भारत पाक संघर्ष विराम”आतंकवाद पर भारत की नीति नहीं बदलेगी”

भारत पाक संघर्ष विराम पर जयशंकर की स्पष्ट चेतावनी ,भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया भारत पाकिस्तान युद्ध विराम समझौते के बाद, एस जयशंकर ने कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद पर किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा और पहले की तरह कार्रवाई जारी रखेगा। 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पर पहुंच गया था। इसके बाद पाकिस्तान के सैन्य महानिदेशक ने सीधे भारतीय समकक्ष से संपर्क कर संघर्ष विराम की पेशकश की। जयशंकर ने इस पूरे घटनाक्रम के बीच एक्स पर भारत की दृढ़ नीति को फिर दोहराया।
संघर्ष विराम की मुख्य बातें :
१) भारत और पाकिस्तान ने जमीन, वायु और समुद्र में गोलीबारी रोकने पर सहमति दी।
२) DGMO की बातचीत शनिवार दोपहर 3:30 बजे हुई, शाम 5 बजे से युद्ध विराम लागू हुआ।
३) जयशंकर ने एक्स पर कहा कि भारत आतंकवाद पर अडिग रहेगा।
४) अमेरिका ने संघर्ष विराम की मध्यस्थता का दावा किया, जिससे कूटनीतिक हलचल बढ़ी।
५) दोनों देशों के बीच १२ मई को आगे कि बातचीत की फिलहाल योजना है।
भारत पाक संघर्ष विराम: आतंकवाद पर भारत का अडिग रुख
भारत पाक संघर्ष विराम के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद पर नरम नहीं होगा पाकिस्तान के DGMO ने दोपहर 3:30 बजे भारतीय समकक्ष से संपर्क किया। शाम 5 बजे से ज़मीन, हवा और समुद्र में सैन्य कार्रवाई रोकी गई। यह सहमति जम्मू-कश्मीर के हालिया हमले के बाद बनी। अमेरिका की मध्यस्थता ने इस समझौते में भूमिका निभाई। जयशंकर ने कहा कि “आतंकवाद के खिलाफ रुख अडिग रहेगा।”
सेना की प्रतिक्रिया: हमले और जवाबी कार्रवाई
भारतीय सेना ने कहा कि शुक्रवार रात पाकिस्तान ने मिसाइल और तुर्की निर्मित 300-400 ड्रोन से हमला किया।
इसके जवाब में भारत ने इस्लामाबाद के चार एयरबेसों को निशाना बनाकर मिसाइल और ड्रोन दागे।
अमृतसर में खासा कैंट पर उड़ते हुए कई पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए जिन्हें भारतीय वायु रक्षा ने मार गिराया।
इस पूरी घटना के बाद ही दोनों देशों के बीच युद्ध विराम पर सहमति बनी।
सेना ने स्पष्ट किया कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।
अमेरिका की भूमिका और प्रतिक्रिया
- संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका ने राजनीतिक हलकों में चर्चा पैदा कर दी है।
- विदेश सचिव विक्रम मिस्री के मुताबिक, यह सहमति शनिवार को 3:30 बजे DGMO की बातचीत में बनी।
- हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसके बाद यह घोषणा कर दी कि संघर्ष विराम की मध्यस्थता अमेरिका ने की।
- यह बयान अमेरिका के पूर्व रुख से उलट था जिसमें उसने इस मुद्दे से दूरी बना रखी थी।
- जेडी वेंस जैसे नेता पहले ही कह चुके थे कि यह अमेरिका का “मुद्दा नहीं” है।
क्या यह स्थायी शांति की दिशा में कदम है?
हालिया भारत पाकिस्तान युद्ध विराम को लेकर विशेषज्ञों में अलग-अलग राय है। कुछ मानते हैं कि यह केवल अस्थायी समाधान है और मूल विवादों पर बातचीत जरूरी है। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब तक आतंकवाद जारी रहेगा, स्थायी समाधान संभव नहीं। वहीं, पाकिस्तान की नीयत पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह केवल दबाव में लिया गया कदम है।
अभी के लिए, यह युद्ध विराम एक राहत जरूर है लेकिन स्थायी शांति के लिए अभी लंबा रास्ता बाकी है।
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