Loading Now

IAF जेट नुकसान: ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा अधिकारी के खुलासे से बढ़ा विवाद

IAF जेट नुकसान

पाकिस्तान में हुए हमलों के दौरान प्रतिबंधित लक्ष्यीकरण के कारण भारतीय वायुसेना (IAF) को हुए IAF जेट नुकसान पर एक भारतीय रक्षा अधिकारी के दावे से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इंडोनेशिया में तैनात वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने यह सनसनीखेज बयान दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमले सीमित कर दिए थे, जिससे शुरुआती झटके लगे।

  • कैप्टन कुमार ने 10 जून को एक सेमिनार में यह टिप्पणी की थी।
  • उन्होंने स्वीकार किया कि हमने कुछ विमान खो दिए, लेकिन यह राजनीतिक प्रतिबंधों के कारण हुआ।
  • सेमिनार में दिखाई गई स्लाइड्स में तीन राफेल, एक Su-30MKI और एक MiG-29 के नुकसान का भी संकेत था।

कैप्टन कुमार, जो अभी इंडोनेशिया में भारत के रक्षा प्रतिनिधि हैं, उनके बयान से विवाद खड़ा हो गया है।उनका यह बयान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान के पहले के बयानों के अनुरूप है, जिन्होंने ऑपरेशन के शुरुआती चरणों में हुई बाधाओं को स्वीकार किया था।

मुख्य बिंदु :

  1. राजनीतिक प्रतिबंधों के कारण भारतीय वायुसेना को ऑपरेशन की शुरुआत में भारी नुकसान हुआ।
  2. कैप्टन शिव कुमार ने इंडोनेशिया से बयान देकर IAF नुकसान की पुष्टि की।
  3. तीन राफेल, एक Su-30MKI और एक MiG-29 जेट नुकसान की बात सामने आई।
  4. सीडीएस जनरल चौहान ने शुरुआती रणनीतिक भूलों को स्वीकार करते हुए बदलाव की पुष्टि की।
  5. सरकार ने कहा बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया, स्पष्टीकरण जारी किया।
  6. कांग्रेस ने सरकार पर सुरक्षा से समझौता और जानकारी छिपाने का गंभीर आरोप लगाया।
  7. Rules of Engagement के कारण IAF हमले सीमित रहे, जिससे जेट नुकसान की आशंका बढ़ी।

बदली रणनीति और सैन्य पुष्टि

कैप्टन कुमार ने बताया कि शुरुआती नुकसान के बाद भारतीय रणनीति में बदलाव आया। हमने सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करना शुरू किया, और दुश्मन की हवाई सुरक्षा को दबाने में सफलता मिली। 10 मई को ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग करके सभी हमले आसानी से हो पाए, जो हमारी बदली हुई रणनीति का परिणाम था।

  • सीडीएस चौहान ने भी 7 मई को शुरुआती नुकसान की पुष्टि की थी।
  • उन्होंने जोर दिया था कि संख्या से ज्यादा, नुकसान के कारणों को समझना महत्वपूर्ण है।
  • पाकिस्तान ने छह भारतीय विमान गिराने का दावा किया था, जिसे जनरल चौहान ने “बिल्कुल गलत” बताया था।

जनरल चौहान ने सिंगापुर में ब्लूमबर्ग टीवी से बात करते हुए यह भी कहा था कि भारत ने अपनी सामरिक गलतियों को तुरंत सुधार लिया। इसके बाद अगले दिनों में पाकिस्तान के अंदर तक हमला करने के लिए और हमले किए गए, जिससे हमारी क्षमता का प्रदर्शन हुआ।

सरकार का स्पष्टीकरण और कांग्रेस का पलटवार

कैप्टन कुमार की टिप्पणियों के सामने आने के बाद, जकार्ता में भारतीय दूतावास ने तुरंत स्पष्टीकरण जारी किया। दूतावास ने कहा कि उनकी टिप्पणियों को “संदर्भ से बाहर उद्धृत” किया गया है, और मीडिया रिपोर्टें प्रस्तुति के इरादे को गलत तरीके से पेश करती हैं। दूतावास ने स्पष्ट किया कि प्रस्तुति का उद्देश्य भारतीय सेना पर नागरिक नियंत्रण को उजागर करना था।

  • ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य “आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना” था।
  • यह “एक नपी-तुली, गैर-बढ़ोतरी प्रतिक्रिया” थी।
  • दूतावास ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान पर भी निशाना साधा, नागरिक नियंत्रण पर जोर दिया।

वहीं, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर IAF जेट नुकसान पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है, और इसी कारण संसद के विशेष सत्र की उनकी मांग को खारिज किया गया है।

विपक्ष के आरोप

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कैप्टन शिव कुमार का यह खुलासा मोदी सरकार पर सीधा आरोप है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि डीजी एयर ऑप्स एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने 6/7 मई को हवाई युद्ध में हुए नुकसान का अप्रत्यक्ष संदर्भ दिया था। खेड़ा ने कहा, “हम एक युद्ध की स्थिति में हैं और नुकसान युद्ध का एक हिस्सा है।” विपक्ष लगातार इस मामले पर सरकार से स्पष्टता की मांग कर रहा है, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है। यह घटनाक्रम सरकार और विपक्ष के बीच एक नए टकराव का कारण बन रहा है।

  • यह बयान मोदी सरकार पर सीधा हमला माना जा रहा है।
  • कांग्रेस ने सरकार पर जानकारी छिपाने का आरोप लगाया है।
  • यह पहले भी सैन्य अधिकारियों द्वारा दिए गए बयानों से जोड़ा जा रहा है।

पारदर्शिता की मांग

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है। उन्होंने सवाल किया कि संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जा रहा है। उन्होंने पहले सीडीएस के सिंगापुर में और अब इंडोनेशिया से वरिष्ठ अधिकारी के खुलासे पर सवाल उठाए। कांग्रेस का कहना है कि IAF जेट नुकसान की सच्चाई देश को बताई जानी चाहिए। वे इस पर कोई पर्दा डालने का आरोप सरकार पर लगा रहे हैं, जिससे जनता में अविश्वास बढ़ रहा है।

  • कांग्रेस पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर दे रही है।
  • वे चाहते हैं कि सरकार IAF जेट नुकसान की पूरी सच्चाई देश को बताए।
  • संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग लगातार उठाई जा रही है।

सैन्य प्रतिबंध और जोखिम प्रबंधन

सैन्य अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 7 मई के शुरुआती हमलों के दौरान, भारतीय वायुसेना को पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों या वायु रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाने से रोका गया था। इसे कार्यवाही के नियम (Rules of Engagement) कहते हैं।

कार्यवाही के नियम (Rules of Engagement) :

कार्यवाही के नियम वे स्थापित दिशा-निर्देश होते हैं जो सैन्य बलों को संघर्ष की स्थिति में बल के उपयोग के लिए निर्धारित करते हैं। ये नियम परिभाषित करते हैं कि सैनिक कब, कहाँ, कैसे और किसके खिलाफ बल प्रयोग कर सकते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य सैन्य अभियानों को नियंत्रित करना और अनावश्यक वृद्धि को रोकना होता है। ये दिशा-निर्देश युद्ध की स्थितियों में सैनिकों के लिए एक स्पष्ट ढाँचा प्रदान करते हैं। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है जब परमाणु शक्तियों के बीच तनाव की स्थिति हो।

  • ये नियम सेना को कानूनी और राजनीतिक सीमाओं के भीतर काम करने में मदद करते हैं।
  • इनका उपयोग संघर्षों के दौरान सैनिकों के व्यवहार को विनियमित करने के लिए किया जाता है।
  • कार्यवाही के नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि सैन्य कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों और राष्ट्रीय नीतियों के अनुरूप हो।

सैन्य प्रतिबंध और IAF को नुकसान

सैन्य अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 7 मई के शुरुआती हमलों के दौरान, भारतीय वायुसेना को पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों या वायु रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाने से रोका गया था। इन बाधाओं का उद्देश्य वृद्धि को रोकना था, विशेषकर परमाणु द्वंद्व में। इन निर्देशों का उद्देश्य भारतीय वायुसेना के हमलों को केवल गैर-सैन्य आतंकवाद से जुड़े स्थलों तक सीमित करके एक राजनीतिक संकेत भेजना था।

  • इससे भारतीय जेट विमान कमजोर हो गए थे।
  • उनके हाथ बंधे हुए थे और उन्हें शत्रुतापूर्ण हवाई क्षेत्र के करीब उड़ान भरनी पड़ी।
  • पाकिस्तान की प्रतिक्रिया निर्णायक और अवसरवादी थी, जैसा कि सूत्रों ने पुष्टि की है।

IAF जेट नुकसान का मामला अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है, और देश इस पर अधिक स्पष्टता की उम्मीद कर रहा है। यह स्थिति भारतीय सैन्य रणनीति के सामने आने वाली जटिल चुनौतियों को दर्शाती है।

Spread the love

Post Comment

You May Have Missed