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पुतिन के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरि ट्रम्प की चेतावनी पर क्रेमलिन का जवाब

राष्ट्रीय हित सर्वोपरि

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ‘आग से खेलने’ वाली टिप्पणी पर क्रेमलिन ने बुधवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं और रूसी नेता के लिए ये हमेशा ऊपर रहेंगे। ट्रम्प, जिन्होंने यूक्रेन संघर्ष को 24 घंटे में खत्म करने का दावा किया था, अब मॉस्को से मेल-मिलाप के बजाय उस पर हमला बोल रहे हैं। उनकी हालिया ट्रुथ सोशल पोस्ट ने तनाव को और बढ़ा दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर निशाना साधते हुए ट्रम्प ने चेतावनी दी है।

“आग से खेल रहे हैं पुतिन”: ट्रम्प का आरोप

मंगलवार को ट्रम्प ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “व्लादिमीर पुतिन को यह एहसास नहीं है कि अगर मैं नहीं होता, तो रूस में बहुत सारी बुरी चीजें पहले ही हो चुकी होतीं।” उन्होंने आगे कहा, “मेरा मतलब है कि बहुत बुरी चीजें। वह आग से खेल रहे हैं।” यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब रूस ने यूक्रेन पर सबसे घातक ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। रूसी अधिकारियों के अनुसार, वायु रक्षा प्रणालियों ने बुधवार रात को 100 से अधिक यूक्रेनी ड्रोन को नष्ट या रोका। इनमें से कई मॉस्को की ओर बढ़ रहे थे।

क्रेमलिन की प्रतिक्रिया और शांति वार्ता

ट्रम्प की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन “शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काफी प्रयास कर रहा है।” पेसकोव ने कहा कि रूस “राष्ट्रपति ट्रम्प के मध्यस्थता प्रयासों के लिए व्यक्तिगत रूप से आभारी है।” हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि शांति समझौते पर पहुंचने से पहले “बहुत सी बारीकियाँ” हैं। रूस के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं, ठीक वैसे ही जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए उनके राष्ट्रीय हित।

  • रूस यूक्रेनी पक्ष के साथ अगले दौर की वार्ता की तैयारी कर रहा है।
  • अमेरिका के साथ संपर्क जारी रहेंगे।
  • युद्ध की वास्तविकताओं पर ट्रम्प को पर्याप्त जानकारी नहीं है, क्रेमलिन का दावा।

मेदवेदेव की चेतावनी: तीसरा विश्व युद्ध

पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने ट्रम्प को तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी दी है। यह धमकी तब आई जब ट्रम्प ने मॉस्को पर नए प्रतिबंधों पर “बिल्कुल” विचार करने की बात कही। मेदवेदेव ने एक्स पर पोस्ट किया, “पुतिन के ‘आग से खेलने’ और रूस के साथ हो रही ‘बहुत बुरी चीजों’ के बारे में ट्रंप के शब्दों के बारे में। मुझे केवल एक बहुत बुरी चीज के बारे में पता है – WWIII। मुझे उम्मीद है कि ट्रंप इसे समझेंगे!” मेदवेदेव 2008 से 2012 के बीच रूस के राष्ट्रपति रहे।

  • युद्ध को समाप्त करने में ट्रम्प की विफलता पर हताशा।
  • पुतिन पर शांति वार्ता को रोकने का आरोप।
  • वॉल स्ट्रीट जर्नल और सीएनएन ने नए प्रतिबंधों की रिपोर्ट दी।

युद्ध की निरंतरता और रूस का रुख

मॉस्को ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया था। उसने मंगलवार को ट्रम्प की टिप्पणियों पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, उसने पहले गतिरोध के लिए यूक्रेन को दोषी ठहराने की कोशिश की थी। मॉस्को ने जोर देकर कहा कि वह अपने नागरिकों पर बढ़ते यूक्रेनी हमलों का जवाब दे रहा था। उसने कीव पर शांति प्रयासों को “बाधित” करने का आरोप लगाया। यह स्थिति दर्शाती है कि दोनों पक्षों के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं, और यही संघर्ष की जड़ है। रूसी अधिकारियों ने कहा कि लगभग 150 यूक्रेनी ड्रोन रोके गए थे। इनमें से 33 मॉस्को की ओर जा रहे थे।

  • यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस ने उत्तरी सुमी क्षेत्र के पास लगभग 50,000 सैनिक जमा किए हैं।
  • कीव ने उस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आक्रमण को रोकने के लिए रक्षात्मक उपाय किए हैं।
  • पुतिन ने यूक्रेन के साथ सीमा पर एक “बफर ज़ोन” स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की है।

टाइमलाइन/घटनाक्रम

  • फरवरी 2022: रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया।
  • हाल के सप्ताह: रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए।
  • मंगलवार: डोनाल्ड ट्रम्प ने व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी।
  • बुधवार: क्रेमलिन और दिमित्री मेदवेदेव ने ट्रम्प की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी।
  • वर्तमान: शांति वार्ता और प्रतिबंधों पर चर्चा जारी।

ऐतिहासिक संदर्भ और भू-राजनीतिक निहितार्थ

यह पहली बार नहीं है जब रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ा है। शीत युद्ध के दौरान भी दोनों महाशक्तियां आमने-सामने थीं। यूक्रेन संघर्ष उसी भू-राजनीतिक खींचतान का एक नया अध्याय है। रूस अपनी सुरक्षा चिंताओं को प्रमुख मानता है, जबकि पश्चिमी देश यूक्रेन की संप्रभुता का समर्थन करते हैं। यह स्थिति एक जटिल जाल बनाती है जहाँ प्रत्येक पक्ष के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं। ट्रम्प की टिप्पणियां इस जटिलता को और बढ़ाती हैं। यह देखना होगा कि यह राजनयिक युद्ध किस दिशा में आगे बढ़ता है।

कानूनी और राजनीतिक पहलू

अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत, देशों को अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने का अधिकार है। यूक्रेन पर रूस का आक्रमण अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना गया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन संघर्ष को समाप्त करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस को अपनी नीतियों को बदलने के लिए मजबूर करना है। हालांकि, रूस इन प्रतिबंधों को अपनी संप्रभुता पर हमला मानता है। यह कानूनी और राजनीतिक गतिरोध शांति समाधान को और कठिन बना रहा है।

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