जासूसी के आरोप में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

जासूसी आरोप में यूट्यूबर की गिरफ्तारी से सनसनी
हरियाणा के हिसार में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
- वह एक ट्रैवल ब्लॉगर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर है।
- उस पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3 और 5 तथा IPC की धारा 152 के तहत मामला दर्ज है।
- गिरफ्तारी हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से हुई थी।
आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों का शिकंजा
यूट्यूबर पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3 और 5 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 152 के तहत केस दर्ज किया गया है। ये धाराएँ देश की सुरक्षा से संबंधित मामलों में इस्तेमाल होती हैं और भारी सज़ा का प्रावधान रखती हैं।
- धारा 3 के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति भारत की रक्षा या संप्रभुता से जुड़ी जानकारी विदेशी एजेंसी को सौंपता है, तो उसे आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
- धारा 5 में “गोपनीय जानकारी” को लेकर किसी भी प्रकार की ट्रांसमिशन को गंभीर अपराध माना गया है।
- आईपीसी की धारा 152 के तहत सरकारी सेवकों को उनके कर्तव्य निभाने से रोकने या बाधा डालने पर दंड का प्रावधान है।
इन धाराओं का उपयोग आमतौर पर उन मामलों में किया जाता है, जहाँ राष्ट्रीय सुरक्षा या सामरिक गोपनीयता खतरे में हो। इससे यह साफ़ संकेत मिलता है कि यूट्यूबर के खिलाफ़ मामला केवल डिजिटल उल्लंघन का नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा से सीधे जुड़ा है।
12 टेराबाइट डेटा से मिले ‘निंदनीय सबूत’
पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि ज्योति मल्होत्रा के तीन मोबाइल से 12TB डेटा मिला है।
- तीनों मोबाइल फोन से मिले डेटा को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था।
- रिपोर्ट में चार पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से सीधे संपर्क की पुष्टि हुई है।
- पुलिस को शक है कि इस डेटा में संवेदनशील जानकारियाँ शामिल हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “हमने लैपटॉप की रिपोर्ट का इंतज़ार जारी रखा है, लेकिन मोबाइल डेटा से काफी कुछ सामने आया है।”
वीजा के बहाने पाक एजेंट से संपर्क
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी की जड़ें पाकिस्तान उच्चायोग की एक मुलाकात से जुड़ी हैं।
- वह पाकिस्तान यात्रा के लिए वीजा मांगने गई थी।
- इस दौरान वह पाक अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ ‘दानिश’ से मिली।
- दानिश वही अधिकारी है जिसे भारत ने अवांछित घोषित कर दिया था।
सूत्रों के अनुसार, उसी समय से वह पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में थी और कई बार पड़ोसी देश की यात्रा कर चुकी है।
राष्ट्रीय एजेंसियों की पूछताछ जारी
गिरफ्तारी के बाद मामले में कई राष्ट्रीय एजेंसियाँ सक्रिय हो गई हैं।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), खुफिया ब्यूरो (IB) और सैन्य खुफिया विभाग ने उससे पूछताछ की है।
- यूट्यूबर के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है, जिनकी संख्या चार बताई जा रही है।
- अधिकारियों ने बताया कि अभी तक उसे किसी रक्षा या सैन्य सूचना तक सीधी पहुंच नहीं मिली थी।
फिर भी, जिस तरह से वह संदिग्ध पाक एजेंटों से संपर्क में रही है, मामला बेहद गंभीर माना जा रहा है।
यूट्यूबर के विदेशी दौरे भी संदेह के घेरे में
ज्योति मल्होत्रा के अन्य देशों में दौरे भी जांच के दायरे में हैं।
- वह पाकिस्तान के अलावा चीन, दुबई और कुछ अन्य देशों का भी दौरा कर चुकी है।
- इन यात्राओं के पीछे की मंशा और फंडिंग स्रोतों की भी पड़ताल हो रही है।
एक अधिकारी ने कहा, “बरामद डिजिटल सबूत बताते हैं कि पाकिस्तान में उसे विशेष सुविधा दी गई थी।”
अब तक 12 गिरफ्तारियां, मामला गंभीर
ज्योति मल्होत्रा देशद्रोह के आरोप में अब तक गिरफ्तार किए गए 12 लोगों में से एक है।
- अदालत ने पहले उसकी पांच दिन की रिमांड दी थी, जिसे चार दिन और बढ़ाया गया।
- अब पुलिस ने आगे की रिमांड नहीं मांगी, इसलिए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
यह मामला भारत की डिजिटल सुरक्षा और सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहे जासूसी नेटवर्क की पोल खोलता है।
जासूसी का डिजिटल चेहरा
जासूसी आरोप में यूट्यूबर के खिलाफ जांच कई गंभीर खुलासे कर रही है।
- सोशल मीडिया का उपयोग कर खुफिया एजेंटों से जुड़ाव
- भारी मात्रा में डिजिटल डेटा का हस्तांतरण
- सरकारी सिस्टम की निगरानी से जुड़े सवाल
यह मामला भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती पेश करता है। साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग की ओर ध्यान आकर्षित करता है।
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