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हवा में संकटग्रस्त विमान को भारतीय वायुसेना ने बचाया

हवा में संकटग्रस्त विमान को भारतीय वायुसेना ने बचाया

पाकिस्तान से इनकार, भारतीय वायुसेना बनी संकट में सहारा

21 मई की शाम एक सामान्य सी लगने वाली इंडिगो की घरेलू उड़ान अचानक एक राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती में बदल गई। दिल्ली से श्रीनगर जा रही फ्लाइट 6E-2142 को बीच रास्ते में मौसम ने इस कदर जकड़ लिया कि हवा में संकटग्रस्त विमान बन गया। पायलटों ने जब आपातकालीन वैकल्पिक मार्ग के लिए पाकिस्तान के लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया, तो उन्हें निराशा हाथ लगी।

मुख्य बिंदु:

  • मौसम विभाग ने पहले से कुछ चेतावनियां जारी की थीं, लेकिन टर्ब्युलेंस की तीव्रता अप्रत्याशित थी।
  • ओलावृष्टि और 120 नॉट की तेज हवाओं के कारण विमान में तेज झटके महसूस किए गए।
  • एयरक्राफ्ट के नोज़ को नुकसान पहुंचा, जिससे सामने लगे रेडोम सिस्टम में खराबी आ गई।
  • पायलटों ने अपने कौशल और संयम का परिचय देते हुए ATC से सहायता मांगी।

NOTAM बना पाकिस्तान के इनकार का आधार

पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से इनकार का कारण बना उनके नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिस टू एयरमेन (NOTAM)

यह NOTAM A0220/25 के तहत भारतीय पंजीकरण वाले सभी नागरिक और सैन्य विमानों को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति नहीं थी। यह प्रतिबंध 23 मई रात तक लागू था और भारत की सभी प्रमुख एयरलाइनों को इसकी सूचना पहले से थी।

इससे जुड़ी जानकारी:

  • यह NOTAM फरवरी 2024 से समय-समय पर रिन्यू होता रहा है, खासकर पुलवामा और बालाकोट जैसी घटनाओं के बाद।
  • पाकिस्तान की नीति भारत के साथ सीमित हवाई समन्वय रखने की रही है, खासकर कश्मीर क्षेत्र में।
  • विशेषज्ञ मानते हैं कि मानवीय संकट में भी ऐसा इनकार अंतरराष्ट्रीय विमानन नियमों के खिलाफ है।

भारतीय वायुसेना की सूझबूझ और तत्परता

हवा में संकटग्रस्त विमान की स्थिति को समझते हुए भारतीय वायुसेना ने तुरंत कमान संभाली। उत्तरी वायु कमान के एयर ट्रैफिक मॉनिटरिंग यूनिट ने संकट की स्थिति को प्राथमिकता दी।

वायुसेना ने क्या किया?

  • ग्राउंड रडार और फ्लाइट ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए विमान की स्थिति को लाइव ट्रैक किया गया।
  • पायलटों को वेक्टर निर्देश, ग्राउंडस्पीड, अल्टीट्यूड एडजस्टमेंट आदि तकनीकी डाटा लगातार भेजा गया।
  • श्रीनगर के मौसम की स्थिति लगातार अपडेट की जाती रही ताकि अंतिम लैंडिंग सुरक्षित हो सके।
  • श्रीनगर रनवे पर भी अलर्ट घोषित किया गया, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड पहले से तैयार रहे।

शाम 6:30 बजे जब विमान श्रीनगर में सुरक्षित उतरा, तब सभी 220 यात्री राहत की सांस ले पाए। यह वायुसेना की तत्परता और तकनीकी क्षमता का सजीव उदाहरण था।

सभी यात्री सुरक्षित, विमान को नुकसान

यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई, लेकिन विमान को काफी क्षति पहुंची।

  • विमान के आगे के हिस्से को गंभीर नुकसान हुआ, जिससे वह “एयरक्राफ्ट ऑन ग्राउंड” घोषित किया गया।
  • सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
  • विमान की मरम्मत शुरू की गई है और उड़ान सेवाएं अस्थायी रूप से रुकीं।

तृणमूल के सांसद भी सवार, बढ़ी संवेदनशीलता

इस हवा में संकटग्रस्त विमान में केवल आम नागरिक ही नहीं थे, बल्कि तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेता भी सवार थे। इसमें राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, नदीमुल हक, ममता ठाकुर और वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष भी थे।

डेरेक ओ’ब्रायन ने श्रीनगर पहुंचने के बाद ट्वीट कर कहा:

“यह केवल उड़ान नहीं थी, यह वायुसेना के साहस और समर्पण की गाथा थी। भारतीय वायुसेना को सलाम।”

इन नेताओं की उपस्थिति ने इस घटना को राष्ट्रीय मीडिया में और अधिक गंभीर बना दिया।

विमान की तकनीकी स्थिति और सुधार

  • इंडिगो की तकनीकी रिपोर्ट के अनुसार एयरबस A320 का रेडोम हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है।
  • उड़ान को “एयरक्राफ्ट ऑन ग्राउंड” घोषित किया गया है, जिसका मतलब है कि यह तत्काल उड़ान के लायक नहीं है।
  • DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
  • इंडिगो ने यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों से गंतव्य तक पहुंचाया।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं : सुरक्षा और कूटनीति पर बहस

घटना के तुरंत बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल शुरू हो गई। कांग्रेस, भाजपा और रक्षा विशेषज्ञों ने इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं।

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा :

“जब हवा में संकटग्रस्त विमान को मानवीय आधार पर भी मदद नहीं मिली, तो क्या हम पाक से किसी कूटनीतिक उम्मीद रखें?”

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा :

“भारतीय वायुसेना ने फिर साबित किया कि जब बात नागरिकों की सुरक्षा की हो, तो वह सबसे आगे होती है।”

रक्षा विश्लेषक ले. जनरल डी.एस. हूडा (सेनि) ने एक न्यूज़ चैनल को बताया :

“यह घटना केवल वायुसेना की तत्परता नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के अमानवीय रवैये की पोल भी खोलती है।”

वायुसेना की भूमिका ने फिर साबित की उम्मीद

हवा में संकटग्रस्त विमान के मामले में भारतीय वायुसेना ने जो तत्परता, कौशल और मानवता दिखाई, वह देशवासियों को गौरव की अनुभूति कराती है।

  • वायुसेना का यह अभियान युद्ध नहीं, शांति का था।
  • पाकिस्तान के इनकार ने एक बार फिर उसके रवैये को उजागर किया।
  • भारत की सुरक्षा एजेंसियों का आपसी समन्वय संकट में भी नागरिकों के जीवन की रक्षा करने में सक्षम है।
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