मुंबई में अवैध बार पर कार्रवाई के बाद MIDC वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक निलंबित

मुंबई में अवैध बार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बड़ी मिसाल पेश की है। हाल ही में एक छापे के बाद MIDC पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजीव चव्हाण को निलंबित कर दिया गया है। उन पर अपने अधिकार क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे एक बार पर लगाम कसने में विफल रहने का आरोप है।
- यह निलंबन मुंबई पुलिस के शीर्ष अधिकारियों द्वारा किया गया।
- यह घटना 10 जून को ‘नाइट लवर्स’ बार पर छापे के बाद सामने आई।
- बार देर रात 2:30 बजे तक खुला पाया गया, जो नियमों का उल्लंघन है।
मुख्य बिंदु
- MIDC पुलिस इंस्पेक्टर राजीव चव्हाण को कर्तव्य में लापरवाही के चलते सस्पेंड कर दिया गया।
- प्रॉपर्टी सेल और क्राइम ब्रांच ने ‘नाइट लवर्स’ बार पर देर रात छापेमारी की।
- बार में 40 से अधिक लड़कियां डांस करती मिलीं, जो नियमों का बड़ा उल्लंघन था।
- छापे में 12 महिलाओं को बचाया गया और 30 पुरुषों को हिरासत में लिया गया।
- चव्हाण को पहले चुनाव से पहले ट्रांसफर किया गया था, हाल ही में बहाल हुए थे।
- अधिकारियों ने विभागीय जांच कर चव्हाण की लापरवाही की पुष्टि की।
- यह कार्रवाई पुलिस विभाग में अन्य अधिकारियों के लिए भी सख्त संदेश बन गई है।
संयुक्त टीम का छापा और चौंकाने वाले खुलासे
प्रॉपर्टी सेल और क्राइम ब्रांच (सीबी) की एक संयुक्त टीम ने 10 जून को ‘नाइट लवर्स’ बार पर छापा मारा था। इस ऑपरेशन के दौरान, अधिकारियों ने पाया कि बार में 40 से अधिक बार गर्ल्स नाच रही थीं। यह गतिविधि लाइसेंसिंग नियमों का घोर उल्लंघन है।
- इस छापेमारी के परिणामस्वरूप 12 असहाय महिलाओं को बचाया गया, जिन्हें संभवतः शोषण का सामना करना पड़ रहा था।
- बार के प्रबंधक और उसके 30 कर्मचारियों सहित कुल 30 पुरुषों को हिरासत में लिया गया।
- पूछताछ के लिए उन्हें तुरंत पुलिस स्टेशन लाया गया, जहां गहन पूछताछ की गई।
राजीव चव्हाण पर गिरी गाज: कर्तव्य की अनदेखी का परिणाम
पश्चिम क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, परमजीत सिंह दहिया ने बिना किसी देरी के निरीक्षक राजीव चव्हाण को निलंबित करने का आदेश जारी किया। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट रूप से निष्कर्ष निकाला गया कि निरीक्षक चव्हाण अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में पूरी तरह विफल रहे। यह उनकी इस अक्षमता का ही परिणाम था कि उनके अधिकार क्षेत्र में एक अवैध प्रतिष्ठान इतनी बेफिक्री से संचालित हो रहा था। यह निलंबन आदेश मुंबई पुलिस आयुक्तालय द्वारा शुरू की गई एक विस्तृत विभागीय जांच के बाद आया है, जो यह साबित करता है कि कोई भी अधिकारी कानून से ऊपर नहीं है।
- विभागीय जांच ने निरीक्षक चव्हाण की चूक को स्पष्ट रूप से स्थापित किया।
- यह निलंबन मुंबई पुलिस की आंतरिक जवाबदेही प्रणाली को दर्शाता है।
पहले भी हो चुका था तबादला, फिर हुई बहाली
दिलचस्प बात यह है कि नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले चव्हाण को MIDC पुलिस स्टेशन से स्थानांतरित कर दिया गया था। छापेमारी से कुछ समय पहले मई में ही उन्हें उसी पद पर बहाल किया गया था। इस अवैध बार पर कार्रवाई ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन में जवाबदेही की जरूरत को उजागर किया है।
- बार संचालक के खिलाफ MIDC पुलिस स्टेशन में संबंधित धाराओं में अपराध दर्ज किया गया।
- वरिष्ठ निरीक्षक चव्हाण के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।
- अतिरिक्त आयुक्त परमजीत सिंह दहिया ने चव्हाण के निलंबन की पुष्टि की है।
अन्य अधिकारियों के लिए कड़ा संदेश
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक बार में 40 लड़कियों का मिलना कोई छोटी बात नहीं है। यह दर्शाता है कि बार मालिक कानून लागू करने वालों से नहीं डरते थे। वे निडर होकर अपना अवैध कारोबार चला रहे थे। इस तरह की सख्त अवैध बार पर कार्रवाई से अन्य पुलिस स्टेशन प्रमुखों को भी कड़ा संदेश मिलेगा। उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र के तहत प्रतिष्ठानों में ऐसी अवैध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसे उल्लंघन न हों।
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