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जम्मू-कश्मीर में पर्यटन दुबारा शुरू पहलगाम हमले के बाद फिर से खुले द्वार

जम्मू-कश्मीर में पर्यटन

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ा था। 22 अप्रैल को हुए इस दुर्भाग्यपूर्ण हमले के बाद, घाटी में 87 में से 48 पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। यह घटना न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका थी, बल्कि इसने पूरे देश में चिंता का माहौल पैदा कर दिया था। हालांकि, अब एक अच्छी खबर सामने आई है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घोषणा की है कि सुरक्षा समीक्षा के बाद, चरणबद्ध तरीके से पर्यटन स्थलों के पार्क फिर से खोले जा रहे हैं, जो जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को फिर से बढ़ावा देंगे।

  • उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा कारणों से 22 अप्रैल के हमले के बाद कुछ स्थानों को बंद किया गया था।
  • कश्मीर और जम्मू के संभागीय आयुक्तों और आईजीपी ने हर जिले से रिपोर्ट ली है।

यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों द्वारा हर जिले से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

मुख्य बिंदु :

  1. पहलगाम आतंकी हमले के बाद 87 में से 48 पर्यटन स्थल अस्थायी रूप से बंद किए गए।
  2. हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें अधिकतर पर्यटक शामिल थे।
  3. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरक्षा समीक्षा के बाद चरणबद्ध तरीके से स्थल खोलने की घोषणा की।
  4. पहले चरण में पहलगाम, वेरीनाग, कोकरनाग, अचबल सहित आठ स्थल पर्यटकों के लिए खोल दिए गए।
  5. जम्मू क्षेत्र के कठुआ, रियासी, डोडा और उधमपुर के भी आठ स्थल फिर से खुले।
  6. सरकार पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  7. सुरक्षित पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

पहले चरण में खुलेंगे ये प्रमुख पर्यटन स्थल

पहले चरण में, कई प्रमुख पर्यटन स्थलों को आगंतुकों के लिए खोला जा रहा है। इसमें अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध स्थल शामिल हैं। पहलगाम के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बेताब घाटी और पहलगाम बाजार के पास के पार्क भी अब खुले हैं। इसके अलावा, वेरीनाग, कोकरनाग और अचबल उद्यान भी पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। यह कदम जम्मू-कश्मीर में पर्यटन के लिए एक नई उम्मीद जगाता है।

  • श्रीनगर में बादामवारी पार्क को भी पहले चरण में खोला जाएगा।
  • निगीन के पास डक पार्क और हजरतबल के पास तकदीर पार्क भी शामिल हैं।

इन आठ स्थानों को फिर से खोला जा रहा है और पर्यटक अब इनका दौरा कर सकते हैं।

जम्मू क्षेत्र में भी खुले आठ स्थल

केवल कश्मीर घाटी ही नहीं, जम्मू क्षेत्र में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आठ स्थलों को फिर से खोला जा रहा है। कठुआ में सरथल और धागर जैसे खूबसूरत स्थान अब पर्यटकों के लिए उपलब्ध हैं। रियासी जिले में, देवीपिंडी, सियाद बाबा और सुला पार्क भी फिर से खोल दिए गए हैं। डोडा में गुलदांडा और जय घाटी, और उधमपुर में पंचेरी भी इस चरण में शामिल हैं। यह पहल दिखाती है कि सरकार पूरे जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहले कहा था कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर आने वाले पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। उनका जोर इस बात पर था कि घाटी में आने वाले पर्यटकों को वापस आने की इच्छा होनी चाहिए, जो अब इस पहल से संभव होता दिख रहा है।

  • अगले चरण में कुछ अन्य स्थलों को भी फिर से खोला जाएगा।
  • यह एक चरणबद्ध प्रक्रिया है जो सुरक्षा मानकों का ध्यान रखती है।

सुरक्षित पर्यटन और भविष्य की उम्मीदें

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पत्रकारों को बताया कि यह केवल शुरुआत है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में आठ स्थानों को फिर से खोला जा रहा है और अगले चरण में कुछ अन्य स्थलों को भी फिर से खोला जाएगा। यह कदम जम्मू-कश्मीर में पर्यटन के लिए एक सुरक्षित और आमंत्रित वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि पर्यटक सुरक्षित महसूस करें और घाटी की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकें। इस पहल से स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। जम्मू-कश्मीर में पर्यटन का पुनरुत्थान न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली का भी प्रतीक है। पर्यटकों के विश्वास को फिर से जीतना और उन्हें एक यादगार और सुरक्षित अनुभव प्रदान करना ही इस पहल का मुख्य उद्देश्य है।

  • यह निर्णय स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
  • पर्यटकों की संख्या में वृद्धि से क्षेत्रीय विकास होगा।
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