

3. 2011: सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में दायर की शिकायत

  • भाजपा नेता डॉ. स्वामी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने AJL की 750+ करोड़ की संपत्तियों को धोखे से हड़प लिया
  • उन्होंने दावा किया कि यह सौदा आपराधिक विश्वासघात (Criminal Breach of Trust) और धोखाधड़ी के तहत आता है।

4. 2014-2018: आयकर विभाग और ED की जांच शुरू

  • 2014 में आयकर विभाग ने जांच कर YI को “चैरिटेबल संस्था” मानने से इनकार कर दिया।
  • 2018 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया।
  • जांच में पाया गया कि AJL की संपत्तियों से गांधी परिवार को 142 करोड़ रुपये किराए के रूप में मिले

5. 2022: सोनिया-राहुल से ED की लंबी पूछताछ

  • जून 2022 में राहुल गांधी से 50+ घंटे तक पूछताछ की गई।
  • जुलाई 2022 में सोनिया गांधी को भी तीन दिन तक ईडी के सामने पेश होना पड़ा।

6. 2025: चार्जशीट दाखिल, गांधी परिवार आरोपी

  • अप्रैल 2025 में ईडी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
  • आरोपों में मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और आपराधिक साजिश शामिल हैं।

ED के प्रमुख आरोप: क्या है गांधी परिवार पर आरोप?

1. संपत्ति का अवैध अधिग्रहण

  • YI ने AJL की 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को महज 50 लाख रुपये में खरीदा, जो एक असामान्य और संदिग्ध सौदा था।
  • AJL को कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ का ब्याज-मुक्त कर्ज मिला था, जिसे YI ने नहीं चुकाया।

2. मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी

  • YI को 18 करोड़ रुपये का संदिग्ध दान मिला, जिसका उद्देश्य टैक्स बचाना था।
  • ईडी ने 988 करोड़ रुपये को “अपराध से अर्जित आय” बताया है।

3. किराए से अवैध आय

  • 2010 से 2023 के बीच AJL की संपत्तियों से गांधी परिवार को 142 करोड़ रुपये किराए के रूप में मिले
  • आयकर विभाग ने AJL की संपत्तियों का मूल्य 755 करोड़ रुपये आंका है।

अन्य आरोपी : सैम पित्रोदा और सुमन दुबे

नेशनल हेराल्ड फंड घोटाला केस में केवल गांधी परिवार ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ सहयोगी सैम पित्रोदा और पत्रकार सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी ने दावा किया है कि ये सभी जानबूझकर की गई साजिश में शामिल थे।

  • यंग इंडियन में कांग्रेस के करीबी नेताओं की सक्रिय भूमिका
  • धनशोधन के जाल में कई स्तरों पर मिलीभगत
  • संपत्तियों का हस्तांतरण पूरी तरह अवैध तरीके से हुआ

कांग्रेस का बचाव: क्या कहती है पार्टी?

  1. “यह राजनीतिक प्रतिशोध है” – कांग्रेस ने आरोपों को भाजपा सरकार की साजिश बताया है।
  2. “AJL एक पत्रकारिता संस्था है” – पार्टी का दावा है कि संपत्तियों का इस्तेमाल सार्वजनिक हित में हुआ।
  3. “सभी लेन-देन कानूनी हैं” – कांग्रेस ने कोर्ट में दावा किया कि YI एक चैरिटेबल संस्था है और कोई गलत काम नहीं हुआ।

क्या होगा अगला कदम?

  • अगली सुनवाई 2-8 जुलाई 2025 के बीच होगी।
  • गांधी परिवार ने वरिष्ठ वकील आरएस चीमा और अभिषेक मनु सिंघवी को अपना बचाव सौंपा है।
  • यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो सोनिया-राहुल को जेल भी हो सकती है

क्या यह केस राजनीति से प्रेरित है?

नेशनल हेराल्ड फंड घोटाला एक जटिल आर्थिक अपराध मामला है, जिसमें गांधी परिवार पर गंभीर आरोप लगे हैं। जबकि कांग्रेस इसे राजनीतिक हमला बता रही है, ईडी और आयकर विभाग के पास ठोस सबूत होने का दावा है। अदालत का फैसला ही तय करेगा कि यह मामला सच्ची आर्थिक धोखाधड़ी है या राजनीतिक षड्यंत्र

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