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तेलंगाना फैक्ट्री विस्फोट: 9 लापता, 38 की मौत, जारी है तलाश और जांच

तेलंगाना फैक्ट्री विस्फोट

30 जून को पशमिलारम स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज के फार्मा प्लांट में हुए तेलंगाना फैक्ट्री विस्फोट ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। इस भयावह हादसे में कम से कम 38 लोगों की जान चली गई है, जबकि 35 घायल हुए हैं। यह घटना एक बड़ी औद्योगिक त्रासदी के रूप में सामने आई है।

  • यह विस्फोट एक फार्मा प्लांट में हुआ था।
  • इसने आसपास के इलाकों में भी दहशत फैला दी।

गुरुवार को पुलिस अधीक्षक परितोष पंकज ने बताया कि इस घटना से काफी नुकसान हुआ है।

मुख्य बिंदु :

  1. 30 जून को पशमिलारम स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज में बड़ा औद्योगिक विस्फोट हुआ।
  2. हादसे में 38 लोगों की मौत और 35 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
  3. मलबा हटाने का कार्य लगभग पूरा, लेकिन नौ लोग अब भी लापता हैं।
  4. राज्य सरकार ने हादसे की जांच के लिए विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय समिति गठित की।
  5. घटनास्थल से मिले अंगों की डीएनए जांच से शवों की पहचान की जा रही है।
  6. परिजनों ने जानकारी न मिलने पर फैक्ट्री गेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
  7. कंपनी ने रिएक्टर विस्फोट से इनकार किया, जांच रिपोर्ट सात दिनों में आने की उम्मीद।

लापता लोगों की तलाश जारी, उम्मीदें धूमिल

विस्फोट के बाद नौ लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश में बचाव दल दिन-रात काम कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक परितोष पंकज ने गुरुवार को बताया कि मलबे को हटाने का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक कोई और शव नहीं मिला है। लापता लोगों के परिजनों की बेचैनी बढ़ती जा रही है।

  • लापता लोगों को खोजने के लिए सघन प्रयास जारी हैं।
  • मलबे हटाने का काम तेजी से किया गया है।

घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है, जिनका इलाज चल रहा है।

सरकारी पैनल ने किया घटनास्थल का दौरा

इस बीच, राज्य सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने गुरुवार को घटनास्थल का दौरा किया। यह समिति विस्फोट के कारणों का पता लगाएगी। साथ ही घटनाओं के क्रम को भी स्थापित करेगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

  • समिति में विशेषज्ञ शामिल हैं।
  • यह जांच एक महीने के भीतर पूरी होनी है।

समिति को एक महीने के भीतर सरकार को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी है।

बचाव अभियान और मानवीय अंग मिलने का दुख

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और अन्य एजेंसियां सोमवार को हुए इस विनाशकारी विस्फोट के बाद से लापता 11 लोगों का पता लगाने में जुटी हैं। गुरुवार को दुर्घटनास्थल पर मानव अंग मिलने की खबर भी सामने आई है। इससे लापता लोगों के परिजनों की चिंता और बढ़ गई है।

  • बचाव कार्य में कई टीमें लगी हैं।
  • मलबे में मिले अंगों की जांच की जा रही है।

यह खोज बचाव कर्मियों के लिए भी एक चुनौती बन गई है।

परिजनों का विरोध और उनका दर्द

लापता लोगों के परिजन अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी पाने के लिए उद्योग के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि त्रासदी के चार दिन बाद भी उन्हें कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। उनकी पीड़ा साफ देखी जा सकती है।

  • रामदासु, पैकिंग विभाग के कर्मचारी जस्टिन के पिता, अपने बेटे के बारे में जानकारी मांगते हुए रो पड़े।
  • जस्टिन दुर्घटना से दो दिन पहले ही काम पर आया था।

दुख से अभिभूत रामदासु ने अपने सिर पर पत्थर मारा, जिससे वह घायल हो गए। चिकित्सा कर्मियों ने तुरंत उन्हें प्राथमिक उपचार दिया।

मुआवजे और राहत कार्यों की घोषणा

सिगाची इंडस्ट्रीज ने बयान जारी कर बताया है कि विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे 12 घायलों को छुट्टी दे दी गई है। उन्हें अंतरिम राहत के रूप में प्रत्येक को 1 लाख रुपये दिए गए हैं। हालांकि, संगारेड्डी जिले के अतिरिक्त कलेक्टर चंद्रशेखर बडुगु ने बताया कि गुरुवार को 11 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी मिली।

  • तेलंगाना फैक्ट्री विस्फोट के बाद कंपनी ने मुआवजे की घोषणा की।
  • 19 घायल अभी भी अस्पताल में हैं।

कुछ घायल 75 प्रतिशत तक जले हुए हैं और उन्हें उन्नत देखभाल दी जा रही है।

डीएनए जांच से शवों की पहचान

राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 37 शवों में से 21 परिजनों को सौंप दिए गए हैं। बचाव कर्मियों को दो हाथ और एक पैर मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है। डीएनए जांच सहित पहचान की प्रक्रिया जारी है। शुक्रवार को और डीएनए रिपोर्ट आने की उम्मीद है।

  • डीएनए रिपोर्ट पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
  • एक ही परिवार के तीन सदस्यों की पहचान हुई है।

इससे शेष शवों की भी पहचान हो सकेगी। तेलंगाना फैक्ट्री विस्फोट में पूजा पासवान ने अपने पति, मामा और चचेरे भाई को खो दिया है। गुरुवार को उनके परिवार के सदस्यों की डीएनए रिपोर्ट से नागा, दीपक और दिलीप की पहचान की पुष्टि हुई। उनका परिवार शवों को बिहार के सासाराम ले जाने की योजना बना रहा है।

भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम

राज्य सरकार ने मुख्य सचिव रामकृष्ण राव की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति भी नियुक्त की है। यह समिति बचाव प्रयासों की निगरानी करेगी और घटना की जांच करेगी। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय भी सुझाएगी। कंपनी ने भी पुष्टि की है कि मुख्य सचिव के नेतृत्व में जांच चल रही है।

  • जांच के निष्कर्ष 7 दिनों में आने की उम्मीद है।
  • कंपनी ने रिएक्टर विस्फोट से इनकार किया है।

प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष सात दिनों के भीतर आने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा है कि वह जांच पूरी होने तक दुर्घटना के सटीक कारण पर टिप्पणी नहीं करेगी। फिलहाल कंपनी अपने पहले के बयान पर कायम है कि दुर्घटना रिएक्टर विस्फोट के कारण नहीं हुई थी।

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