गाजा पट्टी में इजरायली वायु सेना के नए हमलों ने गुरुवार को 85 निर्दोष नागरिकों की जान ले ली। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता जाहर अल-वहीदी के अनुसार, मंगलवार को संघर्षविराम तोड़े जाने के बाद से मरने वालों का आंकड़ा 592 पहुंच चुका है। इजरायल ने इन हमलों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जबकि हमास ने इजरायल पर 3 रॉकेट दागे, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ।
उत्तरी गाजा में प्रतिबंध और जमीनी ऑपरेशन तेज
इजरायली सेना ने गाजा के उत्तरी हिस्से (गाजा सिटी और बेइत लाहिया) में सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं। नागरिकों को उत्तर की ओर जाने से रोक दिया गया है, केवल दक्षिण की ओर पलायन की अनुमति है। साथ ही, बेइत लाहिया में इजरायल ने जमीनी अभियान तेज करते हुए पिछले 24 घंटों में भीषण बमबारी की, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए।
संघर्षविराम टूटने की वजह: हमास ने ‘शांति प्रस्ताव’ ठुकराया?
इजरायल सरकार के अनुसार, हमास ने नई शांति योजना को अस्वीकार कर दिया, जो पिछले समझौतों से अलग थी। इसी को लेकर इजरायल ने ऑपरेशन ‘स्टील वॉल’ फिर से शुरू किया। अधिकारियों का दावा है कि हमास लड़ाके नागरिक इलाकों में छिपे हैं, जिससे हमले में नागरिक हताहत बढ़ रहे हैं।
मानवीय संकट गहराया: 18 लाख लोग बेघर, UN की चेतावनी
यूएन रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2023 से अब तक 18 लाख फिलिस्तीनी बेघर हो चुके हैं। गाजा में भूखमरी, दवा की कमी और बुनियादी सुविधाओं का अभाव मानवीय आपदा को बढ़ा रहा है। जनवरी में संघर्षविराम के दौरान हजारों लोग उत्तरी गाजा लौटे थे, लेकिन नए हमलों ने उन्हें फिर से भागने पर मजबूर कर दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: अमेरिका और UN ने जताई चिंता
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने नागरिक हताहतों पर गहरी नाराजगी जताई है, जबकि UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तत्काल युद्धविराम की अपील की है। वहीं, अरब देशों ने इजरायल पर अंतर्राष्ट्रीय कानून तोड़ने के आरोप लगाए हैं।
7 अक्टूबर 2023 से जारी है खूनी संघर्ष
यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को हमास के सरप्राइज अटैक से शुरू हुआ, जिसमें 1,200 इजरायलियों की मौत हुई। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर 2,000 से अधिक हवाई हमले किए। UN के अनुसार, अब तक 17,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें 70% महिलाएं और बच्चे हैं।
सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल राफाह शहर में बड़े जमीनी ऑपरेशन की तैयारी कर रहा है, जो हमास का अंतिम गढ़ माना जाता है। इससे नागरिक हताहत और बढ़ सकते हैं। वहीं, मिस्र और कतर नई शांति वार्ता की कोशिशों में जुटे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।
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