गैर-मराठी हमलों पर शेलार का बयान: पहलगाम नरसंहार से की तुलना

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में गैर-मराठी भाषी प्रवासियों पर हो रहे हमलों ने एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इन घटनाओं पर भाजपा नेता और मंत्री आशीष शेलार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इन हमलों की तुलना जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले से की, जिसमें पीड़ित ‘हिंदू’ थे।
- शेलार ने कहा कि पहलगाम में लोगों को उनके धर्म के कारण मारा गया था।
- यहां महाराष्ट्र में हिंदुओं पर उनकी भाषा के कारण हमला हो रहा है।
- यह टिप्पणी राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा दुकानदारों और प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों के बाद आई है।
मुख्य बिंदु :
- शेलार ने गैर-मराठी हमलों की तुलना पहलगाम आतंकी हमले से की।
- भयंदर और वर्ली में मराठी न बोलने पर हमले के वीडियो हुए वायरल।
- मनसे कार्यकर्ताओं की ‘गुंडागर्दी’ पर भाजपा ने कड़ा विरोध दर्ज किया।
- उद्धव-राज की जोड़ी को शेलार ने अवसरवादी गठबंधन करार दिया।
- फडणवीस ने भाषा के नाम पर हिंसा करने वालों को चेताया।
- राज ठाकरे के भाषण को शेलार ने ‘सड़कछाप बयानबाज़ी’ बताया।
- भाजपा ने मराठी और गैर-मराठी दोनों की सुरक्षा का संकल्प दोहराया।
मनसे की ‘गुंडागर्दी’ और शेलार की तीखी आलोचना
हाल ही में, भयंदर इलाके में एक दुकानदार को मराठी में बात न करने पर पीटने का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस घटना के बाद मनसे के सात सदस्यों को हिरासत में लिया गया था। वहीं, वर्ली में निवेशक सुशील केडिया के कार्यालय पर हमला करने के आरोप में पांच मनसे समर्थकों को गिरफ्तार किया गया। केडिया ने सोशल मीडिया पर मराठी न सीखने संबंधी पोस्ट की थी। इन घटनाओं पर आशीष शेलार ने कड़ा रुख अपनाया है।
- शेलार ने कहा कि पहलगाम में आतंकवादियों ने धर्म पूछा।
- यहां भाषा पूछकर लोगों पर हमला किया जा रहा है, यह निराशाजनक है।
- इन घटनाओं से दर्द, पीड़ा और मानसिक परेशानी होती है, जिससे अशांति फैलती है।
ठाकरे बंधुओं का ‘अवसरवादी गठबंधन’ और भाजपा का ‘विकास की राजनीति’
शेलार ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के हालिया साथ आने को ‘अवसरवादी गठबंधन’ करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे सत्ता के बिना जीवित नहीं रह सकते। जब उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं मिली, तो उन्होंने भाजपा छोड़ दी। अब वे किसी भी कीमत पर बीएमसी सीट चाहते हैं।
- भाजपा मराठी भाषी और हिंदुओं दोनों के हितों की रक्षा करेगी।
- भाजपा यह ‘नफरत की नहीं, बल्कि विकास की राजनीति’ से करेगी।
- शेलार ने कहा कि राज्य देख रहा है कि कैसे ये नेता अन्य हिंदुओं की पिटाई का “आनंद” ले रहे हैं।
त्रिभाषा फॉर्मूला विवाद और फडणवीस का हस्तक्षेप
हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने त्रिभाषा नीति के कार्यान्वयन पर अपना आदेश वापस ले लिया था। इस आदेश के तहत कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी को ‘अनिवार्य’ तीसरी भाषा बनाया गया था। इस मुद्दे पर हुए राजनीतिक विवाद ने ठाकरे बंधुओं को लगभग दो दशकों के बाद एक साथ ला दिया। उद्धव और राज ठाकरे ने शनिवार को मुंबई के वर्ली डोम में संयुक्त रैली की।
- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठी के नाम पर ‘गुंडागर्दी’ करने वालों को चेतावनी दी थी।
- उन्होंने कहा कि महायुति सरकार हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी।
- शेलार ने दावा किया कि राज और उद्धव ठाकरे के भाषण अप्रासंगिक थे।
शेलार की राज ठाकरे को सलाह और उद्धव पर कटाक्ष
शनिवार को राज ठाकरे ने अपने भाषण में कहा था कि “हमारी शक्ति सड़कों पर है।” इस पर आशीष शेलार ने तंज कसते हुए कहा, “तो सड़कों पर पासा खेलो!” उन्होंने राज ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को हिंदी सहित तीन भाषाएं पढ़ाने वाले स्कूलों में दाखिला दिलाते हैं। लेकिन दूसरों को ऐसा करने से रोकते हैं, यह पाखंड है। गैर-मराठी हमलों पर शेलार के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
- शेलार ने उद्धव ठाकरे के भाषण को अप्रासंगिक बताया।
- राज ठाकरे का भाषण अधूरा था और वास्तविक मुद्दे से भटका हुआ था।
- शेलार ने दोनों नेताओं पर चुनाव से पहले डरने का आरोप लगाया।
भाजपा का संकल्प और ठाकरे बंधुओं पर सवाल
आशीष शेलार ने जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा मराठी लोगों के सम्मान की रक्षा करेगी। साथ ही, वह गैर-मराठी निवासियों की भी रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि मराठी भाजपा के लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। शेलार ने यह भी भविष्यवाणी की कि शिवसेना (यूबीटी) और उसके सहयोगी आगामी नगर निगम चुनावों में खराब प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, “पिछले चुनावों की तुलना में, वे कम सीटें जीतेंगे। वे हारने जा रहे हैं।” गैर-मराठी हमलों पर शेलार का बयान दर्शाता है कि भाजपा इस मुद्दे पर कितनी गंभीर है।
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