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Germany ने सीरिया में दूतावास फिर से खोला, इस्लामी नेताओं के साथ सतर्क संवाद

जर्मनी ने सीरिया में अपना दूतावास फिर से खोलकर दमिश्क के साथ राजनयिक संबंधों को नई दिशा दी है। यह कदम सीरिया के गहरे संकट और पुनर्निर्माण की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने दमिश्क में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं करीब 10 सप्ताह में दूसरी बार सीरिया आई हूं, क्योंकि यह देश और इसका भविष्य खतरे में है। हम भविष्यवाणी नहीं कर सकते कि आने वाले महीनों या हफ्तों में क्या होगा।”

सीरिया का संकट और जर्मनी की भूमिका

सीरिया में बशर अल-असद के पतन के बाद देश को गहरी मानवीय और सुरक्षा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जर्मनी ने सीरिया के पुनर्निर्माण में मदद करने की पहल की है, खासकर ऊर्जा अवसंरचना और बिजली संयंत्रों के आधुनिकीकरण के माध्यम से। बारबॉक ने बताया कि सीरिया में आवश्यक वस्तुओं की कमी है और जर्मनी इसे दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है।

शरणार्थियों की वापसी और अल्पसंख्यक अधिकार

पिछले एक दशक में जर्मनी ने लगभग 1 मिलियन सीरियाई शरणार्थियों को शरण दी है। अब जर्मनी सीरियाई लोगों की स्वैच्छिक वापसी को सुविधाजनक बनाने के लिए अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करेगा। साथ ही, जर्मनी ने सीरिया के नए नेतृत्व से अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करने का आग्रह किया है।

सुरक्षा चिंताएं और दूतावास की भूमिका

दूतावास के पास एक छोटी राजनीतिक टीम है, जो स्थानीय स्तर पर स्थिति के अनुरूप अपनी उपस्थिति का विस्तार करेगी। हालांकि, सुरक्षा चिंताओं और सीमित स्थान के कारण, वीजा और वाणिज्य दूतावास संबंधी मामलों को पड़ोसी लेबनान से ही संभाला जाएगा।

सीरिया में नया नेतृत्व और हालिया हिंसा

सीरिया के नए वास्तविक नेता अहमद अल-शरा से बारबॉक ने इस साल की शुरुआत में मुलाकात की थी। अल-शरा के नेतृत्व वाले इस्लामी विद्रोहियों ने 13 साल से अधिक समय तक चले गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति असद को सत्ता से बेदखल कर दिया था। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में असद के वफादारों और नए शासकों के बीच हुई झड़पों में 1,000 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश नागरिक थे।

जर्मनी की सतर्क रणनीति

जर्मनी ने सीरिया के साथ सतर्क जुड़ाव की रणनीति अपनाई है। यह कदम न केवल सीरिया के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए है, बल्कि क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए भी है। जर्मनी का यह प्रयास सीरिया के भविष्य को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को भी दर्शाता है।

जर्मनी का सीरिया में दूतावास फिर से खोलना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल राजनयिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि सीरिया के पुनर्निर्माण और शांति प्रक्रिया में भी योगदान देगा। इस कदम से सीरिया के लोगों को नई उम्मीद मिल सकती है, लेकिन सुरक्षा और राजनीतिक चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं।

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