ब्रिटेन भारत रणनीतिक साझेदारी लैमी-जयशंकर की अहम बैठक

दिल्ली में शनिवार को एक अहम कूटनीतिक मुलाकात में ब्रिटेन भारत रणनीतिक साझेदारी को नए आयाम मिले। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को नई दिल्ली में यू.के. के विदेश सचिव डेविड लैमी के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य-सहिष्णुता की नीति पर जोर दिया। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवादियों और उनके पीड़ितों के बीच किसी भी तुलना को स्वीकार नहीं करेगा।
- भारत ने आतंकवाद को मानवता पर एक अभिशाप बताया है, और यह मानता है कि इसका कोई औचित्य नहीं हो सकता है।
- भारत की यह नीति केवल एक देश की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लेख को साझा करते हुए इस नीति को दोहराया है।
मुख्य बिंदु :
- भारत आतंकवाद पर शून्य-सहिष्णुता नीति को वैश्विक स्थिरता का आधार मानता है।
- जयशंकर ने कहा – आतंकियों को उनके पीड़ितों के बराबर नहीं माना जा सकता।
- ब्रिटेन ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और भारत को समर्थन दिया।
- पाकिस्तान से उठते सीमा पार आतंकवाद पर भारत ने गंभीर चिंता जताई।
- भारत-ब्रिटेन एफटीए और डीटीएए को ‘मील का पत्थर’ करार दिया गया।
- ब्रिटेन ने दोनों देशों के तनाव में मध्यस्थता की कोशिश की, भारत ने असहमति जताई।
- ‘रोडमैप 2030’ के तहत द्विपक्षीय सहयोग को और व्यापक बनाया जाएगा।
आतंकवाद का वैश्विक संदर्भ और भारत की दृढ़ता
यह टिप्पणी हाल ही में सैन्य गतिरोध के बाद कुछ देशों द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच समानताएं दर्शाने पर राष्ट्र की चिंता के बीच आई है। लैमी भारत-यू.के. रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा और उसे मजबूत करने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे थे। जयशंकर ने अपने शुरुआती भाषण में पहलगाम में हुए “बर्बर” आतंकवादी हमले की ब्रिटेन द्वारा की गई निंदा की सराहना की।
- जयशंकर ने कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करने तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रति आपकी एकजुटता और समर्थन के लिए ब्रिटेन सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
- उन्होंने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति अपनाते हैं तथा उम्मीद करते हैं कि हमारे साझेदार इसे समझेंगे, तथा हम कभी भी बुराई करने वालों को इसके पीड़ितों के बराबर नहीं आंकेंगे।”
- भारत लगातार विश्व मंच पर आतंकवाद को किसी भी तरह से महिमामंडित न करने और इसे प्रायोजित करने वाले देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता रहा है।
सीमा पार आतंकवाद: एक स्थायी चुनौती और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता
वार्ता के दौरान, भारत ने कथित तौर पर पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद के बारे में गंभीर चिंता जताई। भारत का मानना है कि सीमा पार आतंकवाद उसकी आंतरिक सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बना हुआ है। हाल के वर्षों में भारत ने कई बड़े आतंकवादी हमलों का सामना किया है, जिनमें सीमा पार से जुड़े तत्व शामिल थे।
- ब्रिटेन ने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ बातचीत की थी, तथा उनके सैन्य तनाव के दौरान तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
- उल्लेखनीय है कि भारत आने से पहले लैमी 16 मई को इस्लामाबाद गए थे, जहां उन्होंने दोनों पड़ोसियों के बीच शत्रुता समाप्त करने के लिए 10 मई को हुए समझौते का स्वागत किया था।
- भारत ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते, और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सीमा पार आतंकवाद का पूरी तरह से उन्मूलन आवश्यक है।
ब्रिटेन-भारत रणनीतिक साझेदारी: व्यापार, निवेश और भविष्य के आयाम
अन्य घटनाक्रमों में, जयशंकर ने वार्ता के दौरान हाल ही में संपन्न भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और दोहरे कराधान से बचाव सम्मेलन (डीटीएए) को द्विपक्षीय संबंधों में प्रमुख मील का पत्थर बताया। भारत-ब्रिटेन एफटीए को दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण व्यापार समझौता माना जा रहा है। यह ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन की व्यापार नीति का एक मज़बूत प्रतीक भी है।
- जयशंकर ने कहा, “भारत-ब्रिटेन एफटीए और दोहरे कराधान सम्मेलन, वास्तव में एक मील का पत्थर है। यह न केवल हमारे दोतरफा व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा बल्कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों के अन्य रणनीतिक पहलुओं पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।”
- लैमी ने इस समझौते से आने वाले समय में द्विपक्षीय व्यापार में £25.5 बिलियन की वृद्धि होने की उम्मीद जताई, जिससे भारतीय निर्यातकों को ब्रिटिश बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी।
- भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा, सुरक्षा, हरित ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, संस्कृति और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर व्यापक चर्चा हुई है, जो इस ब्रिटेन-भारत रणनीतिक साझेदारी के विविध आयामों को दर्शाता है।
आतंकवाद विरोधी समर्थन की पुष्टि और मजबूत होते संबंध
ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ ब्रिटेन के समर्थन की भी पुष्टि की।
- लैमी ने कहा, “यह स्पष्ट रूप से दुखद है कि हमारी पिछली मुलाकात के बाद से एक भीषण आतंकवादी हमला हुआ है और मेरे प्रधान मंत्री चाहते हैं कि मैं एक बार फिर ब्रिटेन की गहरी संवेदना व्यक्त करूं और आतंकवाद के खतरे से व्यापक तरीके से निपटने के लिए भारत के साथ दोस्ती और समर्थन का हाथ बढ़ाऊं।”
- लैमी ने अपनी यात्रा के लिए आभार व्यक्त किया और उन्हें मुलाकात का अवसर देने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की, जिससे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए।
- यह मजबूत ब्रिटेन-भारत रणनीतिक साझेदारी ‘रोडमैप 2030’ के तहत आगे बढ़ रही है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहरा करना है।
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