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‘मालिक’ टीज़र: क्रूरता और करिश्मे के बीच गैंगस्टर अवतार राजकुमार राव

गैंगस्टर अवतार

राजकुमार राव की बहुप्रतीक्षित फिल्म मालिक’ का टीज़र आज रिलीज़ हो गया। गैंगस्टर अवतार राजकुमार राव के लिए यह अब तक की सबसे हिंसक और उग्र भूमिका मानी जा रही है।

इलाहाबाद 1988: अपराध की एक काली रात

फिल्म 1988 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में सेट है। टीज़र की ओपनिंग लाइन ही संकेत देती है:

“समाज में दो तरह के लोग होते हैं… हम दूसरा वाला हैं।”

राजकुमार राव गलियारे में राइफल हाथ में लिए उतरते हैं। लोग भागते हैं, सन्नाटा छा जाता है।

“हमारी कहानी में हम हीरो हैं”

टीज़र में सबसे प्रभावी संवाद है:

“हमें फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या सोचते हैं… हमारी कहानी में हम हीरो हैं।”

यह संवाद सीधे दर्शकों से बात करता है। यह एक अपराधी के मनोविज्ञान को नायकत्व की परिभाषा में गूंथने की कोशिश करता है।

टीज़र की झलकियाँ:

  • गलियारे में राइफल लेकर चलता किरदार
  • घायल, लहूलुहान गैंगस्टर की क्रूरता
  • धातु के डिब्बे से प्रतिद्वंद्वी पर हमला
  • लाश को खींचते हुए दृश्य
  • गंभीर बैकग्राउंड स्कोर और धीमी आवाज़ का वॉयसओवर

राजकुमार राव की अभिनय यात्रा में बदलाव

गैंगस्टर अवतार राजकुमार राव का यह अंदाज़ उनकी पिछली फिल्मों से बिलकुल अलग है।

पिछली फिल्में:

  • स्त्री 2 – हॉरर-कॉमेडी
  • विक्की विद्या का वो वाला वीडियो – सोशल ड्रामा
  • भूल चूक माफ़ – रोमांटिक कॉमेडी

इन फिल्मों में वे एक स्लाइस ऑफ लाइफ कलाकार के रूप में सामने आए। अब ‘मालिक’ में वह एक उग्र और हिंसक किरदार निभा रहे हैं।

क्यों खास है ‘मालिक’?

  • 1980 के दशक की राजनीतिक और आपराधिक पृष्ठभूमि
  • उत्तर भारत के रॉ लोकल टोन की झलक
  • गाली-गलौच और बंदूक की भाषा वाला वॉयसओवर
  • नैतिक अस्पष्टता वाला नायक — anti-hero trope

11 जुलाई, 2025 को ‘मालिक’ सिनेमाघरों में दस्तक देगी

विश्लेषण: हिंदी सिनेमा में एंटी-हीरो का दौर

‘मालिक’ में राजकुमार राव का किरदार विक्टर, गालिब, शिवा या अल्ताफ जैसे ऐतिहासिक बॉलीवुड गैंगस्टरों की याद दिलाता है। 90 के दशक में जहां रामी रेड्डी और सलीम ग़ौरी जैसे किरदारों का बोलबाला था, वहीं अब मालिक उन परंपराओं को आधुनिक भावभंगिमा के साथ जीवित करता है।

राजनैतिक और सामाजिक पहलू

1988 का इलाहाबाद सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि एक राजनीतिक विस्फोट भी था। मंडल-कमंडल की राजनीति और छात्र राजनीति के तेज़ होते स्वर में ऐसे गैंगस्टर कैरेक्टर का उभार ऐतिहासिक रूप से यथार्थवादी है।

प्रमुख प्रतिक्रिया:

  • फिल्म विश्लेषक तरण आदर्श ने लिखा:
    “राजकुमार राव का ये अवतार निश्चित ही उनके करियर का टर्निंग पॉइंट हो सकता है।”
  • सोशल मीडिया पर फैंस का कहना:
    “ये टीज़र chills देता है। अगला ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ बन सकता है।”

‘मालिक’ सिर्फ एक क्राइम थ्रिलर नहीं, यह एक किरदार के नायक से खलनायक और फिर नायक बनने की दास्तान है। टीज़र से साफ है कि यह फिल्म राजकुमार राव के करियर की सबसे प्रयोगात्मक और बहुआयामी फिल्म हो सकती है।

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