मुंबई ट्रेन दुर्घटना: रेल हादसों पर लापरवाह सरकार

>”नरेंद्र मोदी सरकार के 11 वर्षों के शासन काल में रेल हादसों की की जिम्मेदारी से रेल मंत्रालय को मुक्त कार दिया गया है, बकौल राजनाथ सिंह भाजपा की राष्ट्रवादी सरकार में अब किसी भी तरह की लापरवाही के लिए इस्तीफे नहीं होते, बल्कि रेलमंत्री का गुणगान किया जाता है जैसा कि मुंबई ट्रेन दुर्घटना के पश्चात राहुल नार्वेकर ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का गुणगान किया”
मुंबई ट्रेन दुर्घटना: स्वचालित दरवाजों की तत्काल मांग
मुंबई ट्रेन दुर्घटना के बाद सुरक्षा की मांग ज़ोर पकड़ रही है। सोमवार सुबह एक भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन में बड़ा हादसा हुआ। करीब 13 यात्री चलती ट्रेन से पटरी पर गिर गए। इस मुंबई ट्रेन दुर्घटना में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई। कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।
यह घटना मुंब्रा और दिवा स्टेशनों के बीच हुई। अत्यधिक भीड़ और दरवाजों पर लटकना प्रमुख कारण बताया गया। इस मुंबई ट्रेन दुर्घटना के बाद स्वचालित दरवाजे लगाने की मांग तेज हो गई है।
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मुंबई ट्रेन दुर्घटना: तथ्य और प्रतिक्रिया
यह मुंबई ट्रेन दुर्घटना सुबह करीब 9:30 बजे घटी। सेंट्रल रेलवे के अनुसार, विपरीत दिशा की ट्रेनों के यात्री आपस में टकरा गए। फुटबोर्ड पर खड़े यात्री इस टक्कर के शिकार हुए। सीपीआरओ स्वप्निल नीला ने विवरण साझा किया। उन्होंने बताया, “13 घायलों में से चार की मौत हो गई।
चार का इलाज चल रहा है।” रेलवे ने तुरंत कदम उठाने का फैसला किया। सभी मौजूदा डिब्बों को फिर से तैयार किया जाएगा। नए डिब्बे एसी होंगे। इनमें स्वचालित दरवाजा बंद करने की प्रणाली होगी। इस मुंबई ट्रेन दुर्घटना के बाद यह कदम जरूरी हो गया है।
रेल मंत्रालय की आपात बैठक
रेल मंत्रालय ने सोमवार को ही आपात बैठक बुलाई। बैठक में गैर-एसी ट्रेनों में स्वचालित दरवाजों की चुनौतियां चर्चा का विषय थीं। मुख्य चिंता वेंटिलेशन की कमी और दम घुटने का खतरा थी। मंत्रालय ने एक नोट जारी किया। इसमें कहा गया, “नई गैर-एसी ट्रेनों का डिजाइन तैयार होगा।” वेंटिलेशन समस्या को तीन तरीकों से हल किया जाएगा।
पहला, दरवाजों पर लौवर लगाए जाएंगे। दूसरा, छत पर ताजी हवा के लिए वेंटिलेशन यूनिट होंगी। तीसरा, डिब्बों के बीच वेस्टिब्यूल बनाए जाएंगे। इससे भीड़ प्राकृतिक रूप से संतुलित हो सकेगी।
मुआवजे की घोषणा की
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुआवजे की घोषणा की। रेलवे और राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को मुआवजा देंगे। शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “पिछले वर्षों में कई भयानक ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं। कोई जिम्मेदारी नहीं लेता।
यह रेलवे विभाग और रेल मंत्री की पूरी जिम्मेदारी है।” इस मुंबई ट्रेन दुर्घटना ने प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े किए हैं।
मुंबई ट्रेन सुरक्षा: भविष्य की राह
यह मुंबई ट्रेन दुर्घटना कोई पृथक घटना नहीं है। मुंबई उपनगरीय रेलवे पर भीड़ और सुरक्षा चुनौतियां बरसों पुरानी हैं। एनसीआरबी के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। 2022 में ट्रेन से गिरने या ट्रैक पर टकराने के 17,053 मामले दर्ज हुए। यह सभी रेल दुर्घटनाओं का लगभग 74% था। सबसे खराब स्थिति महाराष्ट्र की रही।
राज्य में ऐसे कुल मामलों का 27.4% (4,677) हिस्सा था। 2023 और 2024 के आंकड़े भी इसी चिंताजनक रुझान को दर्शाते हैं। औसतन हर दिन लगभग 7 मौतें हुईं। पूरे साल में 2500 से अधिक जानें गईं। ये आंकड़े नीचे दी गई तालिका में स्पष्ट हैं:
वर्ष | ट्रेन से गिरने/टकराने के मामले | कुल रेल दुर्घटनाओं में % | महाराष्ट्र में मामले |
2022 | 17,053 | 74% | 4,677 (27.4%) |
2023 | लगभग 16,500* | 73%* (अनुमानित) | लगभग 4,500* |
2024 | लगभग 16,800* | 72.5%* (अनुमानित) | लगभग 4,600* |
स्रोत: एनसीआरबी रुझानों पर आधारित अनुमान – अंतिम आंकड़े अभी प्रकाशित नहीं)
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सुरक्षा जागरूकता अभियान
इस मुंबई ट्रेन दुर्घटना के बाद नई योजनाओं पर काम शुरू हो गया है। मंत्रालय ने समयसीमा भी तय की है। नए डिजाइन की पहली ट्रेन नवंबर 2025 तक तैयार होगी। जनवरी 2026 तक इसे सेवा में लगाया जाएगा।
यह मुंबई के लिए निर्मित 238 नई एसी ट्रेनों के अतिरिक्त होगा। साथ ही, रेलवे यात्रियों से लगातार अपील कर रहा है। फुटबोर्ड पर यात्रा करने से बचने की सलाह दी जा रही है। सुरक्षा जागरूकता अभियान भी तेज किए गए हैं।
हादसों को रोकने हेतु जरूरी कदम
निश्चित रूप से, स्वचालित दरवाजे एक बड़ा समाधान हैं। परंतु, यह अकेला पर्याप्त नहीं है। ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ाना भी जरूरी है। स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन सुधारना होगा। सस्ते और सुविधाजनक वैकल्पिक परिवहन विकसित करने की आवश्यकता है। इस मुंबई ट्रेन दुर्घटना ने एक बार फिर सिस्टम में सुधार की मांग को रेखांकित किया है।
अब देखना यह है कि क्या यह दुखद घटना स्थायी बदलाव का कारण बन पाएगी। सरकार के वादों पर अमल ही वास्तविक परीक्षा होगी। जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। आशा है कि भविष्य में ऐसी कोई और मुंबई ट्रेन दुर्घटना नहीं होगी।
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