Lucknow रेप-हत्याकांड: 1 लाख के इनामी आरोपी का एनकाउंटर, 23 केसों वाले हिस्ट्रीशीटर अजय ढेर!
Lucknow के मलिहाबाद में चर्चित रेप-हत्याकांड का मुख्य आरोपी अजय कुमार (हिस्ट्रीशीटर) शुक्रवार रात पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। इससे पहले, उसके साथी आरोपी दिनेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस की “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत यह कार्रवाई हुई, जिसमें 1 लाख रुपये के इनामी अजय ने पुलिस पर गोली चलाई, जिसके बाद जवाबी फायरिंग में वह ढेर हो गया।
क्या हुआ था मामला?
32 वर्षीय युवती को आलमबाग से ई-रिक्शा द्वारा अगवा कर मलिहाबाद के वाजिदनगर स्थित आम के बाग में ले जाया गया।
रेप के बाद उसकी निर्मम हत्या कर शव को पेड़ों के बीच फेंक दिया गया।
लापरवाही के आरोप में 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया, जिनमें थाना अध्यक्ष और चौकी प्रभारी शामिल थे।
एनकाउंटर की पूरी कहानी
देवा रेस्टोरेंट के पास पुलिस ने अजय को घेरा। उसने पिस्टल से फायर किया, जिसके बाद आत्मरक्षा में पुलिस ने गोलीबारी की।
गंभीर रूप से घायल अजय को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
अजय के खिलाफ 23 गंभीर मुकदमे दर्ज थे, जिनमें रेप, हत्या और अपहरण शामिल थे। वह पहले भी जेल जा चुका था।
यूपी पुलिस का एक्शन और सस्पेंशन
घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई की।
लापरवाही के आरोप में निलंबित कर्मियों में पीआरवी कमांडर और कॉन्स्टेबल भी शामिल।
पुलिस ने 48 घंटे के भीतर आरोपियों को ट्रैक कर मिसाल कायम की।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड
EncounterJustice और #UPFightsCrime ट्रेंड कर रहा है।
नेताओं ने पुलिस की प्रशंसा की, वहीं मानवाधिकार संगठनों ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए।
पीड़िता के परिवार ने कहा, “अब बेटी को सच्ची शांति मिलेगी।”
क्यों है ये केस खास?
ई-रिक्शा का इस्तेमाल अपराध में नई चुनौती।
रिपीट ऑफेंडर होने के बावजूद अजय की पहले नहीं रोकी गई गतिविधियां।
यूपी में एनकाउंटर का आंकड़ा 2023 में 180+ पहुंचा, जो क्राइम कंट्रोल पर सरकार का फोकस दिखाता है।
अनलॉक किया गया डेटा:
पुलिस के मुताबिक, अजय दरोगा गिरोह से जुड़ा था, जो मलिहाबाद-हरदोई बेल्ट में सक्रिय है।
पीड़िता के मोबाइल की लोकेशन ट्रैकिंग से आरोपियों का पता चला।
यूपी पुलिस का बयान:
“हम ऐसे दरिंदों को जिंदा नहीं छोड़ेंगे। यह केस महिला सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
यह खबर हमारी टीम द्वारा पुलिस सूत्रों, स्थानीय गवाहों और आधिकारिक दस्तावेजों के आधार पर तैयार की गई है।
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