कोलकाता गैंगरेप: टीएमसी नेताओं की ‘महिला विरोधी टिप्पणियों’ पर विवाद

भारतीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं की ‘महिला विरोधी टिप्पणियों’ पर विवाद : कोलकाता कॉलेज परिसर में एक लॉ छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद राजनीतिक गलियारों में गरमाहट तेज़ हो गई है, क्योंकि टीएमसी नेताओं की ‘महिला विरोधी टिप्पणियों’ पर विवाद अब और गहरा गया है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस इन टिप्पणियों से खुद को दूर करने का प्रयास कर रही है। पार्टी ने घटना के बाद “आरोपियों के खिलाफ की गई त्वरित कार्रवाई” पर ज़ोर दिया है। इस बीच, विपक्ष ने कार्यस्थलों और शिक्षण संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं और “सड़कों पर बने रहने का वादा किया” है।
- सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा की विवादास्पद टिप्पणियाँ उनकी निजी राय हैं।
- TMC ने स्पष्ट रूप से इन बयानों की निंदा की है।
- पार्टी महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए शून्य सहिष्णुता की नीति रखती है।
विवादित बयानों की पृष्ठभूमि
यह ताज़ा विवाद तब शुरू हुआ जब कमरहाटी विधायक मदन मित्रा ने अपनी टिप्पणी से आक्रोश पैदा किया। उन्होंने कहा कि घटना “से बचा जा सकता था अगर पीड़िता वहां नहीं जाती या अपने दोस्तों को साथ लेकर जाती”। शुक्रवार को कल्याण बनर्जी ने भी एक विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा, “अगर एक दोस्त दूसरे दोस्त का बलात्कार करता है, तो सरकारी अधिकारी ऐसे मामलों में सुरक्षा कैसे प्रदान करेंगे?” भाजपा ने गरियाहाट चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया। इससे पुलिस के साथ झड़पें हुईं, जिससे दक्षिण कोलकाता में यातायात बाधित हुआ।
- मित्रा ने लड़कियों को अकेले कॉलेज न जाने की सलाह दी थी।
- बनर्जी ने दोस्त द्वारा बलात्कार पर सरकारी भूमिका पर सवाल उठाया।
TMC का आधिकारिक रुख और आंतरिक कलह
भारतीय तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “हमारी पार्टी ऐसे मामलों के प्रति कतई सहनशीलता नहीं रखती है।” उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा भी शामिल है। मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं और जांच जारी है। उन्होंने कहा, हमारा रुख स्पष्ट है – इन दरिंदों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। लेकिन, TMC ने सीपीएम या बीजेपी से “उपदेश” सुनने से इनकार किया। उनका कहना था कि इन दलों का “महिलाओं के खिलाफ हिंसा का लंबा इतिहास रहा है”। TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, भारत में महिलाओं के प्रति घृणा पार्टी लाइन से परे है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि TMC घृणित टिप्पणियों की निंदा करती है, चाहे वे कोई भी करें। TMC नेताओं की ‘महिला विरोधी टिप्पणियों’ पर विवाद पार्टी के अंदर भी देखा गया।
- TMC ने शून्य सहिष्णुता का दावा किया है।
- गिरफ्तारियां हुई हैं और जांच जारी है।
- महुआ मोइत्रा ने नेताओं की टिप्पणियों की निंदा की।
आरोपी नेताओं की प्रतिक्रिया और मामले की वर्तमान स्थिति
मित्रा और बनर्जी दोनों ने TMC के आधिकारिक बयान से असहमति जताई है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने “दोषियों को बचाने की कोशिश नहीं की”। मित्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके बयान को “एक प्रेरित समूह द्वारा पूरी तरह से गुमराह और दुरुपयोग किया गया है”। सांसद बनर्जी ने भी एक्स पर कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने खुद को “उन लोगों से दूर रखने की बात कही जो इन अपराधियों को प्रोत्साहित या संरक्षण दे रहे हैं।” उन्होंने पार्टी के पोस्ट से पूरी तरह असहमत होने की बात कही। उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को समझने के लिए नैतिक और बौद्धिक संरेखण की आवश्यकता है। यह दुर्भाग्य से गायब है।
- मित्रा और बनर्जी ने पार्टी के बयान से असहमति जताई है।
- उन्होंने खुद को अपराधियों के समर्थन से दूर रखा है।
जांच की प्रगति और न्यायिक प्रक्रिया
शनिवार शाम को, महुआ मोइत्रा ने कहा कि बलात्कार मामले की जांच “युद्ध स्तर” पर चल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि TMC के नेतृत्व वाली राज्य सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए “शून्य सहिष्णुता” रखती है। बुधवार को हुई घटना की जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्त प्रदीप घोषाल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय SIT का गठन किया गया है। कोलकाता पुलिस ने मामले में चार गिरफ्तारियां की हैं। इनमें मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद, प्रमित मुखर्जी और कॉलेज का सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी शामिल हैं। मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर कई खरोंच की पुष्टि हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि “यौन उत्पीड़न से इनकार नहीं किया जा सकता है”। 25 जून की सीसीटीवी फुटेज में पीड़िता को कथित तौर पर गार्ड के कमरे में घसीटते हुए दिखाया गया है।
- जांच “युद्ध स्तर” पर चल रही है।
- एक पांच सदस्यीय SIT का गठन किया गया है।
- चार गिरफ्तारियां हुई हैं और मेडिकल रिपोर्ट ने यौन उत्पीड़न की पुष्टि की है।
राजनीतिक विरोध और भविष्य की रणनीति
शनिवार को, भाजपा ने चार सदस्यीय तथ्य-खोज समिति का गठन किया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि समिति जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेगी। वह अपनी जांच रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा को सौंपेगी। विपक्ष ने TMC नेताओं के साथ मुख्य आरोपी की तस्वीरें प्रसारित की हैं। इससे जवाबदेही की मांग तेज़ हो गई है। भाजपा ने सत्तारूढ़ टीएमसी पर आरोपियों को शरण देने का आरोप लगाया है। यह कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक मेडिकल छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या जैसे पिछले अपराधों की याद दिलाता है। महिला अधिकार समूहों और विपक्षी नेताओं ने टिप्पणियों की निंदा की है। टीएमसी नेताओं की ‘महिला विरोधी टिप्पणियों’ पर विवाद अभी शांत होता नहीं दिख रहा है।
- भाजपा ने एक तथ्य-खोज समिति का गठन किया है।
- विपक्ष ने आरोपियों के राजनीतिक संबंधों पर सवाल उठाए हैं।
- विरोध प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया गया है।
शिकायत और कानूनी कार्रवाई
पीड़िता ने आरोप लगाया कि कैंपस में एक परीक्षा फॉर्म भरने के बाद, उसे यूनियन रूम में बंधक बना लिया गया। मिश्रा ने कथित तौर पर उसे प्रपोज किया। उसके मना करने पर, गेट बंद करने का आदेश दिया। फिर शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की। उसने पुलिस को बताया, “मैंने इनकार किया और विरोध किया।” उसने रोते हुए कहा, “मुझे जाने दे।” उसने यह भी कहा कि उसका एक बॉयफ्रेंड है। लेकिन मिश्रा ने उसकी बात नहीं सुनी। उसने आरोप लगाया कि मिश्रा ने उसे हॉकी स्टिक से मारा। उसके परिवार को फंसाने की धमकी भी दी। बाद में उसे घसीटकर गार्डरूम में ले गया। वहां भी मारपीट जारी रही। उसने कहा, “मैंने उसके पैर छुए लेकिन उसने मुझे जाने नहीं दिया।” घटना के दौरान अन्य दो आरोपी भी मौजूद थे। अलीपुर कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
- पीड़िता को यूनियन रूम में बंधक बनाया गया था।
- उसे प्रपोज करने के बाद मारपीट की गई।
- तीन आरोपियों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
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