अहमदाबाद विमान दुर्घटना: ब्लैक बॉक्स डेटा एक्सेस से खुलेगा रहस्य

अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे की जाँच अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आ गई है। ब्लैक बॉक्स डेटा एक्सेस कर लिया गया है, जिससे दुर्घटना के पीछे के कारणों का पता लगाने में मदद मिलेगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पुष्टि की है कि जाँचकर्ता अब इस महत्वपूर्ण जानकारी का विश्लेषण कर रहे हैं। इस दुखद घटना में 275 से अधिक लोगों की जान चली गई थी, जिनमें 241 यात्री और विमान कर्मी शामिल थे। केवल एक यात्री चमत्कारिक रूप से इस भीषण दुर्घटना में जीवित बचा।
मुख्य बिंदु :
- ब्लैक बॉक्स डेटा सफलतापूर्वक एक्सेस हुआ, दुर्घटना कारणों की गहन पड़ताल शुरू।
- 275 लोगों की मौत, केवल एक यात्री इस भीषण विमान हादसे में बच पाया।
- पायलट ने उड़ान के 36 सेकंड में ‘नो थ्रस्ट’ के साथ ‘मेडे’ कॉल भेजा।
- AAIB और NTSB की संयुक्त टीम ICAO मानकों के तहत जाँच में जुटी।
- ब्लैक बॉक्स सुरक्षित तरीके से दिल्ली लाया गया, डेटा विश्लेषण जारी।
- गृह सचिव के नेतृत्व में उच्च स्तरीय समिति का गठन, रिपोर्ट 3 महीने में।
- जयराम रमेश ने जाँच में देरी की आलोचना की, मंत्रालय ने तत्काल कार्रवाई बताई।
दुर्घटना की भयावहता और प्रारंभिक क्षण
12 जून, 2025 को दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद, लंदन गैटविक जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान एक मेडिकल हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में विमान में सवार 241 लोगों सहित 275 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें जमीन पर 34 लोग भी शामिल थे।
- पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल ने ‘मेडे’ कॉल किया, जिसमें ‘नो थ्रस्ट’ का उल्लेख था।
- विमान उड़ान भरने के महज 36 सेकंड के भीतर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
- इस भीषण हादसे में केवल एक यात्री चमत्कारिक रूप से जीवित बचा।
यह त्रासदी अहमदाबाद के इतिहास में सबसे घातक विमान दुर्घटनाओं में से एक है।
जाँच दल का तत्काल गठन
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 से जुड़ी इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के तुरंत बाद, विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) ने त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने निर्धारित मानदंडों के अनुरूप 13 जून, 2025 को एक बहु-विषयक टीम का गठन किया।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार गठित इस टीम का नेतृत्व AAIB के महानिदेशक जीवीजी युगांधर कर रहे हैं।
- यह टीम ICAO शिकागो कन्वेंशन (1944) के तहत अंतर्राष्ट्रीय विमानन मानदंडों का पालन करती है, जिसके भारत एक हस्ताक्षरकर्ता है।
- AAIB भारत में विमान दुर्घटना जाँच के लिए नामित प्रमुख प्राधिकरण है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि जाँच प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
बहु-विषयक टीम के सदस्य
जाँच टीम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं ताकि दुर्घटना के सभी पहलुओं की गहन जाँच की जा सके। इस टीम में एक विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ और एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) अधिकारी शामिल हैं।
- अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के प्रतिनिधि भी इस टीम का हिस्सा हैं।
- NTSB की भागीदारी महत्वपूर्ण है क्योंकि विमान का निर्माण और डिजाइन संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था।
- ऐसी जाँचों के लिए यह आवश्यक है कि निर्माण और डिजाइन के राज्य (USA) की सरकारी जाँच एजेंसी का प्रतिनिधित्व हो।
यह बहु-विषयक दृष्टिकोण जाँच की सटीकता और व्यापकता सुनिश्चित करता है।
ब्लैक बॉक्स की बरामदगी और सुरक्षित भंडारण
ब्लैक बॉक्स किसी भी विमान दुर्घटना की जाँच में सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य होता है। इस दुर्घटना के बाद, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) 13 जून को दुर्घटनास्थल पर एक इमारत की छत से बरामद किया गया था।
- दूसरा ब्लैक बॉक्स, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR), 16 जून, 2025 को मलबे से निकाला गया।
- इन दोनों महत्वपूर्ण उपकरणों को अहमदाबाद में 24/7 पुलिस सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी में रखा गया था।
- यह साक्ष्य प्रबंधन के लिए सख्त अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप था।
इससे डेटा की अखंडता सुनिश्चित हो सकी, जो जाँच के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
दिल्ली में ब्लैक बॉक्स का स्थानांतरण और डेटा एक्सट्रैक्शन
बरामद किए गए ब्लैक बॉक्स को पूरी सुरक्षा के साथ दिल्ली लाया गया। 24 जून, 2025 को, फ्रंट ब्लैक बॉक्स दोपहर 2 बजे AAIB प्रयोगशाला में पहुंचा, जिसे AAIB के महानिदेशक ने एस्कॉर्ट किया।
- दूसरी यूनिट, पीछे का ब्लैक बॉक्स, उसी शाम 5:15 बजे AAIB की एक अन्य टीम के साथ AAIB लैब पहुंचा।
- 24 जून की शाम को ही AAIB के महानिदेशक जीवीजी युगांधर के नेतृत्व में AAIB और NTSB के तकनीकी सदस्यों के साथ टीम ने ब्लैक बॉक्स डेटा एक्सेस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
यह स्थानांतरण और प्रारंभिक एक्सेस जाँच के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ।
डेटा विश्लेषण और इसके निहितार्थ
25 जून, 2025 को, फ्रंट ब्लैक बॉक्स से मेमोरी मॉड्यूल को सफलतापूर्वक एक्सेस किया गया और इसका डेटा AAIB लैब में डाउनलोड कर लिया गया। यह एक बड़ी सफलता है, क्योंकि ब्लैक बॉक्स डेटा एक्सेस से जाँचकर्ताओं को दुर्घटना के पीछे के कारणों को समझने में मदद मिलेगी।
- CVR पायलटों की बातचीत और कॉकपिट से अन्य ऑडियो रिकॉर्ड करता है।
- FDR उड़ान के तकनीकी विवरण जैसे ऊंचाई, गति, इंजन की स्थिति और नियंत्रण सेटिंग्स रिकॉर्ड करता है।
- इन प्रयासों का उद्देश्य दुर्घटना की ओर ले जाने वाली घटनाओं के अनुक्रम को फिर से बनाना है।
- विमानन सुरक्षा को बढ़ाने तथा भविष्य की घटनाओं को रोकने के लिए योगदान करने वाले कारकों की पहचान करना है।
वर्तमान में, CVR और FDR डेटा का गहन विश्लेषण चल रहा है, जो दुर्घटना के मूल कारणों पर प्रकाश डालेगा।
उच्च स्तरीय समिति का गठन और राजनीतिक प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जाँच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया है। इस समिति का नेतृत्व गृह सचिव कर रहे हैं, और इसमें राज्य और केंद्र के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो संयुक्त सचिव के पद से नीचे नहीं हैं।
- समिति के पास उड़ान डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान रखरखाव रिकॉर्ड, एटीसी लॉग और गवाहों की गवाही सहित सभी रिकॉर्ड तक पहुंच होगी।
- यह जाँच पैनल तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करेगा।
- कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुरू में इस दुर्घटना की आधिकारिक जाँच शुरू करने में देरी की आलोचना की थी,
- लेकिन मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि AAIB ने 13 जून को ही एक बहु-विषयक टीम का गठन कर दिया था।
पीड़ितों के परिवार और पूरा देश इस जाँच के परिणामों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, और ब्लैक बॉक्स डेटा एक्सेस होने से उन्हें जल्द ही जवाब मिलने की उम्मीद है।
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