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कर्नाटक कांग्रेस में कलह: सिद्धारमैया सरकार पर विजयेंद्र के गंभीर आरोप

कर्नाटक कांग्रेस में कलह

कर्नाटक कांग्रेस में कलह अब सतह पर आ गई है। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने बुधवार को बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला राज्य में मौजूद हैं। उनका मकसद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे के लिए माहौल बनाना है। विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि राज्य की प्रशासनिक मशीनरी ध्वस्त हो गई है। शासन व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्थित है। कांग्रेस विधायकों के बीच अंदरूनी कलह बढ़ती जा रही है। इसका सीधा असर विकास कार्यों पर दिख रहा है। सभी विकास कार्य ठप पड़े हैं।

मुख्य बिंदु :

  1. रणदीप सुरजेवाला की बेंगलुरु मौजूदगी ने कांग्रेस में अंदरूनी कलह की अटकलें तेज़ कीं।
  2. विजयेंद्र ने सिद्धारमैया सरकार पर प्रशासनिक विफलता और विकास कार्य ठप होने के आरोप लगाए।
  3. कई कांग्रेस विधायक अब डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की खुलकर वकालत कर रहे हैं।
  4. सिद्धारमैया ने पांच साल तक पद पर बने रहने की प्रतिबद्धता दोहराई, विपक्ष को ललकारा।
  5. वाल्मीकि निगम घोटाले में सीबीआई जांच की मंजूरी को भाजपा ने बड़ी जीत बताया।
  6. 187 करोड़ रुपये के गबन, आभूषण और संपत्ति खरीद में कथित दुरुपयोग के आरोप लगे।
  7. मुख्यमंत्री पर वित्त विभाग के जरिए अवैध लेनदेन की अनुमति देने का गंभीर आरोप लगा।

सुरजेवाला की बेंगलुरु मौजूदगी पर सवाल

विजयेंद्र ने संवाददाताओं से बात की। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पिछले कुछ दिनों से बेंगलुरु में हैं। वह यहां क्यों हैं?’ उन्होंने सवाल उठाया कि सुरजेवाला को ‘भ्रष्ट कांग्रेस सरकार के पतन’ की कोई चिंता नहीं है। भाजपा अध्यक्ष के अनुसार, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का नेतृत्व विधायकों की राय ले रहा है। वे सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद से हटाने की तैयारी कर रहे हैं। विजयेंद्र ने दावा किया कि शीर्ष पद के लिए यह लड़ाई तेज हो गई है। इससे राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का खतरा बढ़ गया है।

मुख्यमंत्री पर अपने ही विधायकों का भरोसा खत्म?

रामनगर के विधायक इकबाल अंसारी के बयान का जिक्र हुआ। अंसारी ने कहा था कि उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को 100 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।

  • बी आर पाटिल ने भी सिद्धारमैया के खिलाफ बात की थी।
  • राजू कागे जैसे नेताओं ने भी मुख्यमंत्री की आलोचना की।
  • इससे पता चलता है कि सीएम ने अपने विधायकों का विश्वास खोया।

विजयेंद्र ने राज्यपाल से इस गंभीर स्थिति पर तुरंत ध्यान देने का आग्रह किया।

सिद्धारमैया और शिवकुमार की प्रतिक्रिया

इन आरोपों पर सिद्धारमैया ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भाजपा नेताओं के दावे पर कहा, ‘भाजपा कुछ भी दावा करेगी। क्या वे हमारे हाईकमान हैं?’ सिद्धारमैया ने दृढ़ता से कहा कि वे पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए पद पर बने रहेंगे। उन्होंने पत्रकारों से पूछा, ‘हां, मैं पांच साल तक मुख्यमंत्री रहूंगा। क्या आपको कोई संदेह है?’ उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, ‘मेरे पास क्या विकल्प है, मुझे उनके साथ खड़ा होना है। मुझे उनका समर्थन करना है। हाईकमान जो भी कहेगा, मुझे वही करना होगा।’ इससे स्पष्ट होता है कि कर्नाटक कांग्रेस में कलह के बावजूद, शीर्ष नेतृत्व एकजुटता दिखाने का प्रयास कर रहा है।

प्रशासनिक विफलता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

विजयेंद्र ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सरकार पर ‘बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता’ का आरोप लगाया। भाजपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि सरकार की विफलता के कारण किसानों, अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच आत्महत्याओं की बाढ़ आ गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के विधायक भी निजी तौर पर इस शिथिलता को स्वीकार करते हैं।

वाल्मीकि विकास निगम घोटाला: CBI जांच की मांग

वाल्मीकि विकास निगम घोटाले को CBI को सौंपने का कर्नाटक उच्च न्यायालय का फैसला आया। विजयेंद्र ने इसे भाजपा की महत्वपूर्ण जीत बताया है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाए कि अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए 187 करोड़ रुपये तेलंगाना भेजे गए।

  • संपत्ति खरीदने के लिए पैसों का दुरुपयोग हुआ।
  • आभूषण खरीदने में भी यह पैसा इस्तेमाल किया गया।
  • चुनाव खर्च के लिए भी इस धन का प्रयोग हुआ।

हजारों फर्जी बैंक खाते इस उद्देश्य के लिए बने थे। विजयेंद्र ने अधिकारी चंद्रशेखर की आत्महत्या का भी जिक्र किया।

घोटाले में मुख्यमंत्री की कथित संलिप्तता

चंद्रशेखर ने कथित तौर पर अपने मृत्यु नोट में इस घोटाले का विवरण दिया था। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के दबाव में ही सिद्धारमैया को मंत्री बी नागेंद्र को हटाना पड़ा। हालांकि, उन्हें फिर से बहाल करने के प्रयास अभी भी जारी हैं।

  • नागेंद्र पर अवैध धन हस्तांतरण मामले के आरोप थे।
  • उन्होंने पिछले जून में मंत्रालय से इस्तीफा दिया था।
  • मुख्यमंत्री खुद इस घोटाले में शामिल हैं, विजयेंद्र ने आरोप लगाया।

विजयेंद्र ने कहा कि वित्त विभाग की मंजूरी के बिना राज्य से कोई भी पैसा बाहर नहीं जा सकता। यह वित्त विभाग खुद मुख्यमंत्री के पास है। कर्नाटक कांग्रेस में कलह इन गंभीर आरोपों के साथ और गहरा गई है।साथ और गहरा गई है।

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