लाउडस्पीकर हटाने पर घमासान अजित पवार की सोमैया को कड़ी चेतावनी

लाउडस्पीकर हटाने पर घमासान महाराष्ट्र की राजनीति में तेज होता जा रहा है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भाजपा नेता किरीट सोमैया को मस्जिदों में निजी निरीक्षण से दूर रहने को कहा। उन्होंने चेताया कि ऐसी हरकतें कानून-व्यवस्था को बिगाड़ सकती हैं।
- चेतावनी मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती की मौजूदगी में जारी हुई।
- बयान मुस्लिम नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के तुरंत बाद आया।
- पवार का NCP गुट भाजपा गठबंधन का हिस्सा है।
पवार ने सोमैया को दोबारा ऐसी यात्रा न करने की हिदायत दी। पुलिस को आदेश मिला कि स्थिति निरपेक्ष रहे।
मुख्य बिंदु :
- अजित पवार ने किरीट सोमैया को मस्जिद निरीक्षण से दूर रहने की चेतावनी दी।
- चेतावनी देवेन भारती की मौजूदगी में मुस्लिम नेताओं से बैठक के तुरंत बाद जारी हुई।
- मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने लाउडस्पीकर हटाने और सोमैया यात्राओं पर साम्प्रदायिक तनाव की आशंका जताई।
- सर्कुलर ने अवैध लाउडस्पीकर हटाने हेतु केवल तीन महीने की कठोर अनुमति रखी।
- उच्च न्यायालय के 45-55 डेसिबल आदेश को लागू करना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा।
- भाजपा का दावा, सोमैया सिर्फ पुलिस अधिकारियों से मिले; मस्जिद दबाव आरोप निराधार हैं।
- अजित पवार ने निष्पक्ष प्रवर्तन, साम्प्रदायिक संतुलन और संवाद से समाधान खोजने पर जोर दिया।
25 जून की प्रतिनिधि मुलाकात
मुस्लिम नेताओं का प्रतिनिधिमंडल 25 जून 2025 को अजित पवार से मिला। बैठक का उद्देश्य पुलिस कार्रवाई और सोमैया की कथित यात्राओं पर चिंता जताना था। मुलाकात के दौरान नेताओं ने साम्प्रदायिक तनाव की आशंका व्यक्त की।
- प्रतिनिधिमंडल में नवाब मलिक और उनकी बेटी सना मलिक शामिल थे।
- समाजवादी पार्टी के अबू आसिम आज़मी ने तीखी आपत्ति दर्ज कराई।
- पूर्व विधायक जीशान सिद्दीकी ने भी मुद्दे उठाए।
- नेताओं ने पुलिस से नरम रुख अपनाने और मस्जिद प्रबंधन को प्रक्रिया में शामिल करने की अपील की। पवार ने सभी बिंदुओं को संज्ञान में लिया।
11 मई का पुलिस सर्कुलर
मुंबई पुलिस ने 11 मई 2025 को सभी धार्मिक ढाँचों से अवैध लाउडस्पीकर हटाने का सर्कुलर जारी किया। सर्कुलर ने अनुमति प्रणाली को कड़ी शर्तों से बाँध दिया। शर्तों ने कई व्यवस्थाओं को जटिल बना दिया।
- आवेदन के साथ संपत्ति कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
- वैध निर्माण प्रमाण के साथ वक्फ बोर्ड या चैरिटी कमिश्नर पंजीकरण दिखाना ज़रूरी है।
- अनुमति अवधि केवल तीन महीने निर्धारित है।
- जीशान सिद्दीकी ने इसे अत्यधिक कठिन बताया और ऑनलाइन आवेदन की माँग रखी। आयुक्त भारती ने प्रस्ताव पर विचार का आश्वासन दिया।
ध्वनि सीमा और प्रवर्तन चुनौती
उच्च न्यायालय ने धार्मिक स्थलों के लिए 45-55 डेसिबल ध्वनि सीमा तय की। आयुक्त देवेन भारती ने बैठक में बताया कि इसी सीमा को लागू करना कठिन हो रहा है। उन्होंने बताया कि मुंबई में अब तक 1,500 लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं।
- दिन में अधिकतम 55 डेसिबल ध्वनि मान्य है।
- रात 10 बजे से 6 बजे तक पूर्ण प्रतिबंध लागू है।
- बैठक के दौरान भी ध्वनि 45 डेसिबल से ऊपर दर्ज हुई।
यह तथ्य प्रवर्तन की व्यावहारिक चुनौतियाँ दर्शाता है। भारती ने निष्पक्षता से आदेश लागू करने का वचन दिया।
सोमैया पर आरोप और भाजपा का बचाव
मुस्लिम नेताओं ने आरोप लगाया कि किरीट सोमैया मस्जिदों का दौरा कर पुलिस पर दबाव डाल रहे हैं। भाजपा मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा कि सोमैया केवल पुलिस अधिकारियों से मिले। भाजपा का तर्क है कि उनकी कार्रवाई उच्च न्यायालय के आदेश के तहत है।
- अबू आसिम आज़मी ने चुनिंदा कार्रवाई का आरोप लगाया।
- भाजपा सूत्रों ने कहा सोमैया किसी मस्जिद में नहीं गए।
- मुस्लिम संगठन मानते हैं दबाव से अशांति फैल सकती है।
इस मुद्दे ने लाउडस्पीकर हटाने पर घमासान को और तीखा कर दिया। पवार ने फिर दोहराया कि गलत दबाव की जिम्मेदारी सोमैया पर होगी।
अजित पवार की धर्मनिरपेक्ष छवि
मुस्लिम संगठनों ने अजित पवार की धर्मनिरपेक्ष विश्वसनीयता पर भरोसा जताया। उन्होंने याद दिलाया कि पवार ने विशालगढ़ हाउस विध्वंस और सतारा व मीरा रोड दंगों में उनका पक्ष लिया था। उनका मानना है कि न्याय सुनिश्चित करने में पवार की भूमिका निर्णायक होगी।
- जुलाई 2023 में एनसीपी भाजपा गठबंधन में शामिल हुई।
- पार्टी ने तब भी धर्मनिरपेक्ष साख न छोड़ने पर जोर दिया।
- भारती और अतिरिक्त आयुक्त शुक्ला शिकायतों की समीक्षा करेंगे।
- संगठनों को मुख्यमंत्री शिंदे और दूसरे डिप्टी सीएम से कम उम्मीद है।
- वे मानते हैं कि पवार संवेदनशील मुद्दों का समाधान खोजेंगे।
संभावित समाधान
मसला अभी समाप्त नहीं हुआ; अजित पवार ने पुलिस को सभी शिकायतों पर विचार का निर्देश दिया। आयुक्त भारती ने डीसीपी के साथ जल्द बैठक करने का आश्वासन दिया। सरकार को न्यायिक आदेश का पालन और सामाजिक सौहार्द दोनों साधने होंगे।
- प्रवर्तन समान और निष्पक्ष होना अनिवार्य है।
- किसी भी समुदाय को लक्षित करने से बचना चाहिए।
- संवाद और सहयोग ही स्थायी समाधान दे सकते हैं।
- सभी हितधारकों की साझेदारी से ही रास्ता निकलेगा।
- यदि संतुलन नहीं बन सका तो लाउडस्पीकर हटाने पर घमासान और गहराएगा।
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