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भारत का ‘ऑपरेशन सिंधु’: युद्धग्रस्त ईरान से 110 छात्रों की सुरक्षित घर वापसी

भारत का ऑपरेशन सिंधु

भारत का ‘ऑपरेशन सिंधु’ ईरान में फंसे भारतीय छात्रों के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है। युद्धग्रस्त ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस अभियान के तहत 110 भारतीय छात्र सुरक्षित रूप से नई दिल्ली पहुंच गए हैं, जिससे उनके परिजनों ने राहत की सांस ली है।

  • यह निकासी प्रक्रिया ईरान और आर्मेनिया की सरकारों के सहयोग से हुई।
  • छात्रों को सड़क मार्ग से आर्मेनिया की राजधानी येरेवन पहुंचाया गया।

येरेवन से विशेष उड़ान द्वारा छात्रों को 19 जून 2025 की सुबह नई दिल्ली लाया गया। यह अभियान भारत सरकार की विदेश में अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्य बिंदु :

  1. भारत ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ चलाकर ईरान से 110 छात्रों को सुरक्षित नई दिल्ली पहुंचाया।
  2. युद्धग्रस्त हालातों में छात्र सड़क मार्ग से आर्मेनिया पहुंचाए गए, फिर विशेष विमान से भारत लाए गए।
  3. विदेश मंत्रालय, तेहरान दूतावास और आर्मेनिया की मदद से निकासी शांतिपूर्वक पूरी हुई।
  4. छात्रों ने बताया – मिसाइलों की आवाज़, पड़ोस में बमबारी और डर ने रुला दिया।
  5. परिजनों ने बच्चों को देखकर राहत की सांस ली, कई अभी भी तेहरान में फंसे हैं।
  6. 24×7 कंट्रोल रूम, हेल्पलाइन और जम्मू-कश्मीर सरकार की बस मदद से व्यवस्था आसान बनी।
  7. छात्र अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं, युद्ध थमने पर फिर लौटने की उम्मीद जताई।

निकासी का मार्ग और सरकार का आभार

भारतीय दूतावास ने उत्तरी ईरान से 110 भारतीय छात्रों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 17 जून 2025 को उन्हें आर्मेनिया में सुरक्षित प्रवेश दिया गया। ये छात्र ईरान और आर्मेनिया में भारतीय मिशनों की देखरेख में थे। भारत सरकार ने इस निकासी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए ईरान और आर्मेनिया की सरकारों का आभार व्यक्त किया है।

  • छात्र 18 जून 2025 को येरेवन से रवाना हुए।
  • यह ‘ऑपरेशन सिंधु’ का शुरुआती चरण था।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह अभियान ईरान में फंसे अन्य भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए भी जारी रहेगा। भारतीय दूतावास ने नागरिकों को सुरक्षित क्षेत्रों में जाने में मदद की है।

छात्रों के दर्दनाक अनुभव

दिल्ली पहुंचने वाले छात्रों ने अपनी आपबीती सुनाई। कश्मीर की छात्रा वर्ता ने कहा कि स्थिति बहुत गंभीर और डरावनी थी। उन्होंने भारत सरकार का त्वरित कार्रवाई के लिए धन्यवाद किया। मीर खलीफ जैसे छात्रों ने बताया कि उन्होंने मिसाइलें और ड्रोन देखे थे। यासिर गफ्फार और अमन अजहर जैसे छात्रों ने भी युद्ध के भयानक अनुभव साझा किए। दिल्ली पहुंचे छात्रों में से कई ने उर्मिया विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की पढ़ाई की।

  • उनके पड़ोस में भी बमबारी हुई थी, जिससे वे बहुत डरे हुए थे।
  • अली अकबर ने बताया कि उन्होंने बस यात्रा के दौरान मिसाइल और ड्रोन गिरते देखे थे।

परिजनों की चिंता और राहत

छात्रों ने भारत सरकार का धन्यवाद किया, लेकिन कुछ ने ईरान में अभी भी फंसे छात्रों के लिए चिंता व्यक्त की। हैदर अली, 21 वर्षीय माज़ हैदर के पिता, ने अधिकारियों से तेहरान में फंसे छात्रों को निकालने का आग्रह किया। समीर आलम के पिता परवेज़ आलम ने भी भारत सरकार का धन्यवाद किया।

  • कुछ छात्रों के माता-पिता हवाई अड्डे पर बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
  • छात्रों की सुरक्षित वापसी से परिजनों ने राहत की सांस ली।

परिजनों की खुशी और चिंता दोनों ही सामने आईं, वे चाहते थे कि सभी छात्र सुरक्षित घर वापस आएं।

‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत सहायता और शिकायतें

विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन भी शुरू की है। यह फंसे हुए नागरिकों को संपर्क में रहने में मदद करेगा।

  • छात्रों को घर जाने के लिए बसों की स्थिति पर भी शिकायत थी।
  • जम्मू-कश्मीर सरकार ने छात्रों के अनुरोध पर “ध्यान दिया”।
  • मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के कार्यालय ने “उचित डीलक्स बसें” सुनिश्चित करने के लिए जम्मू-कश्मीर राज्य सड़क परिवहन निगम के साथ समन्वय का आश्वासन दिया।
  • मरियम रोज ने भारतीय दूतावास की तैयारियों की सराहना की, जिससे उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई।

आगे की राह और शिक्षा का भविष्य

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि अधिक लोगों को निकाला जा रहा है। भारत का ‘ऑपरेशन सिंधु’ आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने तुर्कमेनिस्तान और आर्मेनिया की सरकारों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। कुछ छात्रों ने अपनी पढ़ाई प्रभावित होने पर चिंता व्यक्त की। यह दर्शाता है कि भारतीय नागरिक अपनी शिक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं। युद्ध समाप्त होने पर ही वे वापस ईरान जाने की उम्मीद कर रहे हैं। भारत का ‘ऑपरेशन सिंधु’ अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहा है।

  • वे जल्द से जल्द अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करना चाहते हैं।
  • छात्रों ने इजरायल-ईरान संघर्ष समाप्त होने की उम्मीद जताई।

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