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भारत पाकिस्तान युद्ध विराम पर ट्रंप की मध्यस्थता से बनी सहमति

भारत पाकिस्तान युद्ध विराम

अमेरिका की मध्यस्थता से भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम पर बनी सहमति, भारत पाकिस्तान युद्ध विराम पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देश पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि यह समझौता एक लंबी रात की गहन बातचीत के बाद संभव हुआ। ट्रंप ने इसे दोनों देशों की समझदारी और बुद्धिमत्ता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने गंभीरता और सूझबूझ का परिचय दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इस घोषणा की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अमेरिकी अधिकारियों ने नरेंद्र मोदी, शहबाज शरीफ, एस. जयशंकर, असीम मुनीर और अजीत डोभाल से विस्तार से चर्चा की।

मुख्य बिंदु :

१) ट्रंप ने युद्ध विराम को “बुद्धिमत्ता का प्रतीक” बताया।

२)अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने वार्ता में शामिल नेताओं की सूची दी।

३) तटस्थ जगह पर कई मुद्दों पर बातचीत होगी।

४) इशाक डार ने पाकिस्तान की शांति नीति दोहराई।

५) अमेरिका ने कहा, “यह युद्ध हमारा नहीं, लेकिन मध्यस्थता हमारा कर्तव्य।”

तटस्थ स्थल पर वार्ता शुरू करने को तैयार दोनों देश :

रुबियो ने कहा कि भारत और पाकिस्तान तटस्थ स्थल पर प्रमुख मुद्दों पर बातचीत शुरू करेंगे। उन्होंने इसे शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। रुबियो ने प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ की राजनीतिक समझ की भी प्रशंसा की। ट्रंप ने दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर गोलीबारी बढ़ गई थी, जिसे लेकर अमेरिका चिंतित था। हालात की गंभीरता को देखते हुए अमेरिका ने तत्काल कूटनीतिक हस्तक्षेप किया। पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति के लिए हमेशा प्रयासरत रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता से कभी समझौता नहीं करेगा। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ट्रंप की पोस्ट साझा करते हुए कहा कि अमेरिका गैर-जरूरी युद्धों से दूर रहेगा, लेकिन सही समय पर सही कदम उठाएगा।

अतिरिक्त महत्वपूर्ण तथ्य:

  • ऑपरेशन सिंदूर के बाद LOC पर तीन दिनों से तनाव बढ़ा था।
  • युद्ध विराम से पहले दोनों देशों के बीच तीन चरणों में बैकचैनल वार्ता हुई थी।
  • अमेरिका ने इस वार्ता के लिए कतर को संभावित तटस्थ स्थल के रूप में प्रस्तावित किया है।
  • संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने भी इस निर्णय की सराहना की है।
  • ट्रंप पहले भी उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया वार्ता में मध्यस्थता कर चुके हैं।
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