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उज्जैन मुहर्रम हिंसा घटना: जुलूस में बवाल 5 पुलिसकर्मी घायल,16 पर FIR दर्ज

उज्जैन मुहर्रम हिंसा घटना

उज्जैन मुहर्रम हिंसा घटना ने शहर की शांति भंग कर दी। शनिवार रात मुहर्रम के जुलूस के दौरान पाँच पुलिसकर्मी घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब जुलूस में शामिल लोग प्रतिबंधित मार्ग पर जाने की कोशिश कर रहे थे। जीवाजीगंज थाना क्षेत्र के खजूरवाड़ी मस्जिद के पास तनाव बढ़ गया।

  • जुलूस में शामिल कुछ उपद्रवी व्यक्तियों की पुलिस बल के साथ सीधी झड़प दर्ज की गई।
  • परिणामस्वरूप, स्थिति को तुरंत नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया।

निर्धारित मार्ग का उल्लंघन और पुलिस कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि जुलूस के आयोजकों को पहले ही निर्देश दिए गए थे। उन्हें घोड़ों को प्रतिबंधित रास्तों से न ले जाने को कहा गया था। इसके बावजूद, जुलूस में शामिल लोगों ने जबरन रास्ता बनाने की कोशिश की। उन्होंने घोड़े को बैरिकेड्स से टकरा दिया। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। भीड़ घोड़े को छोड़कर भाग गई। यह उज्जैन मुहर्रम हिंसा घटना अब जांच का विषय बन गई है।

मुख्य बिंदु :

  1. मुहर्रम जुलूस के दौरान बैरिकेड्स तोड़ने से पुलिस पर हमला और लाठीचार्ज हुआ।
  2. घोड़े के ज़रिए बैरिकेड तोड़ने पर 5 पुलिसकर्मी घायल, जिला अस्पताल में भर्ती।
  3. घटना स्थल खजूरवाड़ी मस्जिद के पास तनाव बढ़ा, भीड़ से हुई पुलिस की झड़प।
  4. सोलह लोगों पर BNS की धाराओं में आपराधिक मामला दर्ज किया गया।
  5. सीरत कमेटी ने जुलूस आयोजकों को मार्ग उल्लंघन का दोषी ठहराया।
  6. वायरल वीडियो में पुलिस से भिड़ती भीड़, प्रतिबंधित मार्ग पर जबरन घुसने की कोशिश।
  7. अन्य राज्यों में भी मुहर्रम के दौरान दुर्घटनाएँ और सांप्रदायिक तनाव की घटनाएँ सामने आईं।

घायल पुलिसकर्मी और दर्ज कानूनी मामला

जीवाजीगंज थाना प्रभारी विवेक कनोडिया ने घायलों के नाम बताए। सहायक उप निरीक्षक खुमान सिंह केलवा शामिल हैं। हेड कांस्टेबल मुकेश मुनिया भी घायल हुए। अनिल सिसोदिया और चंद्रपाल भी जख्मी हुए। कांस्टेबल श्याम सिंह को भी चोटें आईं। इन सभी पुलिसकर्मियों को जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार मिला। कनोडिया ने जानकारी दी। बैरिकेड तोड़ने के लिए एक घोड़े का इस्तेमाल हुआ था। यह घोड़ा बेगम बाग के इरफान उर्फ ​​लल्ला का था।

  • इस गंभीर मामले में सोलह लोगों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज हुआ है।
  • उन पर दंगा फैलाने और सरकारी कर्मचारियों को कर्तव्य से रोकने जैसे आरोप लगे हैं।

सीरत कमेटी का प्रशासन के साथ सहयोग

सीरत कमेटी, जो मुस्लिम बहुल इलाकों में धार्मिक आयोजनों की निगरानी करती है, के एक प्रमुख पदाधिकारी ने टिप्पणी की। सीरत कमेटी के संयुक्त सचिव एडवोकेट मकसूद अली ने बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस ने कई बैठकें की थीं।

  • इन बैठकों में आयोजकों के साथ सहमति से प्रत्येक जुलूस के लिए मार्ग निर्धारित किए गए थे।
  • अली ने स्पष्ट किया कि आयोजकों को इन निर्धारित मार्गों का पालन करना अनिवार्य था।

आयोजकों पर सीरत कमेटी का सीधा आरोप

एडवोकेट मकसूद अली ने आयोजकों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि बेगम बाग से निकले जुलूस के आयोजकों ने अब्दालपुरा-गीता कॉलोनी क्षेत्र में प्रवेश की कोशिश की। इस क्षेत्र में जुलूस का प्रवेश पहले से ही प्रतिबंधित था।

  • उन्होंने इस गंभीर घटना के लिए पूरी तरह से जुलूस के आयोजकों को ही जवाबदेह ठहराया है।
  • मकसूद अली ने कहा कि पुलिस की पिछली बैठकों में मौजूद लोगों पर भी कार्रवाई हो।

वायरल वीडियो और पुलिस की आगे की कार्रवाई

अली ने कहा कि न केवल घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो। बल्कि उन पर भी कार्रवाई हो जिन्होंने अपने हस्ताक्षरित बांड समझौते का उल्लंघन किया। घटना का एक वायरल वीडियो सामने आया है। इसमें भीड़ बैरिकेड्स को धक्का देती दिख रही है। पुलिसकर्मियों से भिड़ते हुए भी लोग दिख रहे हैं। हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया गया।

  • बल प्रयोग के बाद, कई लोग मौके से भाग गए, जिनमें ताजिया लेकर चलने वाले लोग भी शामिल थे।
  • वे प्रतीकात्मक घोड़ा और इमाम हुसैन के मकबरे की प्रतिकृति (ताजिया) छोड़कर भाग गए।

उज्जैन मुहर्रम हिंसा घटना में शामिल आयोजक और उनके 15 अज्ञात सहयोगी पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। प्राथमिक जांच में वे घटना के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं।

  • उन पर बीएनएस की धारा 191, 192, 132 और 121 के तहत मामला दर्ज हुआ है।
  • 15 अज्ञात लोगों की पहचान की प्रक्रिया अभी भी चल रही है।
  • मुहर्रम के नौवें दिन के जुलूस शनिवार रात भर उज्जैन के विभिन्न हिस्सों में निकले थे।

मुहर्रम के दौरान अन्य राज्यों की घटनाएँ

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कई राज्यों ने सुरक्षा बढ़ाई है। मुहर्रम जुलूस के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरती जा रही थी। एक अलग घटना झारखंड के गिरिडीह जिले में हुई। वहाँ जुलूस हाई-टेंशन तार के संपर्क में आया।

  • दुर्भाग्यवश, इस दुर्घटना में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।
  • उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से करीब 40 किलोमीटर दूर जट्टारी शहर में सांप्रदायिक तनाव फैला।
  • अज्ञात लोगों ने शहर के मुख्य बाजार क्षेत्र में स्थित एक श्रद्धेय सूफी संत की मजार अपवित्र की थी।
  • अधिकारियों ने लोगों को तुरंत आश्वासन दिया। मजार और आसपास की धातु की रेलिंग की तुरंत मरम्मत की जाएगी।

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