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उत्तराखंड भूस्खलन: उत्तरकाशी में तबाही – चारधाम यात्रा स्थगित

उत्तरकाशी में तबाही

आज 29 जून, 2025 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भूस्खलन: उत्तरकाशी में तबाही का मंजर सामने आया। रविवार तड़के बादल फटने के बाद हुए भूस्खलन ने यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे एक निर्माणाधीन होटल को अपनी चपेट में ले लिया। इस भीषण हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई। सात अन्य मजदूर अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

  • यह घटना उत्तरकाशी जिले के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर सिलाई बेंड क्षेत्र में हुई।
  • भूस्खलन के कारण राजमार्ग का करीब 10 मीटर हिस्सा बह गया।
  • राजमार्ग अवरुद्ध होने से यमुनोत्री से लौट रहे तीर्थयात्री फंसे हुए हैं।

बचाव और राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पुलिस की टीमें युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं। हादसे के वक्त शिविर स्थल पर 29 मजदूर मौजूद थे। इनमें से 20 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। नौ मजदूर लापता बताए जा रहे थे, जिनमें से दो के शव बरामद कर लिए गए हैं।

  • मृतकों की पहचान पीलीभीत के दुजेलाल (55) और नेपाल के केवल विष्ट (43) के रूप में हुई है।
  • शव भूस्खलन स्थल से करीब 18 किलोमीटर दूर यमुना नदी के किनारे मिले।
  • शवों को नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया गया है।

लापता मजदूरों की सूची और भौगोलिक विवरण

लापता मजदूरों में नेपाल के रोशन चौधरी (37), अनवीर धामी (40), कल्लू राम चौधरी (60), और सर कटेल धामी (32) शामिल हैं। देहरादून के जयचंद (38), छोटू (22) और प्रियांश (20) भी लापता हैं। जिलाधिकारी आर्य ने बताया कि मजदूर नेपाल, देहरादून और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के निवासी थे। भूस्खलन उत्तरकाशी के पालीगाड़ से करीब 4 किलोमीटर आगे सिलाई बेंड में हुआ।

  • सिलाई बेंड और गुजरी बेंड पर भूस्खलन के मलबे के कारण राजमार्ग अवरुद्ध है।
  • होटल स्थल के नजदीक एक नया भूस्खलन क्षेत्र विकसित हो गया है।
  • पीडब्ल्यूडी की टीम मार्ग साफ करने में व्यस्त है।

चारधाम यात्रा स्थगित और मौसम चेतावनी

राज्य भर में भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना को देखते हुए चारधाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया, एहतियाती कदम के तौर पर यात्रा रोकी गई है। सोमवार को मार्गों पर मौसम की स्थिति की समीक्षा के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे जहां हैं वहीं सुरक्षित रहें। प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

  • मौसम विभाग ने 29 और 30 जून को भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।
  • उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर जिलों के लिए अलर्ट है।
  • निरंतर बारिश के कारण उत्तराखंड में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुए हैं।

मुख्यमंत्री धामी की लगातार निगरानी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लापता मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, घटनास्थल पर खोज और बचाव अभियान जारी है। मैं संबंधित अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हूं। मुख्यमंत्री ने देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा भी किया। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित स्थल पर खोज और बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। यह स्थिति दर्शाती है कि उत्तराखंड भूस्खलन: उत्तरकाशी में तबाही एक गंभीर चुनौती है।

  • मुख्यमंत्री ने बंद सड़कों को जल्द खोलने के निर्देश दिए।
  • तीर्थयात्रियों को भोजन और दवा उपलब्ध कराने को कहा गया है।
  • जिला प्रशासन को अगले दो महीनों तक चौबीसों घंटे अलर्ट रहने को कहा गया है।

देश भर में मानसून की स्थिति

मानसून सामान्य से लगभग एक सप्ताह पहले पूरे देश में दस्तक दे चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया, आज, 29 जून, 2025 को मानसून राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के शेष हिस्सों में आगे बढ़ गया है। चंडीगढ़ में पिछले 24 घंटों में 119.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। पंजाब के अन्य स्थानों पर भी बारिश हुई है। हिमाचल प्रदेश में भी इस दौरान कई जगहों पर ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं, जहां भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी है।

  • हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी हुआ है।
  • राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 20 हो गई है।
  • सोलन जिले में शिमला-कालका रेल लाइन पर सेवाएं निलंबित कर दी गईं।

झारखंड और पूर्वी भारत में भारी बारिश का अलर्ट, छात्रों को बचाया गया

आईएमडी ने अगले सात दिनों में उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। झारखंड में 1 जुलाई तक अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। राज्य की राजधानी रांची में रविवार सुबह से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। इस बीच, उत्तराखंड भूस्खलन: उत्तरकाशी में तबाही जैसी खबरें देश के कई हिस्सों में मानसून की सक्रियता को दर्शाती हैं।

  • पूर्वी सिंहभूम जिले में 162 छात्र बाढ़ में फंसे, पुलिस ने बचाया।
  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट रहने को कहा।
  • झारखंड में 1 जून से 28 जून तक 80 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश दर्ज हुई है।

ओडिशा में भी कई नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। बालासोर जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और दक्षिणी असम के लिए रेलवे लिंक आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है। यह 2020 के बाद सबसे कम समय है जब मानसून ने पूरे देश को कवर किया है। केरल में मुल्लापेरियार बांध के 13 शटर खोले गए हैं। इससे पेरियार नदी में पानी छोड़ा गया है। भारत के कृषि क्षेत्र के लिए मानसून महत्वपूर्ण है। यह पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए भी आवश्यक है।

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