कर्नाटक भगदड़ कांड दोष किसका? सिद्धारमैया और RCB आमने-सामने

4 जून को हुई कर्नाटक भगदड़ के बाद से ही राज्य में राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर हलचल मची हुई है। बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के सम्मान समारोह के दौरान हुई इस दुखद घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और RCB दोनों ही एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश में लगे हैं, जिससे सच्चाई का पता लगाना और भी जटिल हो गया है।
- इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 56 लोग घायल हुए।
- यह सम्मान समारोह विधान सौध की भव्य सीढ़ियों पर आयोजित किया गया था।
मुख्य बिंदु :
- RCB सम्मान समारोह में अचानक भगदड़, 11 की मौत और 56 गंभीर रूप से घायल।
- सिद्धारमैया बोले- सरकार ने आयोजन नहीं किया, जिम्मेदारी आरसीबी-केएससीए की है।
- हाईकोर्ट में सरकार का खुलासा- कार्यक्रम के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई।
- राज्यपाल की मौजूदगी पर विवाद, मुख्यमंत्री ने निजी रूप से आमंत्रण देने की पुष्टि की।
- भाजपा ने इस्तीफे की मांग तेज की, सिद्धारमैया ने विपक्ष पर राजनीति का आरोप लगाया।
- पीड़ित परिवारों को 25 लाख मुआवजा, कैबिनेट में मुआवजे की समीक्षा का भरोसा।
- घटना की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में आयोग बना।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का स्पष्टीकरण
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को स्पष्ट किया कि विधान सौध में RCB सम्मान समारोह सरकार द्वारा आयोजित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और RCB द्वारा आयोजित किया गया था। सिद्धारमैया ने यह भी बताया कि उन्होंने स्वयं राज्यपाल थावरचंद गहलोत को कार्यक्रम में आमंत्रित किया था।
- सीएम ने कहा, “मुझे 4 जून को सुबह 11.29 बजे आमंत्रित किया गया था।”
- उन्होंने आगे कहा कि मुख्य सचिव ने भी उन्हें बुलाया था।
राज्यपाल की उपस्थिति पर विवाद
मीडिया में खबरें थीं कि राज्यपाल खुद इस कार्यक्रम में आए थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे गलत बताया। सिद्धारमैया ने कहा कि उनके राजनीतिक सचिव के. गोविंदराज ने राजभवन को फोन किया था। इसके बाद उन्होंने खुद राज्यपाल से बात की और उन्हें अभिनंदन समारोह में आने का निमंत्रण दिया। राज्यपाल भी कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
- सीएम ने कहा, “यह सही नहीं है कि राज्यपाल खुद आए थे।”
- मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव के. गोविंदराज को अब पद से हटा दिया गया है।
आयोजन की अनुमति और प्रोटोकॉल उल्लंघन
कर्नाटक सरकार ने उच्च न्यायालय में कहा कि RCB ने 4 जून की विजय परेड के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली थी। महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने अदालत को बताया कि RCB ने “पूरी दुनिया को आमंत्रित किया” था। उन्होंने बताया कि KSCA के माध्यम से केवल 3 जून को शाम 6:30 बजे एक सूचना पत्र भेजा गया था। RCB ने 3 जून को रात 11:30 बजे सार्वजनिक घोषणा की थी।
- सरकार ने कहा कि कोई आधिकारिक अनुमति नहीं दी गई थी।
- RCB पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया।
RCB का बचाव और कोर्ट की कार्रवाई
RCB ने अदालत में एक त्रिपक्षीय समझौते का भी हवाला दिया। इस समझौते में RCB/BCCI और KSCA शामिल थे, जिससे उनकी जिम्मेदारी कम करने की कोशिश की गई। हालांकि, उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि प्रतिवादी ऐसे समझौते के अस्तित्व से इनकार नहीं कर सकते। चिन्नास्वामी स्टेडियम में भी जश्न मनाया गया था।
- RCB के मार्केटिंग प्रमुख निखिल सोसले की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा गया है।
- यह आदेश 12 जून को दोपहर 2:30 बजे तक सुरक्षित रखा गया है।
भगदड़ और मुआवजे पर राजनीति
कर्नाटक भगदड़ के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। इस पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि विपक्षी पार्टी राजनीति कर रही है। उन्होंने भाजपा पर “झूठ बोलने और लोगों को गुमराह करने” का आरोप लगाया। उन्होंने अतीत की घटनाओं का भी हवाला दिया।
- सीएम ने कहा, “कुंभ मेले में भगदड़ से लोग मरे थे।”
- उन्होंने कोविड के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का भी जिक्र किया।
भगदड़ पीड़ितों के लिए मुआवजा
भगदड़ पीड़ितों के लिए मुआवजे में वृद्धि की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपये दिए गए हैं। उन्होंने इस मामले पर कैबिनेट में चर्चा करने का भी आश्वासन दिया है। सरकार ने 5 जून को कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।
- एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में आयोग का गठन किया गया है।
- यह आयोग घटना की जांच करेगा।
कर्नाटक भगदड़ की जिम्मेदारी कौन लेगा?
जैसे-जैसे कर्नाटक भगदड़ से जुड़े तथ्य सामने आ रहे हैं, वैसे-वैसे जिम्मेदारी तय करना और भी मुश्किल होता जा रहा है। सरकार और RCB दोनों ही अपनी-अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं। इस बीच, पीड़ित परिवारों को न्याय और पर्याप्त मुआवजे का इंतजार है। घटना की विस्तृत जांच ही इस पूरे मामले की परतें खोल पाएगी।
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