भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल वैश्विक आतंकवाद विरोधी एकता का संदेश

भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयॉर्क में 9/11 स्मारक पर अर्पित की श्रद्धांजलि
कांग्रेस नेता डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयॉर्क स्थित 9/11 मेमोरियल एंड म्यूजियम में श्रद्धांजलि अर्पित की। यह प्रतिनिधिमंडल ऑपरेशन सिंदूर आउटरीच कार्यक्रम के तहत अमेरिका, लैटिन अमेरिकी और कैरिबियाई देशों के दौरे पर है। प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं, जो भारत की आतंकवाद विरोधी नीतियों को वैश्विक मंच पर रखने का कार्य कर रहे हैं।
प्रमुख बिंदु:
- डॉ. थरूर ने 9/11 हमलों में मारे गए 33 भारतीयों को विशेष श्रद्धांजलि दी
- प्रतिनिधिमंडल ने स्मारक पर सफेद गुलाब चढ़ाए और दो मिनट का मौन रखा
- यह यात्रा ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सक्रिय कूटनीति का हिस्सा
- अमेरिकी राजनयिकों और थिंक टैंक्स के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग पर चर्चा
भावनाओं से भरा क्षण
प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के स्मारक पर पहुंचकर सफेद गुलाब अर्पित किए और मौन श्रद्धांजलि दी।
- अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा भी श्रद्धांजलि समारोह में मौजूद
- शशि थरूर के साथ भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या व शशांक मणि त्रिपाठी भी उपस्थित
- लोजपा सांसद शांभवी चौधरी व पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल
प्रतिनिधिमंडल की विशेषताएं
- बहुदलीय प्रतिनिधित्व – कांग्रेस, भाजपा, लोजपा, शिवसेना सहित 6 दल
- पूर्व राजनयिक तरनजीत सिंह संधू का विशेष अनुभव
- युवा सांसद तेजस्वी सूर्या और शशांक मणि त्रिपाठी की सक्रिय भागीदारी
- महिला प्रतिनिधि के रूप में शांभवी चौधरी की उपस्थिति
“यह पूरी मानवता पर हमला था”
थरूर ने संवाददाताओं से कहा,
“9/11 का हमला केवल अमेरिका पर नहीं, पूरी मानवता पर घाव था।”
उन्होंने विशेष रूप से उन 33 भारतीयों को याद किया जो उस त्रासदी में मारे गए थे।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख
डॉ. थरूर ने पत्रकारों से बातचीत में भारत की नई रणनीति को स्पष्ट करते हुए कहा, “7 मई को पाकिस्तान और पीओके में हमारी सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक ने एक स्पष्ट संदेश दिया है।” उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब आतंकवादियों और उनके संरक्षकों के बीच कोई अंतर नहीं करेगा। प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक में पाकिस्तान पर दबाव बनाने का आग्रह किया।
अगले चरण की योजना:
- गुयाना में आतंकवाद विरोधी समझौते पर हस्ताक्षर
- पनामा में समुद्री सुरक्षा पर चर्चा
- ब्राजील और कोलंबिया के साथ साइबर आतंकवाद पर सहयोग
- अमेरिका लौटकर अंतिम रिपोर्ट तैयार करना
वैश्विक समर्थन की अपील
प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के निकट एक विशेष बैठक में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया कि आतंकवाद को किसी एक देश की समस्या के रूप में न देखें। डॉ. थरूर ने जोर देकर कहा, “जब तक सभी देश मिलकर आतंकवाद के वित्तपोषण, प्रशिक्षण और प्रचार के खिलाफ नहीं लड़ेंगे, यह खतरा बना रहेगा।” उन्होंने विशेष रूप से पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को बंद करने की मांग की।
ऐतिहासिक महत्व का स्मारक
9/11 मेमोरियल 16 एकड़ के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर परिसर में स्थित है, जहां 2001 के हमलों में मारे गए 2,977 लोगों की याद में दो विशाल जलाशय बनाए गए हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से उत्तर टावर में काम कर रहे भारतीय मूल के पीड़ितों के नामों को खोजकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। स्मारक के आसपास 400 स्वर्गिक वृक्ष लगाए गए हैं, जिनमें से एक विशेष वृक्ष को “सर्वाइवर ट्री” के नाम से जाना जाता है।
भारत की नई कूटनीतिक पहल
इस यात्रा को भारत की विदेश नीति में एक नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है, जहां संसद सदस्य सक्रिय रूप से देश की छवि निर्माण में भाग ले रहे हैं। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस तरह के प्रतिनिधिमंडल भविष्य में और देशों को भेजे जाएंगे। डॉ. थरूर ने यात्रा के अंत में कहा, “हमने जो संदेश दिया है, वह स्पष्ट है – आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न्यायसंगत है और इसमें वैश्विक समर्थन की आवश्यकता है।”लग-थलग किया जाना चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस यात्रा को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में काफी सराहना मिली है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे “भारत की सक्रिय कूटनीति” बताया है, जबकि वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि “भारत अब आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने को तैयार है।”
चेतावनी ही नहीं, चेतना भी
थरूर की वैश्विक चेतावनी सिर्फ़ शब्द नहीं, एक चेतना थी – भारत अब खामोश नहीं बैठेगा। आतंक से लड़ाई केवल सीमा की नहीं, सिद्धांतों की है।
“हम शांति चाहते हैं, लेकिन आत्मसम्मान के बिना नहीं।”
— थरूर, अंतिम पंक्तियों में
डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में यह भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भारत की आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धता को वैश्विक मंच पर रखने में सफल रहा है। 9/11 स्मारक पर श्रद्धांजलि ने न केवल भावनात्मक एकता दिखाई, बल्कि यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत अब पूरी दृढ़ता से खड़ा है। यह यात्रा भारत की विदेश नीति में एक नए अध्याय का प्रतीक है, जहां संसद के सदस्य सक्रिय रूप से देश की छवि निर्माण में योगदान दे रहे हैं।
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