अडानी धारावी पुनर्विकास परियोजना पर आदित्य ने छेड़ी ‘हमारी मुंबई’ की जंग

मुंबई इन दिनों एक बड़े विवाद के केंद्र में है। यह विवाद अडानी धारावी पुनर्विकास परियोजना से जुड़ा है। शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने ‘लढा आपल्या मुंबईचा’ (हमारी मुंबई के लिए लड़ाई) अभियान शुरू किया है। ठाकरे का आरोप है कि भाजपा मुंबई को अडानी समूह को सौंपना चाहती है।
- यह आंदोलन 1950 के दशक के संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन जैसा है।
- आदित्य ठाकरे ने मुंबई के लोगों से इस लड़ाई में शामिल होने को कहा है।
- उनका कहना है कि मुंबई, महाराष्ट्र और मराठी मानुस खतरे में हैं।
ठाकरे ने मुलुंड में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने अडानी समूह को जमीन आवंटन पर सवाल उठाए। मुलुंड, कुर्ला, मालवणी और देवनार में जमीनें दी गई हैं। यह सब धारावी परियोजना के नाम पर हुआ है।
मुख्य बिंदु :
1. ‘लढा आपल्या मुंबईचा’ अभियान से आदित्य ठाकरे ने धारावी परियोजना के खिलाफ मोर्चा खोला।
2. ठाकरे का आरोप- भाजपा मुंबई को अडानी समूह को सौंपने की योजना बना रही है।
3. धारावी के सभी निवासियों को 500 वर्ग फीट का घर मिलना चाहिए – ठाकरे की मांग।
4. GIFT सिटी जैसी सुविधाएं धारावी और BKC को भी मिलनी चाहिए – ठाकरे की शर्त।
5. सुप्रीम कोर्ट ने सीमेंट सड़क घोटाले में बीएमसी टेंडर रद्द कर ठाकरे के आरोपों को ठहराया।
6. बीएमसी चुनाव शिवसेना (यूबीटी) के लिए अस्तित्व की लड़ाई बनते जा रहे हैं।
7. मुंबई के भविष्य, न्याय और मराठी मानुस की पहचान के लिए यह निर्णायक संघर्ष बताया गया।
धारावी के निवासियों का भविष्य और अडानी-भाजपा संबंध
आदित्य ठाकरे का स्पष्ट मत है। सभी धारावी निवासियों को धारावी में ही घर मिलना चाहिए। उन्हें कहीं और विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया है। भाजपा “अपने मालिक की सेवा” कर रही है। वह मुंबई को अडानी को सौंपना चाहती है। भाजपा-अडानी संबंधों पर भी निशाना साधा गया।
- देवनार डंपिंग ग्राउंड को साफ करने में 2,000 करोड़ रुपये लगेंगे।
- बीएमसी यह पैसा मुंबईकरों से कचरा संग्रह कर के रूप में वसूलेगी।
- ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाए। शिंदे को उन्होंने ‘भ्रष्टाचारनाथ मिंधे’ कहा।
शिंदे पर आरोप है कि उन्होंने भाजपा की योजना में साथ दिया है। छत्रपति शिवाजी जयंती के अवसर पर ठाकरे ने अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की कोशिशें नाकाम हुईं। अब वे शहर को अडानी समूह को सौंपकर मराठी मानुस से छीन रहे हैं। ठाकरे ने जोर देकर कहा। एक बार शहर एक व्यवसायी के हाथ गया। फिर जनप्रतिनिधियों का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा।
संघर्ष का आह्वान: संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन की तर्ज पर
आदित्य ठाकरे ने मुंबई के लिए लड़ने का आह्वान किया। यह लड़ाई संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन जैसी है। यह किसी राजनीतिक दल की लड़ाई नहीं है। यह सभी मुंबईकरों की लड़ाई है। आदित्य ने कहा, “मुंबई को बचाने के लिए इसमें शामिल हों।” यह अभियान आगामी बीएमसी चुनावों के लिए महत्वपूर्ण है।
- बीएमसी चुनाव शिवसेना (यूबीटी) के लिए बेहद अहम हैं।
- पिछले साल के विधानसभा चुनावों में पार्टी को बड़ा झटका लगा था।
- राज्य में केवल 20 सीटें मिली थीं, जिनमें 10 मुंबई से थीं।
बीएमसी दशकों से शिवसेना की ताकत का स्रोत रही है। यह ठाकरे परिवार के प्रभाव का केंद्र रहा है।
भ्रष्टाचार के आरोप और सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
आदित्य ठाकरे ने बीएमसी में भ्रष्टाचार के आरोप दोहराए। उन्होंने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की बात कही। उनके सभी आरोप सच साबित हुए हैं। “सीमेंट रोड घोटाले पर मैंने सबसे पहले आवाज उठाई थी।” आज सड़कों की हालत और काम की गुणवत्ता खराब है।
- अक्टूबर 2024 में ठाणे-बोरीवली बेल्ट में भ्रष्टाचार की चेतावनी दी थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को टेंडर रद्द करने के लिए मजबूर किया है।
- यह ठाकरे के आरोपों की पुष्टि करता है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अडानी धारावी पुनर्विकास परियोजना को मंजूरी दी है। इस पर आदित्य ठाकरे का रुख स्पष्ट है। उनकी पार्टी परियोजना को तब तक शुरू नहीं होने देगी। जब तक सभी निवासियों को 500 वर्ग फीट के घर नहीं मिलते। उन्हें धारावी में ही मुफ्त आवास के लिए पात्र नहीं बनाया जाता।
500 वर्ग फीट के घरों की मांग और GIFT सिटी का मुद्दा
मुलुंड में एक रैली में आदित्य ने अपनी मांग दोहराई। “हमारा रुख स्पष्ट है। सभी निवासियों को पात्र बनाया जाना चाहिए।” अन्यथा, हम उन्हें धारावी से बाहर नहीं जाने देंगे। हर परिवार को 500 वर्ग फीट का घर मिलना चाहिए। उन्होंने GIFT सिटी का मुद्दा भी उठाया। “GIFT सिटी को मुंबई से छीनकर गुजरात ले जाया गया।”
- बीकेसी और धारावी को GIFT सिटी का दर्जा मिलना चाहिए।
- तभी वे अडानी धारावी पुनर्विकास परियोजना को आगे बढ़ने देंगे।
- यह एक शर्त है जो उनकी मांगों का मूल है।
मुलुंड विधायक मिहिर कोटेचा पर भी निशाना साधा। आदित्य ने विधानसभा में भाजपा नेता का एक वीडियो दिखाया। वीडियो में कोटेचा ने दावा किया था। मुलुंड में एक भी वर्ग फीट जमीन किसी को नहीं दी गई। ठाकरे ने कोटेचा पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
न्याय और समानता का प्रश्न
“अडानी को जो अधिकार और सुविधाएं मिल रही हैं,” वही लाभ मुंबईकरों को क्यों नहीं मिल रहे हैं? ठाकरे ने यह सवाल उठाया। उन्होंने चिंता व्यक्त की। पूर्वी उपनगरों में धारावी के लाखों निवासी कहाँ रहेंगे? क्या सड़कें पर्याप्त होंगी? पानी और बिजली का क्या होगा?
- यह परियोजना न्याय और समानता के मुद्दों को उठाती है।
- यह मुंबई के भविष्य पर सीधा प्रभाव डाल सकती है।
- शहर के नागरिकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण लड़ाई है।
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