कोलार/बेलगावी: कर्नाटक की सियासी गलियारों में “हनीट्रैप स्कैंडल” ने तूफान ला दिया है। सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने शनिवार को चौंकाने वाला खुलासा करते हुए दावा किया कि “48 राजनेताओं को हनीट्रैप में फंसाने की साजिश” रची गई थी, जिसमें खुद उनका नाम भी शामिल है। उन्होंने गृह मंत्री से शिकायत दर्ज कराने की घोषणा करते हुए इस मामले को “राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा” बताया।
क्या है हनीट्रैप स्कैंडल का पूरा मामला?
राजन्ना के मुताबिक, कुछ समय पहले से ही “अघोषित ताकतें” उन्हें और अन्य नेताओं को कैमरे और ऑडियो रिकॉर्डिंग के जरिए ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही थीं। उन्होंने बताया, “मैंने पहले भी ऐसे प्रयासों को देखा, लेकिन चुप रहा। अब जब बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने सीधे मेरा नाम लिया, तो मुझे सार्वजनिक तौर पर जवाब देना पड़ा।”
“जजों को निशाना बनाने” के दावे पर क्या बोले राजन्ना?
मीडिया से बातचीत में राजन्ना ने साफ किया, “मैंने कभी नहीं कहा कि न्यायाधीशों को टारगेट किया गया। यह सिर्फ राजनेताओं के खिलाफ साजिश है।” हालांकि, उन्होंने इस मामले में “उच्चस्तरीय राजनीतिक संरक्षण” की आशंका जताई। सूत्रों का दावा है कि यह केस कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया तक पहुंच सकता है।
भाजपा vs कांग्रेस: ‘हनीट्रैप’ पर जंग तेज
भाजपा ने आरोप लगाया कि “हनीट्रैप माफिया” के पीछे कांग्रेस नेताओं का हाथ है। इस पर राजन्ना ने पलटवार करते हुए कहा, “भाजपा नेताओं को चाहिए कि वे नाम बताएं। मैं व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाता।” वहीं, एमएलसी आर राजेंद्र ने दावा किया कि इस स्कैंडल के पीछे “एक बड़ा आदमी” है और वे सबूत लेकर सीएम से मिल चुके हैं।
“दहाड़ते बाघों को निशाना बनाया गया!”
लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने इस मामले को “जंगल राज” करार देते हुए कहा, “सत्ता के गलियारों में दहाड़ते बाघों (प्रभावशाली नेताओं) को हनीट्रैप और फर्जी सीडी के जरिए चुप कराया जा रहा था।” उन्होंने राजन्ना को पुलिस कम्प्लेंट दर्ज करने की सलाह दी।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा ‘हनीट्रैप गेट’
इस स्कैंडल ने ट्विटर और फेसबुक पर तहलका मचा दिया है। #KarnatakaHoneyTrap और #PoliticalBlackmail ट्रेंड कर रहे हैं। नेटिजन्स ने CBI जांच की मांग शुरू कर दी है। कुछ यूजर्स का कहना है कि यह केस महाराष्ट्र के हनीट्रैप गैंग से जुड़ा हो सकता है, जिसमें पहले भी IAS अधिकारियों को फंसाया गया था।
अब क्या होगा अगला स्टेप?
- राजन्ना ने 48 घंटों के अंदर FIR दर्ज कराने का संकेत दिया है।
- सीएम सिद्धारमैया ने इस मामले में “गंभीरता से जांच” का वादा किया है।
- विपक्ष ने विधानसभा में “हनीट्रैप स्पेशल डिबेट” की मांग की है।
निष्कर्ष: इस स्कैंडल ने कर्नाटक की राजनीति में “काले बादल” ला दिए हैं। जानकारों का मानना है कि यह मामला 2024 लोकसभा चुनाव से पहले “ऑपरेशन क्लीन चिट” का हिस्सा हो सकता है। अब सवाल यह है कि क्या इस हनीट्रैप रिंग के पीछे “विदेशी हाथ” भी है या यह सिर्फ सत्ता की कुर्सी के लिए खेला गया खेल है? पूरा राज्य अब पुलिस की एक्शन रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।
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