ATS जासूसी जाँच तेज़ : नौसेना डेटा लीक का पर्दाफाश

ATS जासूसी जाँच तेज़, महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) एक बड़े जासूसी मामले में अपनी जाँच का विस्तार कर रहा है। पिछले हफ्ते रवि वर्मा को गिरफ्तार किया गया था। वह एक निजी रक्षा फर्म में काम करता था। भारतीय नौसेना ने भी उसे गिरफ्तार किया है।
- वर्मा पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है।
- वह संवेदनशील नौसेना क्षेत्रों तक पहुँच रखता था।
- उसकी गिरफ्तारी से पाकिस्तान जासूसी रिंग का खुलासा हुआ।
मुख्य बिंदु
- रवि वर्मा की गिरफ्तारी से पाकिस्तान समर्थित जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ।
- हनीट्रैप के जरिए महिला एजेंट ने संवेदनशील सैन्य जानकारी हासिल की।
- चार मोबाइल नंबरों से पाक एजेंसियों ने संपर्क कर रणनीतिक जानकारी मांगी।
- नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और मरम्मत स्थानों की गोपनीय जानकारी साझा की गई।
- डेटा रिकवरी के लिए एटीएस अन्य कर्मचारियों के मोबाइल स्कैन करने वाली है।
- भावनात्मक और आर्थिक शोषण के ज़रिए वर्मा को जासूसी में शामिल किया गया।
- राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरे की जाँच में एटीएस ने तेजी लाई है।
रवि वर्मा की गिरफ्तारी और भूमिका
रवि वर्मा को पिछले हफ्ते महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता ने गिरफ्तार किया था। वह कृष्णा नामक एक निजी रक्षा फर्म के ऊर्जा प्रभाग में कार्यरत था। नौसेना मरम्मत कार्यों के लिए उसे विभिन्न ठिकानों पर तैनात किया जाता था।
- वर्मा ने गोपनीय नौसेना क्षेत्रों से संवेदनशील जानकारी चुराई।
- उसने वीडियो कॉल प्रावधान का दुरुपयोग किया।
- यह प्रावधान कार्य-संबंधी संचार के लिए दिया गया था।
हनीट्रैप और पाकिस्तानी कनेक्शन
वर्मा अक्टूबर 2024 में फेसबुक के जरिए प्रीति जायसवाल के संपर्क में आया था। वह विशाखापत्तनम में तैनात था। प्रीति जायसवाल एक पाकिस्तानी महिला खुफिया ऑपरेटिव थी।
- उनकी ऑनलाइन बातचीत एक भावनात्मक रिश्ते में बदल गई।
- जायसवाल ने भावनात्मक समर्थन का वादा किया।
- उसने मौद्रिक पुरस्कारों के बदले जानकारी मांगी।
संदिग्ध लेनदेन और स्वीकारोक्ति
महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता ने वर्मा के बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया है। इन लेनदेन के स्रोतों की जाँच की जा रही है। वर्मा से एटीएस मुंबई मुख्यालय में पूछताछ की गई।
- उसने प्रीति जायसवाल को वर्गीकृत तस्वीरें भेजीं।
- उसने उसका संपर्क “आकृति कॉलेज फ्रेंड” नाम से सहेजा था।
- चैट्स को उसके फोन से फोरेंसिक विश्लेषण के दौरान बरामद किया गया।
कई मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने वर्मा से चार अलग-अलग मोबाइल नंबरों से संपर्क किया। कुछ ने प्रीति या उसकी सहयोगी ईशप्रीत के दोस्त होने का नाटक किया। उन्होंने वर्मा को रणनीतिक दृश्य देने के लिए राजी किया।
- उसने जहाज के स्थान और मूवमेंट की जानकारी दी।
- तकनीकी खराबी के बारे में भी अपडेट दिए।
- उसने 14 युद्धपोतों और पनडुब्बियों के बारे में जानकारी साझा की।
अत्यधिक गोपनीय जानकारी का खुलासा
जाँचकर्ताओं ने पाँच जहाजों को अत्यधिक गोपनीय के रूप में वर्गीकृत किया है। इनमें मझगाँव डॉक और नेवल डॉकयार्ड के जहाज शामिल थे। भारतीय तटरक्षक और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के जहाज भी शामिल थे।
- वर्मा ने संवेदनशील तैनाती डेटा साझा किया।
- उसने अपनी डायरी में जानकारी लिखी थी।
- 12 मार्च 2025 को उसने पेज की तस्वीर भेजी।
जाँच का विस्तार और अन्य कर्मचारी
ATS जासूसी जाँच तेज़ है। रवि वर्मा के साथ काम करने वाले कई अन्य कर्मचारी भी जाँच के दायरे में हैं। विशेष रूप से फिटर भूमिकाओं में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं।
- एजेंसी जल्द ही उनसे पूछताछ करने वाली है।
- आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम पर रखे गए पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों के फोन स्कैन किए जाएंगे।
- इन कर्मचारियों को भी मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति थी।
संवेदनशील क्षेत्रों में मोबाइल फोन
वर्मा की तरह इन कर्मचारियों को भी संवेदनशील नौसेना डॉकयार्ड क्षेत्रों में फोन ले जाने की अनुमति थी। तकनीकी प्रकृति के कारण यह अनुमति मिली थी। अक्सर इसमें लाइव वीडियो कॉल शामिल होते थे।
- मरम्मत के दौरान वरिष्ठ इंजीनियरों से बात करनी होती थी।
- ATS को संदेह है कि उन्होंने भी तस्वीरें ली होंगी।
- युद्धपोतों और पनडुब्बियों की अनधिकृत तस्वीरें हो सकती हैं।
डेटा रिकवरी और विदेशी एजेंट
ATS इन कर्मचारियों के मोबाइल फोन को स्कैन करने की योजना बना रही है। हटाए गए किसी भी डेटा को पुनः प्राप्त किया जाएगा। यह जासूसी के सबूत के रूप में काम कर सकता है।
- वर्मा की तरह, कुछ ने अनजाने में जानकारी साझा की होगी।
- जानबूझकर भी विदेशी एजेंटों के साथ दृश्य साझा किए होंगे।
- यह मामला रक्षा सुरक्षा प्रोटोकॉल के गंभीर उल्लंघन को उजागर करता है।
पुलिस हिरासत में विस्तार
27 वर्षीय रवींद्र वर्मा की पुलिस हिरासत गुरुवार तक बढ़ा दी गई है। उसे ठाणे जिला अदालत में पेश किया गया था। ATS ने आठ दिनों के लिए हिरासत बढ़ाने की मांग की थी।
- न्यायाधीश ने उसकी पुलिस हिरासत केवल तीन दिनों के लिए बढ़ाई।
- वर्मा के बचाव पक्ष के वकील ने कहा वह सहयोग कर रहा है।
- अग्रिम जमानत लेने का कोई इरादा नहीं था।
डायरी और हनीट्रैप का दावा
ATS अधिकारियों ने वर्मा के घर से एक नीले रंग की डायरी बरामद की है। इसमें कुछ नंबर लिखे हैं। वर्मा ने ये नंबर अगले दिन लोगों से मिलने के लिए लिखे थे।
- वकील ने दावा किया कि डायरी में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।
- मेरा मुवक्किल एक पाकिस्तानी एजेंट द्वारा हनीट्रैप किया गया था।
- ATS जासूसी जाँच तेज़ गति से जारी है।
भारतीय छात्र का रूप धारण करना
PIO ने पिछले साल नवंबर में फेसबुक के जरिए रवि वर्मा से संपर्क किया था। उसने एक किशोर भारतीय कॉलेज छात्र के रूप में खुद को पेश किया था। उसने भावनात्मक बंधन का फायदा उठाया।
- नौसेना के युद्धपोतों पर कॉलेज प्रोजेक्ट में मदद मांगी।
- अनुरोध धीरे-धीरे विशिष्ट होते गए।
- जहाज की तैनाती और मूवमेंट लॉग शामिल थे।
वित्तीय लेन-देन और भावनात्मक हेरफेर
ऑपरेटिव ने वर्मा के बैंक खाते में 2,000 रुपये ट्रांसफर किए। यह आभार के प्रतीक के रूप में था। भेजने वाले के खाते की साख अभी पता नहीं चली है।
- ऑपरेटिव ने स्नेह का एक डिजिटल मुखौटा बनाए रखा।
- उसने भावनात्मक और भावुक संदेश भेजे।
- आखिरकार, ‘कॉलेज की छात्रा’ ने शादी का प्रस्ताव रखा।
मां का संदेह और हैंडलर का हस्तक्षेप
वर्मा की मां रेखा वर्मा को रिश्ते पर शक हो गया। एक विदेशी हैंडलर, जिसे केवल “सर” के रूप में पहचाना जाता है, ने हस्तक्षेप किया। उसने वर्मा की मां को शादी को मंजूरी देने के लिए राजी किया।
- हैंडलर ने ऑपरेशन के प्रबंधन में भूमिका निभाई।
- वर्मा ने सैन्य डेटा और व्यक्तिगत विवरण साझा किए।
- वित्तीय संघर्ष और पारिवारिक पृष्ठभूमि भी साझा की।
सक्रिय जासूसी में विकास
हैंडलर ने इन कमजोरियों का फायदा उठाया। उसने निरंतर वित्तीय सहायता का वादा किया। जो भावनात्मक हेरफेर के रूप में शुरू हुआ वह सक्रिय जासूसी में बदल गया।
- वर्मा जोखिमों के बारे में जानता था।
- वह महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी देता रहा।
- अंततः वह एक इच्छुक संपत्ति बन गया।
राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापक जाँच
वर्मा अब राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के तहत अभियोजन का सामना कर रहा है। उल्लंघन की पूरी सीमा निर्धारित करने के लिए एक व्यापक जाँच चल रही है। यह मामला अंदरूनी खतरों पर अलार्म बजाता है।
- भावनात्मक हेरफेर और डिजिटल संचार का उपयोग किया गया।
- एटीएस अपनी जाँच जारी रखे हुए है।
- एजेंसी कई डिजिटल ट्रेल्स का विश्लेषण कर रही है।
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