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भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता : मोदी से मिलेंगे अमेरिकी उपराष्टपति जेडी वेंस

भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता

आर्थिक-सुरक्षा वार्ता की तैयारी में भारत :

नई दिल्ली : अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता के तहत 21 से 24 अप्रैल तक भारत की यात्रा पर रहेंगे। यह वेंस की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा होगी, जिसमें उनकी पत्नी उषा वेंस और उनके तीन बच्चे शामिल होंगे।
उपराष्ट्रपति वेंस प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा और भू-राजनीतिक प्राथमिकताओं पर बैठक करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक, डिजिटल और रक्षा संबंधों को मजबूती देना है।

भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता पर केंद्रित रहेगी यात्रा :

भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता इस यात्रा का केंद्रीय विषय बनी हुई है, जिसमें टैरिफ, डिजिटल व्यापार और रक्षा सहयोग प्रमुख हैं। भारत को उम्मीद है कि अगले छह हफ्तों में अमेरिका के साथ टैरिफ वार्ता पूरी हो सकेगी।
डॉ. मुकेश अघी, यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष ने कहा, “यह यात्रा एक मजबूत व्यापारिक संबंध का संकेत है।”उन्होंने कहा कि डिजिटल व्यापार, फार्मा, कृषि उत्पाद और रक्षा तकनीक जैसे क्षेत्र आपसी सहयोग के लिए अहम हैं। भारत पहले ही सेवा, ऊर्जा और फार्मा क्षेत्रों में शून्य टैरिफ का लाभ उठा रहा है।

राजनयिक संदेश और पारिवारिक यात्रा :

उप-राष्ट्रपति की पत्नी उषा वेंस भारतीय मूल की हैं, जिनकी उपस्थिति भारतीय समुदाय के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।
जयपुर में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में वेंस परिवार की भागीदारी भारत-अमेरिका रिश्तों को व्यक्तिगत आयाम देती है एवं ताजमहल जैसी ऐतिहासिक धरोहरों की यात्रा से कूटनीतिक संबंधों में गर्मजोशी का संदेश जाता है।

क्षेत्रीय सुरक्षा और क्वाड पर भी चर्चा :

भारत इस साल क्वाड समिट की मेज़बानी करने वाला है, जिसमें अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल होंगे।
उपराष्ट्रपति वेंस की यह यात्रा उसी दिशा में सहयोग और समन्वय बढ़ाने का प्रतीक बन सकती है।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से वेंस की मुलाकात प्रस्तावित है।
इन बैठकों में डिजिटल डेटा प्रवाह, सीमा पार व्यापार और रक्षा तकनीक साझा करने पर चर्चा संभव है।

अमेरिका-चीन तनाव के बीच भारत को अवसर

अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के बीच भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में खुद को एक वैकल्पिक केंद्र के रूप में पेश कर रहा है।भारत विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र और हाई-टेक विनिर्माण में भूमिका निभाने को तैयार है।
डॉ. अघी ने कहा कि “2023 तक 500 बिलियन डॉलर का व्यापार लक्ष्य अभी भी संभव है।”

डिजिटल क्षेत्र में संभावनाएँ और चुनौतियाँ :

डिजिटल मोर्चे पर डेटा लोकलाइजेशन, सीमा पार डेटा प्रवाह और ई-कॉमर्स को लेकर अमेरिका और भारत के बीच मतभेद रहे हैं,डॉ. अघी ने आगाह किया, “प्रतिशोधी टैरिफ से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ेगा और मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।”

यात्रा से संभावित परिणाम :

  • द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर प्रगति की संभावना।
  • रणनीतिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की पहल।
  • सांस्कृतिक और पारिवारिक कूटनीति से जन-संपर्क मजबूत होगा।
  • डिजिटल शासन और टैरिफ पर समझौते की राह खुल सकती है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :

इससे पहले 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी भारत यात्रा पर आए थे।
उस समय भी व्यापार और सुरक्षा साझेदारी पर ज़ोर दिया गया था।
वेंस की यात्रा भी उसी कड़ी को आगे ले जाती दिख रही है, लेकिन इस बार डिजिटल और डेटा संप्रभुता पर विशेष फोकस है।

राजनैतिक प्रतिक्रिया :

भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “यह यात्रा भारत के व्यापार दृष्टिकोण को वैश्विक मान्यता दिलाएगी।”
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने वेंस की यात्रा को “ग्लोबल री-अलाइन्मेंट” का प्रतीक बताया।

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