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भारत पर ट्रंप के टैरिफ का असर: फार्मा जीता, आभूषण-कृषि क्षेत्र हारे!

भारत पर ट्रंप के टैरिफ का असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। भारत पर ट्रंप के टैरिफ का असर जबरदस्त ढंग से देखने को मिल रहा है। भारत समेत 60 देशों पर लगाए गए इन शुल्कों का उद्देश्य व्यापार असंतुलन को दूर करना बताया गया है।

जहां फार्मा और टेक्सटाइल जैसे सेक्टर को फायदा होने की उम्मीद है, वहीं रत्न-आभूषण और कृषि निर्यातकों को नुकसान की आशंका है। आइए, विस्तार से जानते हैं किस सेक्टर पर क्या पड़ेगा असर:

फार्मा सेक्टर: ट्रंप के टैरिफ के असर से मिली राहत, निर्यात को बढ़ावा

भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग इस नीति का सबसे बड़ा लाभार्थी बना है। अमेरिका ने भारत से आयातित जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ में छूट दी है, जो यहां के निर्यातकों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। भारत अमेरिका में 40% जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है, जिनकी मांग COVID-19 के बाद से लगातार बढ़ी है।

  • मार्केट रिएक्शन: ल्यूपिन, सन फार्मा और सिप्ला जैसी कंपनियों के शेयरों में 2-4% की उछाल दर्ज की गई।
  • भविष्य की संभावनाएं: अमेरिकी स्वास्थ्य बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का यह सुनहरा मौका है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 तक भारत का फार्मा निर्यात 30 बिलियन डॉलर को पार कर सकता है।

वस्त्र उद्योग: प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त के बावजूद चुनौतियां

अमेरिका को भारत का टेक्सटाइल निर्यात 7 बिलियन डॉलर से अधिक है। हालांकि 27% टैरिफ के बाद भी, चीन (54%), बांग्लादेश (37%), और वियतनाम (46%) जैसे प्रतिस्पर्धियों पर अधिक शुल्क लगने से भारत को फायदा मिल सकता है।

  • कपास और मानव संसाधन का लाभ: भारत की सस्ती श्रम लागत और कपास उत्पादन क्षमता इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाती है।
  • अल्पकालिक चिंताएं: निर्यातकों को मार्जिन पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है, खासकर स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (SMEs) को।

रत्न और आभूषण: चमक पर मंडराया संकट

भारत पर ट्रंप के टैरिफ का असर की अगर बात करें तो भारत के जेम एंड ज्वेलरी सेक्टर को सबसे ज्यादा झटका लगने की आशंका है। अमेरिका को इसका निर्यात 9.9 बिलियन डॉलर (2023-24) है, जो कुल निर्यात का 13% है।

  • हीरे और सोने पर टैरिफ बढ़ोतरी: पॉलिश्ड डायमंड्स पर शुल्क 0% से बढ़ाकर 27% कर दिया गया है, जबकि गोल्ड ज्वेलरी पर टैरिफ 5-7% से 32% हो गया है।
  • निर्यातकों की चिंता: GJEPC के अनुसार, अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पाद महंगे होंगे, जिससे मांग घट सकती है। किरीट भंसाली (GJEPC चेयरमैन) का कहना है, “यह निर्णय उद्योग के लिए चिंताजनक है।”

कृषि निर्यात: मिश्रित प्रभाव की संभावना

अमेरिका भारत के कृषि उत्पादों का प्रमुख गंतव्य है, जहां चावल, झींगा और बीफ का निर्यात प्रमुख है। 27% टैरिफ के बाद इक्वाडोर (10% टैरिफ) जैसे देशों के सामने प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। इस तरह कृषि क्षेत्र में भारत पर ट्रंप के टैरिफ का असर होता हुआ दिख रहा है।  

  • झींगा निर्यात पर खतरा: भारत का 80% समुद्री निर्यात अमेरिका को जाता है। शुल्क बढ़ने से कीमतें 33% तक बढ़ सकती हैं।
  • चावल को मिल सकता है लाभ: थाईलैंड (36% टैरिफ) और पाकिस्तान (29%) के मुकाबले भारत के पास तुलनात्मक लाभ हो सकता है। कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी के अनुसार, “भारत चावल निर्यात में अग्रणी बना रह सकता है।”

आईटी सेक्टर: सेवाओं पर कोई असर नहीं

ट्रंप के टैरिफ सामानों पर लागू होते हैं, सेवाओं पर नहीं। इससे भारत का आईटी सेक्टर सुरक्षित रहेगा। अमेरिका भारतीय आईटी निर्यात का 70% हिस्सा है, जो 2024 में 205 बिलियन डॉलर तक पहुंचा। अतः IT सेक्टर में भारत पर ट्रंप के टैरिफ का असर फ़िलहाल लगभग न के बराबर होता हुआ दिख रहा है।

  • अप्रत्यक्ष प्रभाव: अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी से मांग घट सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर बढ़ते रुझान से नुकसान की संभावना कम है।

सरकार की प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति

भारत सरकार ने टैरिफ के प्रभाव का आकलन शुरू कर दिया है। वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, “यह मिश्रित परिणाम देगा, लेकिन हम अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखेंगे।”

  • संभावित कदम: प्रभावित सेक्टर्स को वित्तीय सहायता या निर्यात प्रोत्साहन देने पर विचार हो रहा है।
  • द्विपक्षीय समझौते पर जोर: भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की संभावना फिर से चर्चा में है।

निष्कर्ष: अवसर और चुनौतियों का दौर

दरसल ट्रंप के टैरिफ केअसर ने  भारत के लिए एक जटिल परिदृश्य खड़ा किया है। जहां फार्मा और टेक्सटाइल सेक्टर को अवसर मिले हैं, वहीं आभूषण और कृषि निर्यातकों को रणनीति बदलने की जरूरत है। सरकार और उद्योगों के बीच समन्वय से ही इन चुनौतियों को अवसरों में बदला जा सकता है।

 

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