Loading Now

बॉम्बे HC के साहसिक फैसले ने उड़ाए आनंद जैन के होश, रिलायंस कनेक्शन पर सवाल!

बॉम्बे HC के साहसिक फैसले ने उड़ाए आनंद जैन के होश, रिलायंस कनेक्शन पर सवाल!

भारत के कॉर्पोरेट जगत में हलचल मचाने वाले आनंद जैन घोटाले में नया मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले की सराहना की है, जिसमें मुकेश अंबानी के करीबी सहयोगी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के ‘तीसरे बेटे’ कहे जाने वाले आनंद जैन के खिलाफ 2,400 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले में SIT जांच का आदेश दिया गया था। यह मामला जय कॉर्प लिमिटेड से जुड़े शेल कंपनियों, फर्जी चालानों और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर केंद्रित है, जिसने SEBI, CBI और ED जैसी एजेंसियों का ध्यान खींचा है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों किया बॉम्बे HC के ‘साहस’ की तारीफ?

17 मार्च के ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, “हम हाईकोर्ट के साहस की प्रशंसा करते हैं। किसी भी हाईकोर्ट से यही अपेक्षा की जाती है।” यह टिप्पणी तब आई जब बॉम्बे HC ने जनवरी 2023 में CBI के जोनल डायरेक्टर को आनंद जैन और उनकी कंपनी जय कॉर्प के खिलाफ विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का निर्देश दिया था। यह आदेश मुंबई के बिजनेसमैन शोएब रिची सेक्वेरा की याचिका पर पारित हुआ, जिन्होंने 2021 और 2023 में मुंबई पुलिस के EOW में जैन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं हुई।

क्या हैं आनंद जैन पर लगे गंभीर आरोप?

  • शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग: आरोप है कि जैन ने ऑफशोर शेल कंपनियों के माध्यम से करोड़ों रुपये की हेराफेरी की।
  • फर्जी चालान और निवेशकों को धोखा: CBI की FIR के अनुसार, अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर वेंचर कैपिटल और अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्टीज लिमिटेड के नाम से कंपनियां बनाकर 2006-2008 में 2,434 करोड़ रुपये जुटाए गए। इन फंड्स का इस्तेमाल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के बजाय निजी लाभ के लिए किया गया।
  • सेबी नियमों का उल्लंघन: SIT ने पाया कि जय कॉर्प की सहयोगी कंपनियों ने Trust Deed (IoT) के तहत पंजीकृत निवेश कोष के नियमों का उल्लंघन करते हुए संदिग्ध लेन-देन किए।
  • ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका में फर्जी निर्यात: 2010-2017 के बीच ऑस्ट्रेलिया की सरबैग्स पीटीवाई लिमिटेड और अमेरिका की एश्योरेंस प्रोडक्ट्स कॉर्पोरेशन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए माल निर्यात कर धन हस्तांतरित किया गया।

मुकेश अंबानी से नजदीकी और बिजनेस एम्पायर

आनंद जैन का नाम भारत के टॉप बिजनेस टाइकून में शुमार है। फोर्ब्स की 2021 की लिस्ट के मुताबिक, उनकी नेट वर्थ 2.9 बिलियन डॉलर थी। मुंबई के हिल ग्रेंज हाई स्कूल में मुकेश अंबानी के साथ दोस्ती और बाद में धीरूभाई अंबानी के विश्वासपात्र बनने के कारण उन्हें ‘तीसरा बेटा’ कहा जाता है। दोनों ने नवी मुंबई में एसईजेड और कर्नाटक में बंदरगाह विकसित करने की योजना बनाई थी, जो विवादों में फंसी।

जैन के बेटे हर्ष जैन फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम11 के सीईओ हैं, जो IPL स्पॉन्सरशिप से चर्चा में रहा। हालांकि, पिता-पुत्र के बिजनेस मॉडल पर भी SIT की नजर है।

CBI की जांच में क्या-क्या सामने आया?

  • घाटे को छिपाने की साजिश: जय कॉर्प की सहयोगी कंपनियों ने असुरक्षित ऋणों को घाटे के रूप में दिखाया और निर्माण परियोजनाओं को सही ठहराने के लिए जाली दस्तावेज बनाए।
  • बेनामी जमीन खरीद: एफआईआर के मुताबिक, अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से जुटाए गए पैसे से बेनामी जमीन खरीदने के लिए फर्जी समझौते किए गए।
  • PMLA और IPC के तहत केस: धोखाधड़ी, सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में IPC की धारा 420, 120B और PMLA के प्रावधान लगाए गए हैं।

क्या कहता है बाजार और कॉर्पोरेट जगत?

इस मामले ने निवेशकों के बीच असमंजस पैदा किया है। जय कॉर्प के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखा गया, हालांकि कंपनी ने आरोपों को “निराधार” बताया है। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला भारत में कॉर्पोरेट गवर्नेंस और वित्तीय नियमों की कमजोरियों को उजागर करता है।

आगे की कार्रवाई: SIT की रिपोर्ट पर निर्भर होगा भविष्य

सुप्रीम कोर्ट ने जैन की विशेष अनुमति याचिका (SLP) खारिज करते हुए CBI को कानून के अनुसार जांच जारी रखने के निर्देश दिए हैं। SIT की रिपोर्ट आने के बाद ही तय होगा कि आरोप सिद्ध होते हैं या नहीं। इस बीच, सेबी और ED भी जांच में जुटे हैं, जो इस मामले को अडानी-हिंडनबर्ग रिपोर्ट जैसे बड़े घोटालों की कतार में ला सकता है।

यह खबर नवीनतम अपडेट के साथ जारी की गई है। ताजा जानकारी के लिए बने रहें हमारे साथ।

 

Spread the love

Post Comment

You May Have Missed