Karnataka आईटी राजधानी बेंगलुरु एक बार फिर मानसून की मार झेल रही है। गुरुवार को शहर में लगातार हुई मूसलाधार बारिश ने न केवल सड़कों को नदी बना दिया, बल्कि 10 से अधिक उड़ानों को चेन्नई डायवर्ट करने पर मजबूर कर दिया। एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (BLR) पर लैंडिंग संभव न होने के कारण इंडिगो, एयर इंडिया समेत कई एयरलाइन्स की फ्लाइट्स को रूट बदलना पड़ा।
मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बेंगलुरु के हंसमारनहल्ली, सरजापुर रोड, और इलेक्ट्रॉनिक सिटी इलाकों में 24 घंटे में 120mm से अधिक बारिश दर्ज की गई। विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है।
एयरलाइन्स ने यात्रियों को दी ये सलाह
- इंडिगो एयरलाइन्स ने ट्विटर पर बताया कि वे “मौसम पर रियल-टाइम निगरानी” कर रहे हैं और यात्रियों से फ्लाइट स्टेटस चेक करने या वेबसाइट के ज़रिए फ्लेक्सिबल रीबुकिंग/रिफंड का विकल्प चुनने को कहा।
- एयर इंडिया ने भी यात्रियों को हवाई अड्डे जाने से पहले फ्लाइट अपडेट्स जांचने की हिदायत दी।
हवाई अड्डे का रास्ता बना ‘वॉटर वर्ल्ड’, ट्रैफिक पुलिस ने दी चेतावनी
बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, हंसमारनहल्ली इलाके में सड़कों पर 3 फीट तक पानी भरने से एयरपोर्ट रूट पूरी तरह जाम हो गया है। सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों में माराठहल्ली, बेल्लंदुर, और हॉसूर रोड के कई हिस्से जलमग्न नज़र आए। स्थानीय निवासी अरविंद के. ने बताया, “मैंने पिछले 10 साल में इतना भयानक जलभराव नहीं देखा। कई कारें स्ट्रैंडेड हो गईं।”
क्यों डूबता है बेंगलुरु? एक्सपर्ट्स की राय
शहर के क्रॉफ़ुट ड्रेनेज सिस्टम की खामियों को इस संकट का मुख्य कारण माना जा रहा है। पर्यावरणविद् डॉ. टी.वी. रामचंद्र के अनुसार, “अवैध कंस्ट्रक्शन और लगातार लेक्स के अतिक्रमण से बेंगलुरु की नेचुरल ड्रेनेज नेटवर्क बर्बाद हो चुका है।”
पिछले साल के आंकड़े भी चौंकाने वाले
2022 में बेंगलुरु ने सबसे भीषण बाढ़ का सामना किया था, जिसमें 5,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था। इस साल भी शहर के 400 से अधिक इलाकों को हाई-रिस्क ज़ोन घोषित किया गया है।
यात्रियों के लिए अहम अपडेट्स:
- एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 24×7 हेल्पलाइन (+91-80-2201-2020) जारी की है।
- NHAI ने बैंगलोर-चेन्नई हाईवे पर ट्रैफिक को डायवर्ट करने के निर्देश दिए हैं।
- केरल और तमिलनाडु से आने वाली ट्रेनों में भी देरी की संभावना।
निष्कर्ष: बेंगलुरु की बारिश अब सिर्फ़ एक मौसमी समस्या नहीं, बल्कि शहरी योजनाओं की विफलता का प्रतीक बन चुकी है। जब तक स्थायी समाधान नहीं निकाले जाते, हर साल हज़ारों यात्री और निवासी ऐसे ही संकट झेलने को मजबूर रहेंगे।
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