इजरायल भारत नक्शा विवाद पर इजरायली सेना की माफी ?

इजरायल भारत नक्शा विवाद पर इजरायली सेना की माफी हाल ही में इजरायली सेना द्वारा जारी एक मानचित्र ने भारत में भारी विवाद खड़ा कर दिया है। इस नक्शे में जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान और पूर्वोत्तर के राज्यों को नेपाल का हिस्सा दर्शाया गया था। यह गलती ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच हुई, जब इजरायल ने अपनी मिसाइल रेंज को दर्शाने वाला एक मानचित्र जारी किया।
- इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने स्वीकार किया कि नक्शे में त्रुटि थी।
- उन्होंने अपनी गलती के लिए तुरंत माफी मांगी।
- इस घटना से भारत में व्यापक आक्रोश देखा गया।
विवादित मानचित्र: एक बड़ी कूटनीतिक चूक
इजरायल रक्षा बलों ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक ग्राफिक साझा किया। इस ग्राफिक में ईरान की मिसाइलों की पहुँच दिखाई गई थी। पोस्ट में लिखा था कि “ईरान एक वैश्विक खतरा है” और “इजरायल अंतिम लक्ष्य नहीं है, यह तो केवल शुरुआत है।” नक्शे में भारत को ईरान की मिसाइल रेंज में दिखाया गया।
- इस मानचित्र में भारत की सीमाओं को गलत दिखाया गया था।
- जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दर्शाया गया।
- पूर्वोत्तर के राज्यों को नेपाल का हिस्सा बताया गया।
मुख्य बिंदु :
- इजरायली सेना के नक्शे में भारत की सीमाओं को गलत दर्शाने पर विवाद।
- जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान व पूर्वोत्तर राज्यों को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया।
- सोशल मीडिया पर भारतीय नागरिकों ने तीखी आपत्ति और विरोध दर्ज कराया।
- इजरायली रक्षा बलों ने गलती स्वीकार कर सोशल मीडिया पर माफीनामा जारी किया।
- इजरायल-ईरान सैन्य तनाव के बीच यह विवाद सामने आया।
- भारत-इजरायल के मजबूत रिश्तों के बावजूद यह घटना कूटनीतिक चिंता का विषय बनी।
- भारत सरकार की ओर से अब तक इस विवाद पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आक्रोश और तत्काल माफी
जैसे ही यह मानचित्र सार्वजनिक हुआ, भारतीय उपयोगकर्ताओं ने तुरंत इसकी अशुद्धियों पर आपत्ति जताई। सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जिसमें कई उपयोगकर्ताओं ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भी टैग किया। विरोध बढ़ता देख, आईडीएफ ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी जारी की। उन्होंने कहा कि मानचित्र का उद्देश्य सटीक राष्ट्रीय सीमाओं को दर्शाना नहीं था, बल्कि यह क्षेत्र का एक चित्रण था। उन्होंने इस छवि से हुई किसी भी ठेस के लिए खेद व्यक्त किया।
- IDF ने ‘एक्स’ पर माफीनामा पोस्ट किया।
- उन्होंने स्पष्ट किया कि नक्शा सीमाओं को सटीक नहीं दिखाता।
ईरान के साथ इज़राइल का बढ़ता तनाव
यह इजरायल भारत नक्शा विवाद ऐसे समय में हुआ है, जब इजरायल और ईरान के बीच सैन्य संघर्ष चरम पर है। शुक्रवार को इजरायल ने तेहरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम को समाप्त करना था। इन हमलों में कई शीर्ष ईरानी सैन्य कमांडर और 70 से अधिक अन्य मारे गए, जबकि महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान नष्ट हो गए। जवाब में, ईरान ने तेल अवीव और यरुशलम सहित इजरायल के कई क्षेत्रों को निशाना बनाते हुए ड्रोन और मिसाइलों की बौछार की। शनिवार को दोनों ओर से और भी हमले हुए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इजरायली सेना के नक्शे के अनुसार, भारत के अलावा, रूस, यूक्रेन, चीन और सूडान सहित लगभग 15 देश ईरानी मिसाइलों की रेंज में आते हैं।
- इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया।
- ईरान ने इजरायली शहरों पर जवाबी हमला किया।
- दोनों देशों के बीच शत्रुता और बढ़ गई।
संबंधों पर असर और भविष्य की राह
पिछले कुछ वर्षों में भारत और इजरायल के बीच संबंध मजबूत हुए हैं। 2017 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल का दौरा करने वाले पहले भारतीय नेता बने। तब से, भारत इजरायल के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक बन गया है, और इजरायली रक्षा उपकरणों का एक प्रमुख खरीदार है। ऐसे मजबूत संबंधों के बावजूद, इस नक्शे की गलती को अप्रत्याशित और निराशाजनक माना गया। हालांकि, इजरायल भारत नक्शा विवाद के बाद आईडीएफ की त्वरित माफी एक सकारात्मक कदम है, लेकिन भारत सरकार ने अभी तक इस घटना पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस घटना से कूटनीतिक हलकों में सवाल उठे हैं कि क्या यह सिर्फ एक गलती थी या इसके पीछे कोई गहरा अर्थ था।
- भारत-इजरायल संबंध हाल के वर्षों में मजबूत हुए हैं।
- यह गलती ऐसे समय में हुई जब द्विपक्षीय संबंध अहम हैं।
- भारत सरकार की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है।
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