भारत में डेटा क्रांति: 27.5GB मासिक यूज और 5G का बोलबाला!


अगर आपको लगता है कि भारत में “डेटा की भूख” सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित है, तो ये आंकड़े आपको चौंका देंगे! नोकिया की MBiT रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में भारत में प्रति यूजर मासिक डेटा खपत का औसत 27.5GB पहुंच गया है। यानी हर महीने एक व्यक्ति करीब 28GB डेटा इस्तेमाल कर रहा है, जो 2019 के मुकाबले 19.5% CAGR की तेज रफ्तार से बढ़ा है। पर ये सिर्फ शुरुआत है! रिपोर्ट बताती है कि 2026 तक 5G डेटा यूज 4G को पीछे छोड़ देगा, और ये बदलाव ग्रामीण इलाकों से लेकर महानगरों तक दिखेगा।
5G की धूम: कैसे बदल रहा है इंटरनेट का लैंडस्केप?
भारत में 5G टेक्नोलॉजी ने सचमुच डिजिटल जिंदगी को रीडिफाइन कर दिया है। MBiT रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रो शहरों में 5G डेटा का इस्तेमाल अब कुल मोबाइल ब्रॉडबैंड का 43% हो गया है, जबकि 2023 में यह सिर्फ 20% था। यहां तक कि B और C कैटेगरी के सर्किल्स (जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान) में भी 5G ट्रैफिक 3.2 गुना बढ़ा है। इसकी वजह? सस्ते 5G प्लान्स, Jio और Airtel जैसी कंपनियों का नेटवर्क एक्सपेंशन, और 5G सपोर्टेड स्मार्टफोन्स की बाढ़।
ग्रामीण भारत में डिजिटल सुनामी!
अब तक माना जाता था कि हाई-स्पीड इंटरनेट सिर्फ शहरों की चीज है, लेकिन फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) और 5G टावर्स ने इस धारणा को तोड़ दिया है। गांव-कस्बों में भी लोग अब HD वीडियो स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन एजुकेशन, और डिजिटल पेमेंट्स के लिए भारी डेटा यूज कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, B सर्किल्स में डेटा खपत 3.4 गुना और C सर्किल्स में 3.2 गुना बढ़ी है। ये आंकड़े साबित करते हैं कि डिजिटल इंडिया सिर्फ स्लोगन नहीं, बल्कि ग्राउंड लेवल पर रियलिटी बन रहा है।
स्मार्टफोन बाजार: 5G डिवाइसेस का उदय
इस डेटा क्रांति के पीछे एक बड़ा हाथ है 5G स्मार्टफोन्स का। 2024 में एक्टिव 5G डिवाइसेस की संख्या 27.1 करोड़ पार कर गई है, जो पिछले साल के मुकाबले दोगुनी है। कंपनियां अब 15,000 रुपये से नीचे के 5G फोन्स लॉन्च कर रही हैं, जिससे ग्रामीण और लो-इनकम यूजर्स भी इस टेक्नोलॉजी से जुड़ पा रहे हैं। अनुमान है कि 2025 तक 90% स्मार्टफोन्स 5G सपोर्टेड होंगे। यानी, अगले दो साल में भारत “5G फर्स्ट नेशन” बन सकता है!
क्या 4G अब पुरानी हो गई?
जी नहीं! पर 4G की ग्रोथ रेट में गिरावट शुरू हो गई है। 2023 में जहां 4G डेटा यूज 20% CAGR से बढ़ रहा था, वहीं 5G के आने के बाद यह ग्रोथ 7-8% तक सिमट गई है। हालांकि, अभी भी 50% से ज्यादा यूजर्स 4G पर निर्भर हैं, खासकर वो जिनके पास 5G फोन्स नहीं हैं।
2026 तक क्या होगा?
- नोकिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 2026 की Q1 तक भारत में 5G डेटा खपत 4G से अधिक हो जाएगी। इसकी वजह होगी:
- ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और मेटावर्स जैसी टेक्नोलॉजी का प्रसार।
- स्मार्ट होम डिवाइसेस का बढ़ता यूज।
- रिमोट वर्क और एजुकेशन के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट की डिमांड।
निष्कर्ष: डेटा ही न्यू ऑयल!
भारत अब वाकई “डेटा सुपरपावर” बनने की राह पर है। 27.5GB प्रति यूजर डेटा यूज सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि देश के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का प्रतीक है। चाहे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हो, ऑनलाइन गेमिंग, या ई-कॉमर्स—भारतीय यूजर्स अब “ज्यादा स्पीड, ज्यादा डेटा” की डिमांड कर रहे हैं। और कंपनियां भी इसी के मुताबिक अपनी सर्विसेज अपग्रेड कर रही हैं।
तो अगली बार जब आप 5G स्पीड पर कोई मूवी डाउनलोड करें, तो याद रखिए—आप सिर्फ एक यूजर नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल क्रांति का हिस्सा हैं! 🚀
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